मध्यप्रदेश में बुधवार को उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद होते ही घमासान हो गया। जी हां, इस बार की राजनीति में बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने नहीं है, बल्कि चुनाव आयोग और बीजेपी-कांग्रेस के बीच है। मध्यप्रदेश में वोटिंग के दौरान ईवीएम की खराबी की वजह से कई जगह मतदान को कुछ देर के लिए रोक दिया गया था, जिसकी वजह से सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष दोनों ही चुनाव आयोग से दोबारा वोटिंग कराने की मांग कर रही है। इसके विपरीत चुनाव आयोग ने दोबारा वोटिंग की मांग को ठुकराते हुए बड़ी सफाई दे डाली। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
मध्यप्रदेश की 230 सीटों पर बुधवार को वोटिंग हुई, जिस दौरान ईवीएम के खराब होने की खबर सामने आई और इसलिए कुछ जगहों पर कुछ देर के लिए वोटिंग रोकी। वोटिंग रूकने की वजह से कांग्रेस और बीजेपी का दावा है कि कुछ लोग वोटिंग में देरी होने की वजह से मतदान केंद्र से बाहर चले गये थे, जिसकी वजह से दोबारा उन सीटों पर मतदान हो, जहां ईवीएम खराब हो। इससे पहले कांग्रेस ने बुधवार को वोटिंग के दौरान ही ईवीएम खराब होने की वजह से प्रदर्शन किया था। कांग्रेस नेता का कहना है कि ईवीएम खराब होने की वजह से कई जगह तीन घंटे तक वोटिंग रोकी गई, जिससे मतदान के आकड़े में काफी फर्क पड़ा।
दो घंटे से अधिक नहीं रूका मतदान
कांग्रेस और बीजेपी के मांग पर चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए कहा कि जिन सीटों पर ईवीएम खराब हुई थी, वहां वोटिंग दो घंटे तक नहीं रोकी गई थी। इसके अलावा चुनाव आयोग ने कहा कि कतार में खड़े सभी लोगों से मतदान कराया गया है, ऐसे में कोई भी वह शख्स जो वोट देने के लिए कतार में खड़ा था, वह बिना वोट डाले मतदान केंद्र से बाहर नहीं गया है। ऐसी स्थिति में दोबारा से वोटिंग कराने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।
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बताते चलें कि अक्सर चुनावी नतीजें आने के बाद ईवीएम पर घमासान होता है, लेकिन इस बार वोटिंग के दौरान ही जमकर घमासान देखने को मिला। कांग्रेस और बीजेपी ने एक सुर में चुनाव आयोग से दोबारा वोटिंग कराने की मांग की, लेकिन चुनाव आयोग ने इनकी मांग को खारिज करते हुए कहा कि हमने सबसे मतदान कराया है, ऐसे में दोबारा वोटिंग की कोई ज़रूरत नहीं है। बता दें कि मध्यप्रदेश की 230 सीटों के नतीज़ें 11 दिसंबर को आएंगे।