पठानकोट हमले का कांग्रेस कनेक्शन
पठानकोट हमले में कांग्रेस भले ही सरकार पर आक्रामक होने की कोशिश कर रही थी लेकिन पठानकोट हमले की असली वजह कांग्रेस सरकार थी। जी हां, ये बात सच है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक पठानकोट हमले का हैंडलर शाहिद लतीफ को मनमोहन सिंह सरकार ने 2010 में गुडविल जेस्चर के तहत छोड़ा था। यूपीए सरकार ने यह कदम पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने के लिए उठाया था।
अंग्रेजी अखबार ने अपने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया कि लतीफ 11 साल से भारतीय जेल में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बंद था। वह उन हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर के तैयबा के उन 25 आतंकियों में शामिल था जिसे 28 मार्च 2010 को यूपीए सरकार द्वारा छोड़ा गया था। उन आतंकियों को कश्मीर, काशी और देश के अन्य जेलों में बंद रखा गया था।
दिलचस्प बात यह भी है कि लतीफ को कांधार विमान अपहरण के दौरान भी छुड़वाने की कोशिश की गई थी लेकिन वाजपेयी सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी। अखबार ने लिखा है कि जो काम आईएसआई कांधार अपहरण के जरिए न कर सका वो इसने बड़ी आसानी से मनमोहन सरकार को मना कर करवा लिया। आईएसआई मनमोहन सरकार को ये समझाने में कामयाब रहा कि लतीफ को छोड़ने से दोनों देश के बीच के रिश्ते सुधरेंगे।
शाहिद लतीफ पठानकोट हमले का हैंडलर है और वो आतंकी गुट के सरगना मसूद अजहर के काफी करीब माना जाता है। वो जैश के आतंकी गतिविधियों को भारत में बढ़ने का जिम्मा संभालता है।