यहाँ हनीमून एन्जॉय कर रही हैं ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की पारुल, शेयर की बेहद रोमांटिक तस्वीरें
शादी के इस सीजन में बॉलीवुड, खेल और टीवी जगत के कई पॉपुलर सितारों ने शादी की वहीं टीवी एक्ट्रेस पारुल चौहान ने भी अपने लॉन्ग टाइम ब्वॉयफ्रेंड चिराग ठक्कर के साथ कोर्ट मैरिज की. 12 दिसबंर को इन्होंने कोर्ट मैरिज करने के बाद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी. अब पारुल और चिराग अपने हनीमून का आनंद उठा रहे हैं. पहले ये नया शादीशुदा जोड़ा नेपाल गया और वहां घूमने के बाद मालद्वीप में छुट्टियां बिता रहे हैं. पारुल-चिराग बीच के किनारे कभी शिप पर रोमांटिक पोज देते तो कभी स्काई डाइविंग करते नजर आते. पारुल की तरह चिराग भी टीवी एक्टर हैं. अब शादी के बाद यहाँ हनीमून एन्जॉय कर रही हैं ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की पारुल चौहान, इन्होंने अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपडेट की है.
यहाँ हनीमून एन्जॉय कर रही हैं ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की पारुल चौहान
पारुल चौहान और चिराग ठक्कर की पहली मुलाकात साल 2015 में कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई थी. इसके बाद इनकी दोस्ती हुई और फिर दोस्ती प्यार में बदली, करीब तीन साल रिलेशनशिप में रहने के बाद पारुल-चिराग ने 12 दिसंबर को कोर्ट मैरिज की. आजकल पारुल स्टार प्लस के पॉपुलर शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में काम कर रही हैं, इसके अलााव भी पारुल के कुछ टीवी शोज आए जिसमें इन्होंने यादगार किरदार निभाया था. पारुल का सबसे पॉपुलर शो ”बिदाई : सपना बाबुल का” में एक सावंली लड़की बनकर आई थीं, ये सीरियल लगभग 5 सालों तक चला इसके बाद इसे सफलतापूर्वक ही बंद कर दिया गया. इस सीरियल के बाद पारुल को कई सीरियल ऑफर हुए और आपको बता दें कि पारुल को बिदाई सीरियल उनके सांवलेपन की वजह से ही मिला था. साल 2007 में पारुल ने अपना एक्टिंग करियर शुरु किया लेकिन यहां तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था.
सांवलेपन का उड़ता था मजाक
19 मार्च, 1988 को यूपी के लखीमपुर खीरी में जन्मी पारुल चौहान जब मुंबई पहुंची तब उन्हें सांवलेपन की वजह से काम नहीं मिलता था. सांवलेपन की वजह से इन्हें कई जगह रिजैक्शन झेलना पड़ा था. यहां तक कि ऑडिशन्स के दौरान भी लोग उनका सांवलेपन की वजह से मजाक बनाते थे. पारुल ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि अपने संघर्ष के दिनों में उन्हें कितनी परेशानियां हुईं. उन्होने बताया, ”4 महीने हॉस्टल में रहने के दौरान एक टाइम ही टिफि मंगाती थीं, जिसमें दो रोटी सुबह और दो शाम को खाकर काम चलाती थीं. इससे पहले रिलेटिव के कहने पर मां ने शादी के लिए बचाकर पैसे दिए और एक्टिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया.” इसके आगे बताया, ”4 महीने के स्ट्रगल के बाद मुझे बालाजी में एक छोटा सा रोल ऑफर हुआ, मुंबई में गोरेगांव की एनएनपी सोसायटी को स्ट्रगल सोसायटी माना जाता है. जहा पर देश भर से लोग आते और संघर्ष के दिनों में रहते थे.