विशेष

भारतीय सेना का वो जाबांज शख्स जिसकी जिद के आगे इंदिरा को भी झुकना पड़ा था ….

इंदिरा गांधी देश की प्रथम प्रधानमंत्री रहीं और उन्हें ऑयरन लेडी कहा गया। एक ऐसी नेता प्रधान जिससे पाकिस्तान भी कांपता था और भारत में जिसके हर रोज चर्चे होते थे। उन दिनों कोई ऐसा भी था जिसने इंदिरा गांधी के सामने जिद भी दिखाई थी और अपनी बात भी मनवाई थी। वह शख्स जिसने इंदिरा गांधी के सामने बैठकर उनके प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया था और इंदिरा गांधी को उसकी बात भी माननी पड़ी थी। कभी किसी के मुंह से ना शब्द नहीं सुनने वाली इंदिरा ने तब ना सुनी भी और और माना भी। वह शख्स था फील्ड मार्शल मानेकशॉ जिसे भारतीय सेना का शेर कहा गया।

सैम मानकेशॉ  थे सबके चेहते

भारतीय सेना में मानकेशॉ सबसे चहेते जनरल थी। इसकी सबसे खास वजह थी की वह कभी भी पद के गुरुरर में नहीं रहते थे औऱ ना ही उन्होंने कभी किसी को अपने से छोटा समझा। अपने ही जवानों के बीच अपनों की तरह रहना और उनका हाल पूछना ऐसा लगता था कि वह उनके बराबर ही है। उनकी इस खूबी के भारतीय तो क्या पाकिस्तानी भी कायल थे। सैम का जीवन बहुत ही दिलचस्प रहा। खबर है कि उनके ऊपर जल्द ही फिल्म बनने वाली है जिसमें रणवीर सिंह उनका किरदार निभा सकते हैं।

3 अप्रैल 1914 को पंजाब के अमृतसर में जन्मे सैम ने चार दशक फौज में गुजारे और इस दौरान पांच युद्ध में हिस्सा लिया। फौजी के रुप में उन्होंने अपनी शुरुआत ब्रिटिश इंडियन आर्मी से की थी। 2971 में हुई जंग में उनकी खासी भूमिका थी।

इंदिरा के प्रस्ताव पर किया था इनकार

जहां तक इंदिरा गांधी के आगे अपनी बात मनवाने की बात है तो यह वाक्या है 1971 का जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सैन्य कार्रवाई का मन बनाया था। उनके इस विचार को सैम मानकेशॉ ने सिरे से नकार दिया था। इस किस्से को सैम ने एक इंटरव्यू में बताया था। उन्होंने बताया की जून 1972  वह सेना से रिटायर हो गए थे और 3 जनवरी 1973 को सैम मनकेशॉ को भारतीय सेना का फील्ड मार्शल बनाया गया था।

इंदिरा गांधी के बारे मे बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उस वक्त तत्कालीन पीएम गांधी पूर्वी पाकिस्तान को लेकर काफी परेशान रहती थी। उन्होंने 27 अप्रैल को एक आपात बैठक भी बुलाई थी। उस बैठक में सैम भी शामिल थी। इंदिरा गांधी ने अपनी चिंता जताते हुए कहा था कि पूर्वी पाकिस्तान से जंग करनी होगी, लेकिन तब सैम ने उनकी इस बात का विरोध किया था। सैम ने कहा कि वह अभी इसके लिए तैयार नहीं है।

जंग के लिए मांगा समय

पीएम को यह बर्दाश्त नहीं हुआ। वह एक बार जो बात कह देती थीं वह अमल में ला दी जाती थी और पहली बार उनकी किसी चिंता का विरोध हुआ था। उन्होंने वजह जाननी चाही। सैम ने कहा कि अभी फौज एकत्रित नहीं है और ना जवानों को पूर्ण प्रशिक्षण मिला है जिससे वह जंग में लड़ सकें। अभी हम कम नुकसान के साथ यह जंग नहीं जीत सकते। उन्होंने बेहद ही साफ तरीके से यह बात इंदिरा गांधी के सामने रख दी थी।उन्होंने कहा कि अभी जवान एकत्रित करने होंगे और उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए समय चाहिए होगा। जब जंग का समय आएगा तो वह उन्हें बता देंगे।

इंदिरा गांधी के लिए यह बात बर्दाश्त से बाहर थी, लेकिन उस वक्त उन्हें उनकी बात माननी पड़ी। कुछ महीने बाद उन्होंने फौजियों के इक्टठा कर लिया और प्रशिक्षण देकर जंग का पूरा खाका तैयार कर लिया।। इंदिरा गांधी और उनके सहयोगी जानना चाहते थे कि जंग ही तो इसमें कितना वक्त लगेगा।  सैम ने हा कि बांग्लादेश फ्रांस जितना बड़ा है। अगर एक तरफ से चलना शुरु करेंगे तो डेढ़ से दो महीने लग जाएंगे। हालांकि जंग सिर्फ 14 दिनों में खत्म हो गई। मंत्रियों ने कहा कि आपने पहले दिन ही क्यों नहीं बताया कि 14 दिन ही लगेंगे। सैम ने कहा कि अगर यह बोल देते की चौदह दिन लगेंगे और पंद्रह दिन हो जाते तो वह की टांग खींचते।

क्यों जीते जंग…

सैम ने आगे कहा कि जंग जब खत्म होने वाली थी तो उन्होंने एक सरेंडर एग्रीमेंट बनाया था। इसके लिए उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा को फोन पर लिखवाकर कहा था कि इसकी चार कॉपी बन जानी चाहिए। एक कॉपी जनरल नियॉज को दूसरी पीएम  को तीसरी जनरल अरोड़ा को और चौथी उनके ऑफिस में रखी जाए। इतना ही नही, जब जंग खत्म हुई तो 90 हजार से ज्यादा पाक फौजी भारत आए और उनके रहने और खाने की व्यवस्था की गई।

एक बात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह पाक कैंप में फौजियों से मिलने गए जहां कई सूबेदार मेजर रैंक के अफसर थे। उनसे हाथ मिलाया और कैंप में मिल रही सुविधाओं के बारे में जाना। एक सिपाही ने इस दौरान उनसे हाथ मिलाने से मना कर दिया था। सैम ने जानना चाहा की वह हाथ क्यों नहीं मिला रहा। पहले वह थोड़ा हिचका और फिर हाथ मिलाया और कहा कि अब जाना की आप कैसे जीते। हमारे अफसर जनरल नियाजी कभी हमसे इस तरह से नहीं मिले जैसे आप। वह हमेशा ही गुरुर में रहते थे और कुछ नहीं समझते थे। सिपाही यह कहते हुए भावुक हो गया था।

सादगी के कायल थे लोग

सैम की यह एक खासियत रही जिसके लिए हमेशा उनकी तारीफ की गई। वह अपने फौजियों से बहुत प्रेम करते थे और उनके सुख दुख में शामिल होते थे। रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने नीलगिरी की पहाड़ियों के बीच वेलिंगटन को अपना घर बनाया था। वह अंतिम दिनों तक वहीं रहें। वह अपने ड्राइवर को भी अपने साथ रखा करते थे। जब भी उनका ड्राइवर उन्हें लेने के लिए घर पहुंचता तो वह खुद उन्हें बैठाकर चाय बनाते और ब्रेड खाने को देते। यह उनकी सादगी औऱ फितरत थी जिसके सभी कायल थे।

यह भी पढ़ें

Back to top button
?>
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet galaxy77bet galaxy77bet https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/