भारतीय राजनेता सुप्रिया सुले को बच्चों के लिए कल्याणकारी कार्य करने पर मिला यूनिसेफ पुरस्कार
हमारे देश में बहुत से ऐसे संस्थान चलते हैं जहां पर जरूरतमंदों की मदद की जाती है और उनमें से कुछ खास लोगों को यूनिसेफ अवॉर्ड देकर सम्मानित करती है. यूनिसेफ का फुलफॉर्म यूनाइटेड नेशन्स इंटरनेशनल चिल्ड्रेन्स एमरजेंसी फंड है और इसका हेडक्वाटर अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित है. इस बार भारत के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से संसद सुप्रिया सुले को यूनिसेफ ने बच्चों के लिए संसदीय पुरस्कार प्रदान किया गया है. ये सम्मान उन्हें बाल कल्याण के प्रति अपने काम को सही तरीके से करने और बच्चों के जीवन को बचाने के लिए अपनी हर तरह से सहायता करने के लिए दिया गया है. बच्चों के लिए संसद सदस्य पुरस्कार लोकसभा और राज्य सभा दोनों के संसद सदस्यों को दिए गए यूनिसेफ की तरफ से एक पुरस्कार है. सुप्रिया सुले को बच्चों के लिए कल्याणकारी कार्य करने पर मिला यूनिसेफ पुरस्कार, उनके बारे में आप सभी को कुछ बातें जाननी चाहिए क्योंकि उन्होंने देश के हित में अच्छा काम किया है.
सुप्रिया सुले को बच्चों के लिए कल्याणकारी कार्य करने पर मिला यूनिसेफ पुरस्कार
सुप्रिया सुले पीजीसी की सक्रिय सदस्य हैं और साल 2011 में उन्होंने महिला भ्रूण हत्या के खिलाफ एक आवाज उठाई और अभियान चलाया था. लोकसभा में उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान श्रीमती सुप्रिया सुले ने चार पीएमबी को कवर किया, माता पिता के बच्चों के लिए निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रबंध किया. सुप्रिया को मिले इस सम्मान के बाद ट्विटर पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और सभी उनके इस काम को सराह रहे हैं.
सुप्रिया ने इस बारे में कहा कि संसद सदस्यों को पाने के लिए नम्रता दिखानी होगी और बच्चों के लिए संसद सदस्यों द्वारा दिए गए ये पुरस्कार उन बच्चों के लिए है जिनके माता-पिता अपने बच्चों को ना ठीक से खिला पाते हैं और ना ही उन्हें पढ़ा ही पाते हैं.
जानिए कुछ खास बातें सुप्रिया सुले के बारे में
30 जून, 1969 को पूणे में जन्मी सुप्रिया सुले राष्ट्रवादी कांग्रेस की प्रमुख राजनीतिज्ञ और बारामती की वर्तमान सांसद हैं. इनके पिता का नाम शरद पवार और माता प्रतिभा पवार हैं. इन्होंने सेंट कोलंबिया स्कूल से शिक्षा प्राप्त की और मुंबई के जय हिंद कॉलेज से माइक्रोबायोलॉजी से बैचलर की डिग्री प्राप्त की. सुप्रिया सुले की शादी सदानंद बालचंद सुले से हुई और शादी के कुछ समय बाद ही वे कैलिफोर्निया में रहीं. इसके कुछ समय बाद वो इंडोनेशिया और सिंगापुर में भी रहीं लेकिन अब मुंबई में आकर बस गईं. साल 2006 में पहली बार वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुईं और साल 2009 में लोकसभा से विजय हुईं. 31 अगस्त 2009 को सुप्रिया विदेशी मामलों की समिति ग्रामिण विकास समिति की सदस्य घोषित हुईं. 23 सितंबर 2009 को उन्हें महिला विकास समिति की सदस्य बनाया गया और 7 अक्टूबर 2009 को उन्हे आचार समिति की सदस्य बनाया गया.
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