रिसर्च : अगर आपको भी आती है ज्यादा नींद हो जाएं सतर्क, समय से पहले मौ-त दे सकती है दस्तक !
नींद हर जीवित प्राणियों के लिए जरूरी होती है और इसे हर प्राणी जरूर लेता है. बस हर किसी के सोने की अवधि निर्धारित है लेकिन कुछ लोग जरूरत से ज्यादा सोते हैं या कभी-कभी दिनभर बिस्तर पर ही पड़े रहते हैं. इसके ऊपर एक शोध हुआ है और इस शोध में पाया गया है कि रात में 6 से 8 घंटे से ज्यादा सोने वाले व्यक्तियों में कार्डियोवस्कुलर डिसीज और मौत का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. इंसान की नींद 6 से 8 घंटे के बीच निर्धारित है इतना तो उन्हें सोना ही चाहिए क्योंकि इससे कम सोने से व्यक्ति अक्सर बीमार रहता है लेकिन अगर आपको भी आती है ज्यादा नींद हो जाएं सतर्क क्योंकि यही आपकी मौत का कारण बन सकती है.
अगर आपको भी आती है ज्यादा नींद हो जाएं सतर्क
मैकमास्टर एंड पेरिंग यूनियन मेडिकल कॉलेज द्वारा हुए एक रिसर्च में पाया गया है कि रात में 6 से 8 घंटे से ज्यादा सोने से व्यक्ति में कार्डियोवस्कुलर जिसीज और मौत का खतरा बढ़ जाता है. जो लोग 8 घंटे की अवधि की अधिकतम सीमा से ज्यादा सोते हैं तो उनमें कार्डियोवस्कुल का खतरा बढ़ जाता है जिसमें व्यक्ति को दिल का दौरा, हार्ट फेल और मौत समय से पहले होने का खतरा 41 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. इस शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ लोग खास स्वास्थ्य समस्याओं के कारण ज्यादा सोने लगते हैं और उनमें दिल से संबंधित बीमारी का होना तय हो जाता है. इस शोध के परिणाम जर्नल ऑफ यूरोपियन हार्ट में प्रकाशित हुए हैं. इस रिसर्च को करने वाली टीम ने बताया कि दिन में सोने वाले लोगों में इन जोखिमों की संभावनाओं का पता लगाया है. इस टीम की एक मेंबर चौंगशी वांग ने बताया, ”जो लोग रात में 6 घंटे से ज्यादा सोते हैं और दिन में भी नैप लेते हैं तो उनमें कार्डियोवस्कुल डिसीज और मौत का जोखिम ज्यादा देखा गया है. जबकि जो लोग रात में 6 घंटे से कम नींद लेते हैं और दिन में भी सोते हैं उनमें ऐसा खतरा कम पाया जाता है.”
इन लोगों को नहीं होता खतरा
बहुत से लोग रात में देर से सोते हैं और दिन में अपनी रात की नींद वाला कोटा पूरा कर लेते हैं. ऐसे लोगों को कार्डियोवस्कुल डिसीस का खतरा नहीं होता. इसके अलावा शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि रात में 6 घंटे से कम नींद लेने वाले लोगों में इन बीमारियों का खतरा सिर्फ 9 प्रतिशत ही रहता है इसलिए हर किसी को 6 से 8 घंटे की नींद से ना कम और ना ज्यादा सोना चाहिए. क्योंकि सोने से इंसान का सिरदर्द, हल्की-फुल्की बीमारी और कई समस्याएँ खत्म होती हैं. इसलिए नीद का डोज ना ज्यादा लीजिए और ना कम लीजिये समय अवधि के अंतर्गत ही आपको सोना चाहिए इससे आपका समय और स्वास्थ्य दोनों बच सकता है.