शीतकालीन सत्र के आखिरी तीन दिन: पीएम मोदी की मौजूदगी में फिर मच सकता है संसद में हंगामा!
नई दिल्ली – नोटबंदी को लेकर आज संसद के दोनों सदनों में फिर हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस ने बीती रात संसद के अपने दोनों सदनों के सदस्यों को आज से शीतकालीन सत्र की बाकी अवधि में संसद में मौजूद रहने को कहा है। शीतकालीन सत्र के बचे हुए तीन दिनों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में मौजुद होने की उम्मीद है। आपको बता दें कि सदन के बाहर मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच शीतयुद्घ जारी है। मौजूदा सत्र पर नोटबंदी का मुद्दा छाया रहा है और अब तक इस विषय पर चर्चा नहीं हो सकी है। Parliament winter session.
संसद में आज नोटबंदी पर बोल सकते हैं पीएम मोदी –
मौजुदा सत्र में अभी तक नोटबंदी पर विपक्ष के हंगामे के कारण कामकाज लगभग ठप रहा है और बुधवार को भी इसके जारी रहने के पूरे आसार हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में मौजूद रहेंगे और संभावना है कि वह सदन को संबधित करेंगे। वहीं नोटबंदी के अलावा अब विपक्ष केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भी हंगामा कर सकता है। जिसकी काट के तौर पर सरकार अगुस्टा वेस्टलैंड के मुद्दे पर कांग्रेस को घेर सकती है। वहीं भाजपा ने कहा है कि अगर कांग्रेस ऐसा करती है तो उसे कई शर्मसार करने वाले सच का सामना करना पड़ेगा क्योंकि इस प्रोजेक्ट का ज्यादातर पेमेंट कांग्रेस के शासनकाल में हुआ था।
नोटबंदी पर गतिरोध खत्म होने की उम्मीद –
मौजूदा सत्र में नोटबंदी का मुद्दा छाया हुआ है और अब तक इस विषय पर चर्चा नहीं हो सकी। सूत्रों के अनुसार विपक्षी कांग्रेस को लगता है कि सत्तारूढ़ पक्ष नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानियों से ध्यान हटाने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मुद्दे को उठाकर उसके शीर्ष नेताओं पर निशाना साध सकती है। संसद में सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस सांसदों की बैठक संसद में होगी। इसके पहले सभी विपक्ष दल एक बैठक करने वाले हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बुधवार सुबह अपने प्रमुख मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे जिसमें सरकार की रणनीति तय की जाएगी।
पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ा –
संसद का सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्ष नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी से संसद में बयान कि मांग कर रहा है। गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवंबर को शुरू हुआ था। इसके बाद से नोटबंदी के मुद्दे पर लगातार गतिरोध जारी है। सरकार का कहना है कि वे नोटबंदी पर चर्चा के लिए तैयार हैं और विपक्ष ही उसे इस मुद्दे पर अपनी बात नहीं रखने दे रहा है।