पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल है बेहद सुंदर, हर साल लगता है यहाँ लाखों लोगों का तांता
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल: यह दुनिया दिखने में जितनी गोल और बड़ी है, उतनी ही अंदर से खूबसूरत भी है. यहाँ ऐसी हजारों जगह हैं, जो किसी को भी अपनी ख़ूबसूरती से आकर्षित कर सकती हैं. यदि आप भी घूमने फ़िरने के शौक़ीन हैं, खासकर एक भारतीय हैं तो आज हम आपको पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं. पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल सदियों से अपनी सुंदरता के लिए चर्चित रहे हैं. यहाँ हर साल लोगों की भीड़ का तांता लगा रहता है. यहाँ आज भी ब्रिटिश काल की अनेकों इमारतें देखने को मिलती है जो अपने आप में ढेरों राज बयां करती हैं. चलिए जानते हैं कहाँ है यह पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल और इनकी खासियत क्या क्या है.
कहाँ हैं पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल?
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित हैं. यह भारत का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल माना जाता है. हरे भरे और शांत वातावरण में लिपटी नदियाँ और झरने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. यहाँ नदियों और झरनों के इलावा भगवान शिव शंकर के कईं मंदिर भी हैं जो श्रद्धालुओं के लिए एक उत्तम तीर्थस्थल माने जाते हैं. यदि आप भी दिन-भर की भागादौड़ से तंग आ गए हैं और परिवार के साथ छुट्टियाँ बिताने की प्लानिंग कर रहे हैं तो पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल आपके लिए अति उत्तम साबित हो सकते हैं, यहाँ आपका घूमना फिरना भी हो जाएगा और साथ ही यह यात्रा आपके लिए एक तीर्थ यात्रा भी बन जाएगी.
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल – प्रियदर्शिनी प्वाइंट
आपको बता दें कि कैलाश पर्वत के बाद पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल को ही भगवान शिव का दूसरा घर माना जाता है. यहाँ सतपुड़ा पहाड़ियों में मौजूद सबसे ऊंचा प्रियदर्शिनी प्वाइंट सच में देखने लायक है. इस स्थान से यात्री पंचमढ़ी के चारों ओर का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं. बहुत से लोग पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल में से प्रियदर्शिनी प्वाइंट पर इसलिए पसंद करते हैं ताकि वह ढलता हुआ सूरज देख सकें क्यूंकि ढलती हुई शाम का सुंदर नजारा बेहद दिलकश होता है.
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल – पांडव गुफाएं
पचमढ़ी के स्थल में से दूसरा अहम स्थान पांडव गुफाएं हैं. यह एक छोटी सी पहाड़ी पर मौजूद गुफाएं हैं जो पांच पांडवों के जीवन को दर्शाती हैं. माना जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण 9वीं या 10वीं सदी में बौद्धों द्वारा किया गया था. इन्ही पांच गुफाओं के नाम से इस स्थान का नाम ‘पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल’ पड़ा है. यहाँ की हर गुफा में आपको कलात्मक शैलियाँ और चित्र देखने को मिलेंगे. तो यदि आप कभी पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल देखने जाएँ तो इन गुफाओं को अवश्य देखें.
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल – महादेव गुफा
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल में तीसरा घूमने लायक स्थान महादेव गुफा है. यह एक प्रकार का तीर्थ स्थल है जहाँ हर साल लाखों शिव भक्त दर्शनों के लिए पहुँचते हैं. ख़ास बात यह है कि महादेव की इस गुफा से हर समय पानी बहता रहता है. यह गुफा लगभग 30 मीटर लंबी है और गुफा के अंदर एक शिवलिंग स्थापित है. यदि आप पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल देखने जाए तो महदेव की गुफा में एक बार हाजिरी जरुर लगाएं.
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल- जटाशंकर
जटाशंकर पचमढ़ी के दर्शनीय स्थलों में बेहद प्रचलित है. यह पचमढ़ी से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है. असल में यह भगवान शिव की एक पवित्र गुफा है. जिसके ऊपर बिना किसी सहारे के झूलता हुआ विशाल शिलाखंड रखा गया है. इसके इलावा इस गुफा में भगवान शिव का एक प्राकृतिक शिवलिंग भी बना हुआ है. इस गुफा के दर्शन करने हर साल लाखों शिव भक्त आते हैं.
