केवल 3 फीट की है ये महिला IAS ऑफिसर, अपने काम की वजह से पूरे देश की महिलाओं के लिए बन गई हैं मिसाल
इंसान चाहे कम सुंदर हो, कम पैसे वाला हो या फिर कम हाइट वाला हो लेकिन अगर मन में कुछ करने की लगन होती है तो हर काम आसान बन जाता है. कुछ करने की लगन इंसान को कहां से कहां पहुंचा देती है और लोगों को यकीन तक नहीं हो पाता, कुछ ऐसा ही कर दिखाया केवल 3 फीट की है ये महिला IAS ऑफिसर ने, अपनी पढ़ाई और मेहनत के बल आज बड़े-बड़े ऊंचे कद के लोग उनके आगे झुकते हैं. देहरादून में पली-बढ़ी IAS ऑफिसर आरती डोगरा अपने काम के जरिए चर्चा में बनी रहती हैं. इन्होंने ऐसे-ऐसे काम किए हैं कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इनके काम से बहुत प्रभावित हुए.
केवल 3 फीट की है ये महिला IAS ऑफिसर
18 दिसंबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री ने अपना कार्यभार संभालते ही 40 आईएएस ऑफिसरों का तबादला कराया. सूबे में हुए इस अहम प्रशासनिक बदलावों के साथ ही आरती डोगरा को संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी दी गई और इसके पहले आरती अजमेर में कलेक्टर के पद पर कार्यरत थीं. साल 2006 बैच से पास आउट हुईं IAS आरती डोगरा भले ही कद से तीन फीट की हों लेकिन इन्होंने अपने प्रशासनिक फैसलों से राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे देश में महिलाओं के लिए मिसाल बनने वाला काम किया है. आरती की तारीफ देश के प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुकें हैं. डोगरा अजमेर से पहले बीकानेर कलेक्टर सहित कई दूसरे महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकी हैं और अपनी काबीलियत का लोहा मनवा चुकी हैं. आईएएस आरती डोगरा के मुताबिक, इंसान को कभी लड़के और लड़कियों में फर्क नहीं करना चाहिए और अगर कोई महिला या पुरुष ऑफिसर बन जाएं तो उन्हें एक समान व्यवहार करना चाहिए.
एक अवॉर्ड इवेंट में आरती ने बताया कि जब उन्होंने IAS की परीक्षा पास की थी तब उनके घर बहुत से लोग बधाई देने पहुंचे थे. उनमें से एक ने मेरी मां से कहा, ”आपकी बेटी ने बेटे की कमी पूरी कर दी.” तो इसके जवाब में मेरी मां ने कहा, ”बेटे की कमी कभी हुई ही नहीं. वो हमारी बेटी है और उसने अपना काम किया है और हमारा नाम रोशन किया है.”
महिलाओं के लिए किया ये काम
मोदी सरकार ने देश में स्वच्छ भारत अभियान चलाया जिसमें देश से गंदगी साफ करने की जिम्मेदारी यहां रहने वाले हर नागरिक की हो गयी. इसी दौरान खुले में शौच नहीं करने की मुहीम चलाई गई और कई गांवों में शौचालय बनवाए गए. उस दौरान आरती बीकानेर में कलेक्टर के पद पर कार्यरत रहीं और उन्होंने ‘बंको बिकाणो’ नाम का एक कैंपेन चलाया जिसके अंतर्गत खुले में शौच नहीं करने के लिए लोगों को प्रेरित किया गया. एडमिनिस्ट्रेशन के लोग सुबह 4 बजे से ही उस गांव और आस-पास के इलाकों में घूमकर खुले में शौच करने वालों को रोकते थे. उनके रहते गांवों में पक्के शौचालय भी बनाए गए इसकी मॉनीटरिंग मोबाइल सॉफ्टवेयर के जरिए की जाती थी.
एक रिपोर्ट के मुताबिक यह कैंपेन 195 ग्राम पंचायतों में चलाया गया. इस कैंपेन की कामयाबी के बाद आस-पास के जिलों में भी इस काम को किया गया और आरती डोगरा की खूब प्रशंसा हुई. आपको बता दें कि आरती डोगरा को स्टेट लेवल से लेकर नेशनल लेवल तक कई अवॉर्ड्स मिल चुके हैं.