अगर आपके भी किडनी में सिकुड़न या किडनी से जुडी कोई समस्या है तो उसका इलाज ऐसे करें!
इंसान का शरीर भी ठीक मशीन की तरह ही है, समय के साथ-साथ इसमें भी खराबियाँ आती हैं। शरीर में बहुत से अंग होते हैं और सबका काम अलग-अलग होता है। शरीर का हर अंग बहुत ही ख़ास होता है, इन्ही में से एक है किडनी। किडनी शरीर में छननी का काम करता है। यह दूषित पदार्थों को छानकर उन्हें बाहर कर देता है। लेकिन कभी-कभी किडनी में सिकुड़न भी आ जाती है। किडनी की छोटी रचना जिसे हम नेफ्रान्स कहते हैं, उसमे भी इसी वजह से सिकुड़न आ जाती है।
सिकुड़न की वजह से किडनी छानना बंद कर देता है:
नेफ्रान्स के दब जाने के कारण ही यह सिकुड़ जाती है और ठीक तरह से काम करना बंद कर देती है। अब चूँकि इसका काम ही है, शरीर के विषैले पदार्थों को छानकर बाहर करना, इस काम को यह ठीक से नहीं कर पाती है और शरीर के रक्त में विषैले पदार्थ घुल जाते हैं। इसी वजह से हमारे खून में यूरिया और इसके जैसे कई घातक रसायन घुल जाते हैं, जो शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक होते हैं।
सस्ते में हो सकता है किडनी की सिकुड़न का इलाज:
जिन लोगों को ये समस्या हो और डॉक्टरों ने उन्हें साफ़ माना कर दिया हो कि अब इसका कोई इलाज नहीं है, अब केवल किडनी बदलवानी पड़ेगी, उनके लिए आज हम लाये हैं एक आयुर्वेदिक उपचार। यह आयुर्वेदिक उपचार बताया है हमारे जाने-माने आयुर्वेद के डॉक्टर योगेश गौतम ने। इन्होने बताया है कि जिन लोगों की किडनी सिकुड़ गयी है, उन्हें परेशान होने की जरुरत नहीं है, इसका इलाज संभव है और बहुत ही सस्ते में किया जा सकता है।
मकोय से किया जा सकता है किडनी की सिकुड़न दूर:
इन्होने किडनी की सिकुड़न को ठीक करने के लिए बताया है कि इसके इलाज में “मकोय” बहुत ही लाभकारी है। यह पुरे भारत में पाया जाता है, इसे आप किसी भी झाड़ी के नजदीक देख सकते हैं। इस फल को हर भाषा में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। संस्कृत में इसको काकमाची, मराठी में कमोनी, काकमाची, मेको, मलयालम में क्रीन्टाकली, असमिया में पीचकटी, गुडकमाई, तमिल में मन्टटकल्ली, तेलुगु में गजूचेट्टू, गुजरती में पीलूडी, बंगाली में काकमाची, नेपाली में परे गोलभेरा, जंगली बिही, काकमाची, काली गेडी, पंजाबी में काकमाच कहते हैं।
कई जगहों पर बनती है मकोय की सब्जी:
इसका फल बहुत छोटा होता है एवं इस फल का रंग हरा होता है। पक जाने पर यह बैंगनी रंग का हो जाता है। यह खाने में मीठा होता है, इसलिए इसे लोग खाते भी हैं। कई जगहों पर इसकी सब्जी भी बनाई जाती है। इस फल का वैज्ञानिक नाम “Solanum Americanum Mill” है और इसे अंग्रेजी में “Common nightshade” कहते हैं।
ऐसे करें किडनी की सिकुड़न का इलाज:
जिन लोगों के किडनी में सिकुड़न हो, उनको इस फल का पूरा पौधा लेकर उसके फल को तोड़ लेना चाहिए। फल को अच्छी तरह से धोकर फल के सारे रस को निकालकर रख लेना चाहिए। आप चाहे तो हर रोज यही प्रक्रिया कर सकते हैं। हर रोज 20 ml, दिन में दो बार इसका सेवन करें। यह काम लगातार 3 महीने तक करते रहें, 3 महीने बाद आप जाकर सोनोग्राफी करवायें, आपके किडनी की सिकुड़न सही हो गयी होगी। आपको बता दें इस फल का अर्क भी बाजार में मिलता है।