रिलेशनशिप पर हुए रिसर्च में सामने आई 4 आश्चर्यजनक बातें, क्या आपके साथ भी बिल्कुल ऐसा होता है ?
रिलेशनशिप एक ऐसा रिश्ता है जिसमें बंधने वाला खुश दिखता है लेकिन इससे भागने वाले असल में खुश होते हैं. फिर भी दुनिया गर्लफ्रेंड-ब्वॉयफ्रेंड और शादी के बंधन में बंधने के लिए परेशान रहता है. उनके अनुसार पछताना है ही तो लड्डू खाकर ही पछता लें ज्यादा अच्छा है. कुछ इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए रिलेशनशिप पर हुए रिसर्च में सामने आई 4 आश्चर्यजनक बातें. दरअसल साल 2018 में हर एक ट्रेंड पर रिसर्च हुए जिसमें हेल्थ, फूड और रिलेशनशिप शामिल है. रिलेशनशिप पर कई तरह की बातें सामने आईं जिसमें ऑनलाइन डेटिंग, पार्टनर के हिसाब से कैसा होना चाहिए, क्या शादीशुदा लोग ज्यादा खुश रहते हैं और सिंगल लोग कैसे हते हैं इन सवालों के जवाब आए हैं.
रिलेशनशिप पर हुए रिसर्च में सामने आई 4 आश्चर्यजनक बातें
शादी के लिए हर किसी के कई सपने होते हैं लेकिन हर किसी का सपना पूरा और उन्हें मनमुताबिक लाइफपार्टनर मिल जाए ये मुश्किल होता है. देखिए रिलेशनशिप पर हुए रिसर्च में क्या बातें सामने आईं.
शादी खुशी देती है मगर गम के साथ
शादी होते समय दुल्हा-दुल्हन बहुत खुश होते हैं लेकिन इस शादी के साथ ही इनके जीवन में कई तरह के बदलाव आते हैं. जिसमें कभी-कभी कम खुशियां और कई परेशानियां शामिल होती हैं. रिसर्ट के मुताबिक, शादी के बाद लोगों का खुलापन और ज्यादा घूमना फिरना बंद हो जाता है और शादी के कुछ दिनों तक लोग संतुष्ट होते हैं फिर कुछ साल बाद बस उसे काट रहे थे क्योंकि ज्यादातर लोग अपनी शादी से खुश नहीं होते और सोचते हैं रुक जाते तो और अच्छा कोई मिल जाता.
सिंगल लोग रहते हैं ज्यादा खुश
रिसर्च के मुताबिक, सिंगल लोगों की लाइफ में मैरिड से ज्यादा मजबूत सोशल नेटवर्क और फ्रेंड्स सर्किल होता है. इसी वजह से वो लोग मेंटली और फिजिकली हेल्दी जिंदगी जीते हैं. वहीं दूसरी तरफ मैरिड लोग हेल्दी होते भी खुश नहीं आते तभी लोग पूछते हैं शादी हो गई है क्या .ऐसा इसलिए क्योंकि घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों में व्यक्ति अपने आपको मेनटेन नहीं कर पाता और उनकी जिंदगी में खुशी के मौके भी कम आने लगते हैं.
ऑनलाइन डेटिंग
एक दौर था जब ऑनलाइन डेटिंग विदेशों में ज्यादा होती थी लेकिन अब तो ये भारत में भी आम हो गया है. ऑनलाइन यहां पर ना जाने कितनी शादियां हुई हैं. कोई भी सोशल मीडिया एप खोलो उसमें यूजर्स लिस्ट देखते रहो और जो अच्छा लग जाए उसे बार-बार देखने लगो फिर रिक्वेस्ट भेजो और हो गई दोस्ती. फिर प्यार और शादी ऐसा ही होता है इसके पीछे मनोविज्ञान कहता है कि कहीं हम अपने किसी खास को मिस ना कर दें.
अपोजिट नेचर आता है पसंद
अक्सर लोग कहते हैं कि अगर आप अपने स्वभाव से विपरित लोगों को पसंद करते हैं और उनके साथ रहते हैं तो उनके साथ ज्यादा खुश रहते हैं ना कि अपने जैसा या जैसी पाकर. मगर रिसर्च कहती है कि अगर दो लोगों की सोच एक हो तो जिंदगी आसान हो जाती है जैसे अगर दोनों को एक जैसा खाना पसंद है तो आसानी होती है वरना किसी एक को कुर्बानी देनी होती या फिर अलग-अलग पसंद का ज्यादा खाना बनाना पड़ता है.