भारत ने बनाया एशिया का दूसरा सब से बड़ा ब्रिज, नीचे चलेगी रेल और ऊपर चलेगी गाड़ियां
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने देश को सबसे बड़ा गिफ्ट दिया है। जी हां, पीएम मोदी ने देश को सबसे लंबा रेल सड़क गिफ्ट दिया है। पीएम मोदी ने मंगलवार को इस सड़क का शुभारंभ किया है। यह रेल सड़क एशिया का दूसरा और देश का पहला है। इस पुल का नाम बोगीबील है, जोकि देश का सबसे बड़ा पुल है। इस पुल को बनाने में काफी वक्त लगा है, लेकिन अब पीएम मोदी ने इस पुल को देश को समर्पित कर दिया है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
केंद्र सरकार द्वारा 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी बोगीबील पुल और उस पर रेल आवागमन की शुरूआत की। शुभारंभ से पहले पीएम मोदी ने प्रदर्शनी का जायजा लिया और इसके अलावा तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस में सवार यात्रियों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। पीएम मोदी असम के डिब्रूगढ़ लगभग डेढ़ बजे पहुंचे थे। बता दें कि यह रेल सड़क लोगों के लिए काफी ज्यादा मददगार होने वाली है, क्योंकि अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और हवाई अड्डा डिब्रूगढ़ में हैं, ऐसे में लोग अब यात्रा आसानी से कर पाएंगे।
इस पुल को बनाने में आया इतना खर्चा
#WATCH Prime Minister Narendra Modi at Bogibeel Bridge, a combined rail and road bridge over Brahmaputra river in Dibrugarh. #Assam pic.twitter.com/LiTR9jO5ks
— ANI (@ANI) December 25, 2018
देश का पहला सबसे बड़ा रेल सड़क को बनाने में 5,900 करोड़ रुपए का खर्च आया है और मियाद 120 वर्ष पुरानी है। साथ ही आपको बता दें कि इससे असम और अरूणाचल प्रदेश के बीच की दूरी सिर्फ 4 घंटे रह जाएगी। और वहीं असम से दिल्ली की दूरी 37 घंटे से घटकर महज 34 घंटे हो जाएगी। इस लिहाज से यह पुल काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसके अलावा ब्रह्मपुत्र नदी पर बना 4.9 किलोमीटर लंबा पुल देश का पहला पूर्णरूप से जुड़ा पुल है, जिसे बनाने आम पुलो के अपेक्षा कम खर्चा लगा है।
बोगीबील पुल से जुड़ी अन्य बाते
यूं तो यह पुल अपने आप में ही खास है, लेकिन इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हम सभी को होनी चाहिए। बता दें कि इस पुल के बनने के बाद आम जनता समेत सेना को भी काफी लाभ होगा, तो चलिए जानते हैं कि इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बाते कौन कौन सी है?
1. देश के सबसे बड़े पुल में सबसे ऊपर एक तीन लेन की सड़क है और उसके नीचे दोहरी रेल लाइन है।
2. बोगीबील पुल ब्रह्मपुत्र के जलस्तर से 32 मीटर की ऊंचाई पर है।
3. बोगीबील पुल भूकंप प्रभावित क्षेत्र पर बना है। 7 रिएक्टर तीव्रता से ज्यादा भूकंप आने पर भी यह धाराशायी नहीं होगा।
4. तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस हफ्ते में पांच दिन चलेगी।
5. कुल 14 कोचो वाली यह ट्रेन तिनसुकिया से दोपहर को रवाना होगी और नाहरलगुन अगले सुबह पहुंचेगी। इससे पहले लोगों को यहां तक सफर करने के लिए कई ट्रेन बदलने पड़ते थे।