दुनिया छोड़ने से पहले ये 2 काम करना चाहते थे कादर खान, लेकिन अधूरी रह गयी उनकी दोनों ख्वाइशें
31 दिसंबर को शाम करीब 6 बजे मशहूर अभिनेता और कॉमेडियन कादर खान का निधन हो गया. कादर खान ऐसे दिग्गज अभिनेताओं में से रहे हैं जिनका नाम लेने भर से ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाए हैं. उनके द्वारा निभाए गए कुछ किरदार ने हमें जमकर हंसाया है तो कुछ किरदारों ने रोने पर मजबूर कर दिया. कादर खान का जादू 90 के दशक में बहुत चला था. गोविंदा और कादर खान की जोड़ी तो बहुत मशहूर भी हुई थी. दोनों ने कई फिल्मों (हीरो नंबर 1, राजा बाबू, दुल्हे राजा, आखें) में साथ काम किया. लेकिन लोगों को अपनी बातों से गुदगुदाने वाले कादर खान अब इस दुनिया में नहीं रहे. साल का पहला दिन बॉलीवुड जगत के साथ-साथ पूरे देशवासियों को झटका दे गया. साल के पहले दिन ही ऐसी मनहूस खबर सुनने को मिली जिसे सुनकर सबकी आंखें नम हो गयीं. कुछ दिनों पहले ही उन्हें क्रिटिकल कंडीशन में कनाडा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बता दें, 81 साल की उम्र में कदर खान का निधन हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले कुछ समय से वह खुद को काफी अकेला महसूस करने लगे थे. उन्हें इस बात का बेहद दुख था कि इतने साल बॉलीवुड में गुजारने के बाद भी कोई उनका हाल-चाल लेने नहीं आता था. उनकी दो ख्वाइशें भी थी जिसे मरने से पहले वह पूरा करना चाहते थे लेकिन उनकी ये ख्वाइश ख्वाइश ही रह गयी.
पूरा करना चाहते थे ये दो ख्वाइशें
कादर खान की दो ख्वाइशें थी जिसे मरने से पहले वह पूरा करना चाहते थे. जब वह अपने घुटनों का इलाज करवाने कनाडा जा रहे थे तब आखिरी बार उनकी बात शक्ति कपूर से हुई थी. उन्होंने शक्ति कपूर से कहा था कि उनकी ख्वाइश है कि मरने से पहले वह एक बार जरूर भारत आयें और दूसरी ख्वाइश ये थी कि वह जया प्रदा और अमिताभ बच्चन को लेकर एक फिल्म बनाना चाहते थे. उन्होंने फिल्म का नाम भी सोच रखा था ‘जाहिल’ लेकिन उनका ये सपना भी अधूरा रह गया.
81 साल की उम्र में हुआ निधन
बता दें, कुछ दिनों पहले जब उनकी हालत बिगड़ी थी तो उन्हें अस्पताल में BiPAP वेंटिलेटर पर रखा गया था. इतना ही नहीं, प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लियर पाल्सी डिसऑर्डर की वजह से उनके दिमाग ने भी काम करना बंद कर दिया था. कुछ दिनों से उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिस वजह से उन्हें बाइपेप वेंटीलेटर पर रखा गया था. 81 साल के कादर खान को काफी समय से बोलने में भी तकलीफ़ होती थी. वह सिर्फ अपने बेटे और बहु की बातों को ही समझ पाते थे. दरअसल, प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लियर पाल्सी एक असामान्य मस्तिष्क विकार है जो शरीर की गति, शरीर के संतुलन, बोलने, निगलने, देखने, मनोदशा और व्यव्हार के साथ सोच को प्रभावित करता है.
इन फिल्मों में किया काम
कादर खान के फ़िल्मी करियर की शुरुवात फिल्म ‘दाग़’ से हुई थी जो कि साल 1972 में आई थी. इसके अलावा उन्होंने अदालत, परवरिश, दो और दो पांच, याराना, खून का कर्ज, दिल ही तो है, कुली नंबर 1, तेरा जादू चल गया, हीरो नंबर 1, दूल्हे राजा सहित कई अन्य सुपरहिट फिल्मों में भी काम किया. उनकी आखिरी फिल्म 2015 में आई ‘दिमाग का दही’ थी.
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