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल-अप्सरा विहार
पचमढ़ी दर्शनीय स्थल की पांडव गुफा के साथ ही एक अन्य गुफा स्तिथ हा जिसे आज के समय में सभी लोग अप्सरा विहार या परी ताल के नाम से जानते हैं. यहाँ अआप पैदल यात्रा द्वारा आसानी से पहुँच सकते हैं. अप्सरा विहार में एक तलाब मौजूद है जोकि एक छोटे झरने से बना हुआ है. यह लगभग 30 फीट ऊंचा है. खास बात यह है कि इस तलाब में तैराकी और गोताखोरी भी आसानी से की जा सकती है.
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल- राजेन्द्र गिरी
राजेंद्र गिरी पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल में एक और अन्य घूमने लायक स्थल है. इस जगह का नाम भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर रखा गया था. दरअसल, राजेंद्र प्रसाद को यह जगह काफी पसंद आई थी जिसके कारण इसका नाम उनके नम पर रख दिया गया था. वह इस जगह से ख़ूबसूरती से काफी प्रवित हुए थे और कईं बार यहाँ आते थे. उनके ठहरने के लिए यहाँ रवि शंकर भवन बनवाया गया था.
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल- चौरागढ़
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल के महादेव गुफा से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर चौरागढ़ स्तिथ है. आप महदेव से 4 किलोमीटर यात्रा तय करके कड़ी चढ़ाई से चौरागढ़ पहुँच सकते हैं. यह पहाड़ी पर बना एक मंदिर है जहाँ भगवान शिव शंकर की प्रतिमा स्थापित की गई है. इसी स्थल पर भगवान शिव को त्रिशूल भेंट करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है.
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल- सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क
सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल में मौजूद है. यह पार्क लगभग 524 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. इसका निर्माण 1981 में किया गया था. यहाँ आपको दुर्लभ पक्षी देखने को मिलेंगे. पक्षियों के इलावा यहाँ तेंदुए, बिसन, टाइगर, हिरन आदि जानवरों को भी देखा जा सकता है. अपनी ख़ूबसूरती के लिए यह पार्क काफी प्रसिद्ध है. शायद यही वजह है जो हर साल यहाँ कईं सैलानी आते हैं.
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल की अन्य खासियतें
जिस तरह कश्मीर को स्वर्ग माना जाता है, उसी प्रकार पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल भी किसी स्वर्ग से कम नही है. मध्यप्रदेश में बसे एक खूबसूरत दर्शनीय स्थल को ढूँढने का पूरा श्रेय कैप्टन जे. फोरसिथ को जाता है. पचमढ़ी खूबसूरत गुफाओं और वादियों से भरा स्थल है जो अपनी सुन्दरता के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल की अन्य खासियतें कुछ इस प्रकार हैं-
यहाँ मौसम रहता है सुहाना
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल आपके लिए एक बेस्ट हॉलिडे स्पॉट साबित हो सकते हैं. यहाँ का सुहाना मौसम जगह की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगाता है. बता दें कि मध्य प्रदेश के अन्य शहरों का तापमान भले ही 45-48 डिग्री तक पहुँच जाता है लेकिन पचमढ़ी का तापमान हमेशा 32-35 तक ही स्थिर रहता है. शायद यही वजह है जो गर्मियों में भी पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल में सैलानियों की भीढ़ लगी रहती है.
हरे भरे वन करते हैं आकर्षित
पचमढ़ी सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में बसा हुआ है. इसीलिए यह एक वन्यजीव अभयारण्य है. 1981 में बसे इस स्थल में भीड़ का एक कारण इसके हरे भरे वन भी हैं. बता दें कि हरियाली से भरपूर यह वन पचमढ़ी के 524 वर्ग क्षेत्र में फैले हुए हैं. यहाँ आपको विभिन्न प्रकार के पशु और पक्षी दिखाई देंगे जोकि यात्रियों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बिंदु हैं.
कैसे पहुंचे पचमढ़ी
यदि अप भी पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल देखना चाहते हैं तो यहाँ पहुँचने के लिए आप रेल मार्ग, सडक मार्ग या वायु मार्ग का चयन कर सकते हैं. क्यूंकि पचमढ़ी एक बहुत बड़ा पर्यटक स्थल है इसलिए यहाँ पहुंचना बेहद आसान है.