क्या करें अगर बच्चे हो जाएं जिद्दी…..?
तुम भी क्या बच्चों सी जिद कर रही हो…….ऐसा तब कहा जाता है जब आप किसी बात पर अब एक दम से ढीठ हो जाती हैं। हालांकि बच्चों का जिद्दी होना और बड़ों के जिद्दी होने में बहुत अंतर हैं। बड़े जहां किसी वजह से जिद करते हैं तो कई बार बच्चे बेवजह की जिद करते हैं। कई बार माता पिता को अपने बच्चों के जिद की वजह से शर्मिंदा होना पड़ता है। हर बच्चा चंचल और मासूम हो जरुरी नही है। कुछ बच्चे बहत ज्यादा जिद्दी होते हैं। उनकी जिद का कारण क्या है और आप इसमें कैसे बदलाव ला सकती हैं यह जानना जरुरी है।
समझने की कोशिश करें
अगर आपका बच्चा जिद्दी होता जा रहा है तो पहले यह जानने की कोशिश करें की यह उसका नेचर है या फिर आपसे कहीं गलती हो रही है। दरअसल कई बार बच्चे इसलिए भी जिद्दी हो जाते हैं क्योंकि माता पिता उन्हें समझते नहीं या फिर ये कहें कि समझा नहीं पाते। किसी बात की फरमाइश करने पर आप कैसे रिएक्ट करते हैं यह आपके बच्चे की जिद पर निर्भर करता है। मसलन अगर बच्चे ने किसी चीज की फरमाइश की और आपने नहीं पूरी की तो वह जिद पर आ जाते हैं और बाद में आप इस चीज को पूरा कर देते हैं तो बच्चों को लगता है कि आपनी कोई भी बात मनवाने के लिए जिद्दी बनना जरुरी है।
उनकी बात सुनें
कुछ बच्चे दूसरे बच्चों की अपेक्षा कम बोलते हैं और उन्हें लगता है कि उनकी एक बार में ही कही गई बात समझ में आ जानी चाहिए। ऐसे बच्चों की बात ध्यान से सुनें औऱ समझने की कोशिश करें। जब आप बच्चों को बड़ों की तरह ट्रीट कर उनसे बहस करने लगते हैं तो वह जिद्दी होने लगते हैं। जब उन्हें लगता है कि वह सही हैं और कोई उनकी बात नहीं सुनता तो वह अपनी बात मनवाने के लिए जिद करने लगते हैं। ऐसे में उनकी बात पर ध्यान दें औऱ साथ ही अगर वह गलत हो तों उन्हें समझाएं भीं।
जोर जबरदस्ती नहीं
कुछ पैरेंट्स की बहुत खराब आदत होती है कि वह अपने बच्चों के साथ जबरदस्ती कोई काम कराना चाहते हैं। अपने बच्चों के साथ कभी जबरदस्ती ना करें। अगर वह किसी काम को करने से मना कर रहा है तो इस बात को समझे। उन्हें प्यार से उस काम की अहमियत समझाएं। उन्हें बताएं कि अगर वह यह काम कर लेते हैं तो उनके लिए अच्छा होगा। जब माता पिता ऐसा ना कर कोई चीज अपने बच्चों पर थोपते हैं तो बच्चे चिढ़कर जिद्दी बन जाते हैं। ऐसा करने से बचें।
सम्मान दें
कई बार पैरेंट्स भी ऐसी गलती कर जाते हैं जो उन्हें नहीं करनी चाहिए। भले ही आपने बच्चों को जन्म दिया है, लेकिन उनके अंदर भी भावना है औऱ सोचने समझने की शक्ति। किसी भी उम्र में उनके साथ बूरा बर्ताव ना करें। उनपर सख्त जरुर हों, लेकिन उनके सम्मान को धूमिल ना करें। बच्चो के अंदर भी गर्व होता है और जब उनके पैरेंटस ही इसे तोड़ने लगते हैं तो वह जिद्दी बन जाते हैं। इस बात का ख्याल रखें औऱ सख्ती के साथ साथ प्यार जताना भी ना भूलें।
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