जानिए स्वामी रामदेव से जुड़े 5 राज, जिनको कोई नहीं जानता
जानिए स्वामी रामदेव से जुड़े 5 राज, जिनको कोई नहीं जानता —> पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के 2015-16 के कामकाज का ब्योरा देते हुये कहा है कि 31 मार्च, 2016 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने 150 प्रतिशत वृद्धि हासिल करते हुये 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया.
बाबा रामदेव ने आगे बताया कि चालू वित्त वर्ष में भी वृद्धि की यह गति बनी रहेगी और वर्ष के दौरान पतंजलि का कारोबार दोगुने से अधिक बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच जायेगा.
उन्होंने कहा कि पतंजलि इस साल तीव्र प्रतिस्पर्धा वाले ‘डेयरी उत्पादों’ के क्षेत्र में भी उतरेगी.
इस आंकड़े को सुनते ही देश की कई विदेशी कम्पनियों के होश ही उड़ चुके हैं.
यहाँ तक की कोलगेट जैसी कंपनी भी अब भारत में आगे व्यापार करने और ना करने पर विचार कर रही है.
देश में जब तक मोदी सरकार है, तब तक तो बाबा रामदेव कोई चिंता नहीं है. उसके बाद अन्य सरकार आने से निश्चिततौर पर विदेशी कम्पनियां, धन के दम पर बाबा पर नकेल कसने की कोशिश करेंगी. कई विदेशी कम्पनियों को बाबा रामदेव ने पीछे छोड़ दिया है. अब भारत देश स्वदेशी और बेहतर देशी की ओर बढ़ रहा है. विदेशी कम्पनी के प्रोडक्ट्स पर अब देशवासियों को विश्वास नहीं बन पा रहा है.
तो बाबा रामदेव की वजह से सभी विदेशी कम्पनियों की नींद उड़ चुकी है. जहाँ पूरे विश्व में मंदी का रोना, रोया जा रहा है वहीँ पतंजलि ने इतना बड़ा व्यापार कर सभी को हैरान-परेशान कर दिया है.
अगले पेज पर जानें स्वामी रामदेव से जुडी 5 ऐसी बातों से वाकिफ कराते हैं जिनको आप निश्चित तौर पर नहीं जानते होंगे- :
तो आइये आज हम आपको स्वामी रामदेव से जुडी 5 ऐसी बातों से वाकिफ कराते हैं जिनको आप निश्चित तौर पर नहीं जानते होंगे-
1. जन्म कहाँ?
बाबा रामदेव का जन्म भारत में हरियाणा राज्य के महेन्द्रगढ जनपद स्थित अली सैयद्पुर नामक गाँव में 25 दिसम्बर, 1965 को हुआ था.
2. शरीर का एक भाग जब हो गया था खराब
रामदेव जब बालक थे, उनके शरीर का बायां हिस्सा पक्षाघात से ग्रस्त हो गया. उनके अनुसार, योग के माध्यम से ही उन्होंने अपने शरीर की संपूर्ण सक्रियता प्राप्त की और पूर्णत: स्वस्थ हो सके.
3. बाबा जब हिमालय में थे
बाबा कहते हैं कि ”जब मैं हिमालय में था, गहन चिंतन किया करता था; मेरे अंदर आंतरिक संघर्ष चल रहा था. मैं सोचता था, मैं यहां क्या कर रहा हूं? संन्यासी बंधुत्व-मानवता के कल्याण के लिए है. यदि मेरा जीवन इस स्थान पर समाप्त हो जाता है, तब थोड़ा-बहुत जो ज्ञान मुझमें है, वह मेरे साथ समाप्त हो जाएगा.” तब बाबा हिमालय से एक लक्ष्य लेकर लौटे.
4. जब हरिद्वार की सड़कों पर घूमते थे बाबा
सन 1995 में बाबा योग के बारें में बताते हुए सड़कों पर घूमते थे. बाबा को बहुत से लोगों ने इसी तरह से घूमते हुए देखा है. तब कोई नहीं जानता था कि एक दिन बाबा इस तरह से साम्राज्य बना लेंगे.
5. रामदेव के गुरू के लापता होने का राज
बाबा रामदेव के गुरु 80 साल के स्वामी शंकरदेव 2007 में हरिद्वार के कनखल आश्रम से रहस्यमय तरीके से गायब हो गए. आज तक उनका कोई पता नहीं चल सका है.
तो यह बातें है जो यह सिद्ध करती हैं कि बाबा रामदेव ने जीरो से शुरुआत कर, आज करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया है. आज के युवाओं को बाबा से बहुत कुछ सीखना चाहिए. बाबा ने हिम्मत और साहस के दम पर इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा किया है जिससे बड़ी-बड़ी विदेशी कम्पनियां अब घबरा रही हैं.