एक किसान ने पीएम मोदी से जताया अनोखा विरोध, भेज दी अपनी कमाई
केंद्र में सरकार किसी की भी रही हो. किसानों के हाथ सिर्फ निराशा ही लगी है। हाल ही में किसानों ने सरकार के आंख पर पड़ी पट्टी हटाने के लिए महाआंदोलन भी किया था। इसका भी कुछ खास नतीजा ना रहा तो अपना विरोध जताने के लिए एक किसान ने अनोखा तरीका अपनाया है। शायद इसके चलते केंद्र सरकार की आंख खुले। किसान ने अपनी उपज बेचदी और पीएम मोदी के पास अपने कमाए हुए रुपए भेज दिए।
एक रुपए की थी कमाई
ऐसा करने वाले शख्स हैं नासिक जिले के निफाड तहसील में रहने वाले संजय साठे। उन्होंने कहा कि मैंने इस मौसम में 750 किलो प्याज की उपजी की, लेकिन पिछले हफ्ते निफाड थोक बाजार में एक रुपए प्रति किलोग्राम की दर की उसे खरीदेने की पेशकश की गई। उन्होंने बताया कि 1.40 रुपए किलो की दर से प्याज भेजा। मुझे महज 1064 रुपप मिले। उन्होंने बताया कि चार महीने की मेहनत के बाद मिली मामूली कमाई से मैं बहुत दुखी हूं।, इसलिए मैंने 29 नंवबर को 1064 रुपए पीएमओ के आपजा राहत कोष में दान कर दिए।
केंद्र सरकार से नाराज
उन्होंने आगे बताया कि मुझे वह राशि मनी आर्डर से भेजने के लिए 54 रुपए अलग से देने पड़ा था। बता दें कि संजय साठे एक ऐसे प्रगतिशील किसान हैं जिन्हें केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा से 2010 में उनकी भारत यात्रा के दौरान संवाद के लिए चुना था। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं करता, लेकिन मैं अपनी दिक्कतों के प्रति सरकार की लाचारी से नाराज हूं।
राहुल गांधी ने साधा था निशाना
बता दें कि इससे पहले हुई किसान रैली के दौरान राहुल गांधी भी किसानों के बीच पहुंचे थे और केंद्र सरकार पर हमला बोला था। राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि पिछले साढ़े चार साल में मोदी सरकार ने भारत के सबसे 15 अमीर लोगों का 3.5 लाख करोड़ रुपए का कर्जा माफ किया है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा था कि मोदी सरकार देश के अमीरों का 12.5 लाख करोड रुपए का कर्जा माफ करने जा रही। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर हिंदुस्तान के 15 अमीरों का 3.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ हो सकता है तो हिंदुस्तान के करोड़ो किसान का कर्ज क्यों नहीं माफ किया जा सकता।
राहुल गांधी कहा था कि आद हिंदुस्तान के सामने 2 बड़े मुद्दे हैं। एक मुद्दा हिंदुस्तान के किसान के भविष्य का मुद्दा है और दूसरा युवाओं के रोजगार का है। गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली एनपीए वाले 12.5 लाख करोड़ रुए का कर्ज भी माफ करना चाहते हैं। राहुल ने कहा कि किसान कोई तोहफा नहीं मांग रहा है, सिर्फ अपना हक मांग रहा है।
केजरीवाल भी बिफरे
एक तरफ जहां राहुल गांधी केंद्र सरकार पर बरसे तो वहीं सीएम केजरीवाल ने भी कहा कि जिस देश के अंदर किसान आत्महत्या कर रहे हो, भुखमरी के कगार पर हों, ऐसा देश तरक्की नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के राज में ब़ॉर्डर पर खड़ा जवान दुखी है, खेत में मेहनत कर रहा किसान दुखी है, पीएम ने किसानमों की पीठ में छुरा घोंपा हैं।
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