प्रधानमंत्री मोदी की राह पर चले केजरीवाल: 31 दिसंबर तक दिल्ली के सभी विभाग होंगे अब कैशलेस!
आपको ज्ञात होगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने 8 नवम्बर को सभी पुराने 500 और 1000 के नोटों पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया था कि देश में काला धन रखना लोग बंद कर दें और जाली नोटों के हो रहे व्यापार पर लगाम लग सके। हालांकि इसमें वह कामयाब भी रहे, जाली नोटों का व्यापार करने वालों की हालत इस समय बहुत ख़राब चल रही है।
प्रधानमंत्री ने कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर दिया:
इसके कुछ दिनों बाद ही उत्तर प्रदेश में होने वाली रैलियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाना है, ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा सके। इसके लिए उन्होंने देश के सभी युवायों से आह्वाहन किया कि इस कदम में सब उनका साथ दें। इसके बाद से कोई भी लेन—देन कैश में ना करें, केवल कार्ड का प्रयोग करें। पेटीएम या डिजीटल वैलेट का इस्तेमाल करने पर उन्होंने ज्यादा जोर दिया था।
केजरीवाल ने अपनाई मोदी की राह:
प्रधानमंत्री के नोटबंदी कदम का सबसे ज्यादा विरोध दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ही किया था। लेकिन अब हालत ये है कि उनके कैशलेस अर्थव्यवस्था की बात केजरीवाल को ज्यादा सही लग रही है। यही वजह है कि केजरीवाल ने दिल्ली के सभी सरकारी विभागों को जल्द से जल्द कैशलेस बनाने का निर्देश दे दिया है। केजरीवाल ने सभी सरकारी विभागों को यह निर्देश इसलिए दिया है ताकि सरकार में फैले भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
कैशलेस बनाने के लिए 31 दिसंबर तक का दिया समय:
आपको बता दें दिल्ली सरकार ने अपने अधीन आने वाले सभी विभागों को यह कड़ा निर्देश दिया है कि किसी भी तरह आने वाले 31 दिसंबर तक कैशलेस अर्थव्यवस्था का इंतज़ाम कर लें। केवल यही नहीं दिल्ली सरकार ने यह भी कहा है कि 31 दिसंबर के बाद से सभी सरकारी शराब की दुकानों पर भी कैशलेस लेन-देन की व्यवस्था हो जानी चाहिए।
कैशलेस से बहुत प्रभावित हुए केजरीवाल:
केजरीवाल के इस कदम से तो साफ़-साफ दिखता है कि वह नेरन्द्र मोदी के कैशलेस अथव्यवस्था वाले कदम से काफी प्रभावित हुए हैं और उन्हें यह विचार बहुत ही पसंद आया है। अगर ऐसा नहीं होता तो जो व्यक्ति कल तक नोटबंदी का विरोध कर रहा था अचानक से वह प्रधानमंत्री की इस बात को इतनी गंभीरता से क्यों लेता।