3.8 लाख रुपए ऑटो में भूल गए सवारी, पैसे देख ड्राइवर का ईमान न डोला लेकिन उसे असली मालिक न मिले
अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि आज का दौर बिल्कुल भी सही नहीं है, लोगों पर एक पैसे का विश्वास करना मूर्खता होती है. बात सही भी है आज के दौर में पैसों के लिए भाई-भाई तो क्या लोग अपनी जन्म देने वाली मां का भी खून कर देते हैं. आज के कलयुग दौर में पैसा बहुत बड़ी चीज बन गई है लेकिन इसी दुनिया में बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनका ईमान जिंदा है और वो लोग अपने कारनामों के जरिए उसे जिंदा भी रखते हैं. कुछ ऐसा ही किया एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर ने जब गलती से 3.8 लाख रुपए ऑटो में भूल गए पैसेंजर्स, तो उसने अपना पूरा जोर लगा दिया वो पैसा उन तक पहुंचाने में लेकिन अगर वो चाहता तो चुपचाप उन पैसों को रख सकता था मगर ऐसा नहीं हुआ.
गलती से 3.8 लाख रुपए ऑटो में भूल गए पैसेंजर्स
तमिलनाडु के चेन्नई में एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर ने पुलिस के हवाले 3.8 लाख रुपयों से भरा बैग किया. उस ऑटो ड्राइवर ने बताया कि ये बैग एक पैसेंजर का है जो शायद कार खरीदने के इरादे से उसकी ऑटो में बैठे और एक शोरूम के पास उतरे थे. ऑटोरिक्शा ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि बुधवार शाम को उसके ऑटो में तुतीकोरिन से मोहम्मद अजहरुद्दीन और चिन्मय नगर से दो लोग बैठे थे. जब वो दोनों ऑटो से उतरे तो अपना लैपटॉप बैग ऑटो में ही भूल गए और उस शोरूम में चले गए. ऑटो वाले ने पैसा लिया और चला गया कुछ दूर जाने के बाद उसकी नजर पीछे रखे बैग पर पड़ी. उसने देखा तो बैग में ढेर सारे रुपये पड़े थे ये देखकर वो हैरान हो गया और तुरंत उसी शोरूम में गया जहां पर वो दोनों उतरे थे लेकिन वहां से वो जा चुके थे. तभी उस ऑटो रिक्शा ड्राइवर के दिमाग में पुलिस के पास जाने की तरकीब आई और वो रुपया लेकर पहुंच गया और इत्तेफाक ये था कि जिनका रुपया था वे वहीं पर रिपोर्ट लिखाकर गए थे.
जैसे ही ऑटोरिक्शा ड्राइवर पुलिस स्टेशन पहुंचा तो उसने सारा हाल थाना इंचार्ज को बताया. पुलिस ने अजहरुद्दीन को बुलाया और अपने पैसे गिनवाए और उस ड्राइवर की पहचान करवाई, सबकुछ वैसा ही था जैसा ऑटोरिक्शा ड्राइवर बता रहा था. इस बात को सुनकर उस आदमी ने उसका धन्यवाद कहा और सभी पुलिस ऑफिसर्स ने तालियों के साथ ऑटोरिक्शा ड्राइवर का अभिवादन किया.
शहर के कमिश्नर ने किया सम्मान
ऑटोरिक्शा ड्राइवर प्रथिबन के इस ईमानदारी को पुलिस ऑफिसर्स ने सलाम किया और फिर शहर के कमिश्नर एके विश्वनाथम ने उसकी तारीफ की, इनाम दिया और उसकी ईमानदारी के लिए सम्मानित भी किया. एके विश्वनाथम ने बताया कि अगर ऐसे लोग भारत के हर स्टेट में हो जाएं तो शायद कभी किसी शहर में लूट या चोरी नहीं हो. इंसान के अंदर ईमानदारी जिंदा रहेगी तभी क्राइम कम होंगे और इस बात की सीख हर व्यक्ति को उस ऑटोरिक्शा ड्राइवर से लेना चाहिए.