अध्यात्म

इस वजह से सीता मां को नहीं छू पाया था रावण, दूसरी कहानी से होंगे अनजान

आज के वक्त में जब भी महिला रक्षा की बात आती है तो लोग रामायण का गुणगान करते हैं। लोग उदाहरण देते हुए कहते हैं कि रावण कितना भी अधर्मी क्यों ना हो लेकिन उसने कभी सीता माता के साथ जबरदस्ती नहीं की। वह उन्हें बलपूर्वक उठा जरुर लाया था, लेकिन उन्हें कभी छुआ नहीं वह कितना महान था। जो लोग इस तरह की बातें करते हैं वह दरअसल इसके पीछे की असली कहानी नहीं जानते। वक्त चाहे कभी का रहा हो। एक स्त्री को बिना उसकी इच्छा के छूना पाप है। आपको बताते हैं कि क्यों रावण सीता को हरण करने के बाद भी कुछ नहीं कर पाया था।

रावण को मिला था श्राप

रावणएक परम ज्ञानी पंडित था। उसे सारे वेदों का ज्ञान था। लंका उसकी थी और वह सारे संसारं को अपने वश में करना चाहता था। वह भगवान शिव का बहुत ही परम भक्त था। वह चाहता तो पूरी दुनिया पर विजय पा सकता था, लेकिन सीता माता को हाथ लगाना भी उसके वश के बाहर की बात थी। ऐसा माना जाता है की रावण एक श्राप के कारण ऐसा नहीं कर पाया था।

रंभा के साथ की जबरदस्ती

एक वक्त की बात है। रावण कुबेर के शहर अलाका पहुंचा था और वहां उसने अपना आसन जमा लिया था। वहां का मनोरम द़ृश्य देखकर रावण का मन प्रसन्न हो गया और धीरे धीर काम वासना उसे घेरने लगी। वहां उसक नजर रंभा पर पड़ी। रंभा की खूबसूरती से तो पूरा इंद्रलोक चकाचौंध रहता था। खूबसूरती ऐसी की कोई भी मोहित हो जाए। रावण का खुद पर वश नहीं रहा। उसने अपनी इच्छा रंभा के सामने रखी औऱ कहा कि वह उसकी बात मान लें। रंभा अपना सौदर्य जानती थी। वह रावण के आग्रह करने पर नहीं मानी। रावण ने रंभा के साथ जबरदस्ती की और उसके शील का हरण कर लिया।

यह बात नलकुबेर को पता चली तो वह बहुत ही क्रोधित हुए। उन्होंने रावण को श्राप दे दिया कि अगर आज के बाद तुमने किसी स्त्री को बिना उसकी मर्जी के हाथ लगाया तो तुम्हारा शरीर भस्म हो जाएगा इसी वजह से रावण चाहते हुए भी माता सीता को छू नहीं पाता था। वह उन्हें तरह तरह से भयभीत करता था ताकी वह डर या प्रेम किसी भी तरह से उसकी बात मान लें और अपनी इच्छा से उनकी बात मान लें।

यह है दूसरी कहानी

कई जगह पर यह भी माना जाता है कि सीता असल में रावण की पुत्री थी। इस बात पर बहुत तरह की सहमति और असहमति बनती है। हालांकि इस बात का जिक्र होता है कि मंदोदरी के गर्भ से सीता ने जन्म लिया था। किसी ने सीता के बारे में मंदोदरी को बताया था कि उनकी .ही पुत्री रावण के मौत का कारण बनेगी । इस वजह से वह सीता को कहीं छोड़कर चली आईं थी। इसके बाद राजा जनक को मिट्टी की खुदाई करते वक्त सीता मिली थी। रावण भीतरी रुप से जानता था कि इस संसार से मोक्ष दिलाने के लिए सीता मां  और राम आए हैं। इस वजह से उसने सीता का अपहरण तो किया, लेकिन उन्हें कभी छुआ नहीं। इसके बाद श्री राम के हाथ मृत्यु पाकर उसे मोक्ष प्राप्त हुआ।

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