तीन राज्यों से करारी हार के बाद भाजपा के कर्ता-धर्ता और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए हर कदम फूंक-फूंककर रख रहे है. लोकसभा 2019 चुनाव को मद्देनजर रखते हुए मोदी सरकार ने प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए नये साल का तोहफा दिया है. सरकार ने प्राइवेट नौकरी वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और कंपनी बंद करने की मंजूरी देने में कुछ नियम बनाए हैं और कुछ में बदलाव किये हैं. ये खुशखबरी है प्राइवेट जॉब करने वालों के लिए मोदी सरकार ने दी बड़ी सौगात, लोकसभा 2019 चुनाव के लिए उन्होंने आम लोगों को लुभाया है. इस नियम पर प्राइवेट कंपनियां कितनी अमल करती हैं ये तो समय बताएगा तो चलिए बताते हैं आपको क्या हैं मोदी सरकार के वो नियम.
प्राइवेट जॉब करने वालों के लिए मोदी सरकार ने दी बड़ी सौगात
मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव के पहले प्राइवेट कर्मचारियों के लिए एक खास नियम बनाए हैं जिसमें उनके एक डर को खत्म किया गया है. दरअसल प्राइवेट नौकरी करने वालों को ये डर हमेशा रहता है कि कहीं उनकी नौकरी चली ना जाए या फिर उनकी कंपनी बंद ना हो जाए. मगर अब उन्हें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि सूत्रों के मुताबिक, जिस प्राइवेट कंपनी में 100 लोगों से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं वहां पर किसी को हटाने से पहले कंपनी के मालिक को सरकार से परमिशन लेनी होगी. इसके साथ ही अगर 100 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं तो उस कंपनी को बंद करना भी आसान नहीं होगी. कंपनियों को कर्मचारियों को निकालने से पहले भी सरकार से मंजूरी लेनी होगी. केंद्र सरकार ने श्रमकानून में से इस विवादास्पद कानून को हटाने का फैसला लिया गया है और इसके साथ ही सरकार ने क्लॉज में कुछ बदलाव किए हैं. सरकार ने कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशन के अंतर्गत ये कानून बनाया और बदलाव आया है. सरकार ने ड्राफ्ट बिल में कर्मचारियों की संख्या 100 से 300 की थी लेकिन अब 100 ही है और अब इसका फायदा प्राइवेट कर्मचारियों को मिलेगा.
अब कंपनियां लेंगी सरकार से मंजूरी
मोदी सरकार ने प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए बनाए हैं ये नियम. इन नियमों को आप अच्छे से पढ़िए और अपनी नौकरी के लिए बेफिक्र रहिए क्योंकि मोदी सरकार हर किसी के लिए कुछ ना कुछ सोच रही है.
1. जिस कंपनी में 100 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं तो उसे बंद करना आसा नहीं होगा.
2. कर्मचारियों को हटाने से पहले कंपनी के मालिक को सरकार की मंजूरी लेनी होगी.
3. श्रमकानून से विवादास्पद क्लॉज को हटाने का फैसला सरकार ने लिया है.
4. Closure, Layoff-Retrenchment क्लॉज में भी मोदी सरकार ने बदलाव किये हैं.
5. कोड ऑन इंटस्ट्रियल रिलेसन के अंतर्गत ये नये बदलाव किए गए हैं.
6. ड्राफ्ट बिल में कर्मचारियों की संख्या 100 से 300 कर दी गई थी, जिससे 300 से कम कर्मचारी वाली कपंनी मनमानी कर सकती है.
7. ट्रेड यूनियन के दबाव में सरकार ने कड़े सुधारों से अपने कगम वापस लिये.
8. संशोधित ड्राफ्ट बिल सरकार ने कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा था.
9. दो से तीन हफ्तों के अंदर सरकार नए कोड में देगी मंजूरी.