‘क्रिकेट का दूसरा सचिन ‘ है ये 18 साल का खिलाड़ी, खेलते वक़्त दिखती है सचिन, सहवाग और लारा की झलक
भारतीय क्रिकेट टीम में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. सचिन का नाम ना सिर्फ भारत में फेमस है बल्कि पूरी दुनिया उन्हें और उनके कारनामों को अच्छे से जानती है. अब तक लगता था कि शायद की कभी कोई हो जो उनकी जगह ले सकता है, मगर एक लड़का है जिसकी उम्र 18 साल है और उसके अंदर सचिन की झलक दिखती है, सचिन के अलावा भी कुछ लेजेंड क्रिकेटर हैं जिनकी तरह वो खेल सकता है. ‘क्रिकेट का दूसरा भगवान’ है ये 18 साल का खिलाड़ी, उस खिलाड़ी का नाम है पृथ्वी शॉ(Prithvi shaw), जो भारतीय क्रिकेट टीम के ऑपनर हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट से बाहर भी हो गए हैं.
‘क्रिकेट का दूसरा भगवान’ है ये 18 साल का खिलाड़ी
शुक्रवार को सिडनी में हुए क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया (सीए) एकादश के खिलाफ टेस्ट मैच में फील्डिंग करने के दौरान पृथ्वी को चोट लग गई. मैच के तीसरे दिन कैच लेने के प्रयास में पृथ्वी के बाएं पैर की एड़ी मुड़ गई और वो जमीन पर गिर गए. इसके बाद सपोर्ट स्टाफ की मदद से उन्हें गोद में उठाकर मैदान से बाहर ले जाया गया. वहां से उन्हें पास के एक अस्पताल में स्कैन स्कैन के लिए ले जाया गया और स्कैन में लिगामेंट इंजरी की बात सामने आई है.
इन सबमें सबसे खास बात ये है कि क्रिकेट के शुरुआती दिनों में सचिन को भी पृथ्वी की तरह इसी तरह बाहर लाया गया था. जब सचिन ने अपने करियर की शुरुआत की थी तो उन दिनों वो सचिन भी घायल हुए थे.
ये वाक्या 6 मार्च 1990 का है जब न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंग्टन वनडे में मांसपेशियों में खिंचाव आने के बाद सचिन को विवेक राजदान गोद में उठाकर मैदान से बाहर लाए थे. बिल्किल उसी तरह पृथ्वी शॉ को भी घायल होने के बाद गोद में उठाकर बाहर ले जाना पड़ा, प्लेइंग स्टाइल और फर्स्टक्लास रिकॉर्ड्स में पृथ्वी को सचिन जैसा बताया जाता है. वो कहते हैं ना इतिहास अपने आप को दोहराता है और ये बात शायद सच हो गई.
पृथ्वी शॉ में सचिन, सहवाग और लारा की झलक
भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री भी पृथ्वी शॉ के हुनर को पहचान गए हैं. उऩ्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था, पृथ्वी शॉ में सहवाग जैसा एग्रेशन, सचिन जैसी स्टाइल और लारा जैसा धैर्य देखने को मिलता है यानी इस एक खिलाड़ी के अंदर तीनों लेजेंड प्लेयर्स का कॉन्बो भरा हुआ है. कच्ची उम्र में शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट में बेहतरीन बल्लेबाजी की थी और ये इस बात का पक्का सबूत है कि 18 साल के इस बल्लेबाज में कुछ तो है. तभी तो इसने 2 टेस्ट की 3 पारियों में 118.50 की रिकॉर्ड औसत से 237 रन बनाए, जिसमें टेस्ट करियर की पहली ही पारी में शतक बनाने का रिकॉर्ड भी शामिल है.
पृथ्वी शॉ की तुलना अबृ सचिन तेंदुलकर से की जाने लगी है. क्योंकि जिस तरह सचिन ने डोमेस्टिक क्रिकेट में एक के बाद एक कई रिकॉर्ड्स बनाकर महज 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू कर लिया था, उसी तरह पृथ्वी भी घरेलू क्रिकेट में कई रिकॉर्ड्स बनाए हैं. सचिन ने 18 साल की उम्र होने तक 7 सेन्चुरी लगा ली थी, तो वहीं पृथ्वी ने अभी तक 4 सेन्चुरी लगाई है. पृथ्वी ने 12 साल की उम्र में हैरिस शील्ड मैच में 546 रन बनाकर सुर्खियों बटोरी थीं और फिर पृथ्वी भी सचिन की तरह ही फास्ट बॉलर बनना चाहते थे लेकिन बन गए बल्लेबाज.