इन बातों का रखें ध्यान ताकी दोस्ती के रिश्ते पर ना आएं आंच
आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि जब आप छोटे थे तो आपकी दोस्ती पूरी क्लास से हुआ करती थी। इसके बाद दोस्तों की संख्या धीरे धीरे घट गई और हो सकता है आज के वक्त में आपके 2 या तीन दोस्त हों या फिर सिर्फ एक सच्चा दोस्त। ऐसा इसलिए क्योंकि दोस्ती करना बहुत आसान है , लेकिन निभाना ज्यादा जरुरी है। यही बात है कि हर कोई लंबे समय तक दोस्ती नहीं निभा पाते। यकीन मानिए कि अगर आपके पास एक भी ऐसा दोस्त है जो आपका सबसे अच्छा साथी है तो आप दुनिया में बहुत लोगो से लकी हैं। हालांकि हर रिश्ते को निभाने के लिए कुछ बातों को ध्यान रखना जरुरी है ठीक वैसे ही दोस्ती के लिए भी कुछ नियम होते हैं जिन्हें ध्यान में रखने से दोस्ती कम टूटेगी।
साफ साफ बातें करना
इस रिश्ते की सबसे खास बात यह होती है कि इसमें सीक्रेट की कोई जगह नहीं होती। आप शायद किसी से भी कोई बात छिपा लें, लेकिन अपने दोस्त से कोई बात नहीं छिपाते। किसी की भी दोस्ती का रिश्ता तभी तक टिकता है जब दो लोगों के बीच किसी तरह का पर्दा नहीं होता। यह सीक्रेट आपके बीच पल रहे रिश्तों को बताने वाला होता है। कुछ बातें ऐसी होती हैं जो आपके दोस्त को पता होनी चाहिए। आप एक दूसरे से खुलकर अपनी बात करें। अगर किसी तरह की समस्या है तो वह सामने ही बता दें। किसी और से अपनी दोस्त की बुराई ना करें।
खुश रहें
अपने दोस्त के साथ खुश रहें। साथ ही उन्हें भी खुश रखने की कोशिश करें। हालांकि आपके बीच अगर बॉन्डिंग होगी तो खुशी अपने आप चेहरे पर आ जाएगी। अपने दोस्त के साथ सिर्फ गप्पे ना लड़ाएं। उनके साथ कहीं घूमने जाएं या फिर कुछ नया करें। कुछ भी ऐसा करें जिससे आप दोनों को खुशी मिलती हो इससे भी आपके बीच में दोस्ती मजबूत होगी। असली खुशी तो दोस्त के साथ है।
रिश्ते मे ईमानदारी
रिश्ता चाहे प्यार का हो या फिर दोस्ती का हर रिश्ते में ईमानदार होना जरुरी है। जब आपका दोस्त आपसे को राय या सलाह मांगता है तो आपको उनके साथ पूरी तरह से ईमानदार रहना चाहिए। दिल रखने के लिए अगर झूठ ही सुनना होता तो वह आपके पास नहीं आते। साथ ही उनके जीवन में अच्छा बुरा इन चीजों का तो ध्यान रखें, लेकिन उन्हें बुरा लगेगा यह सोचकर कुछ ना छिपाएं। उनसे रिश्ते में ईमानदारी बरतें।
गॉसिप बंद
जैसे हर रिश्ते में दो लोगों के बीच लड़ाई झगड़ा होता है वैसे ही दोस्ती में भी लड़ाई झग़ा होना आम बात है। हालांकि आपको यह बात समझनी है कि आप अपने दोस्त से चाहे कितना भी लड़ लें आखिर में वह आपके दोस्त ही हैं। उनसे लड़ें तो भी इस बात को अपने तक रखें औऱ दूसरे से अपने दोस्त की बुराई ना करें। लड़ाई करना आम है, लेकिन आज लड़ के आप फिर एक हो जाएंगे, लेकिन अगर किसी और से आप अपने ही दोस्त की बुराई करते रहे तो आप कभी भी अच्छे दोस्त साबित नहीं हो पाएंगे।
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