महाभारत से जुड़े ये तथ्य नहीं जानते होंगे आप, आज भी है उनका असर
महाभारत का युद्ध हिंदू धर्म में एक ऐसी घटना है जिसके बारे में हर शख्स जानता होगा, इस युद्ध के बारे में आपने पढ़ा भी होगा और टीवी-सीरीयल्स में देखा भी होगा। लेकिन इसके बावजूद भी इस युद्ध के बारे में जितना जानों उतना कम हैं यह एक ऐसी कहानी है जिसके हर एक भाग में आप जाओगे तो वहां पर आपको एक नया किस्सा जानने को मिलेगा। हालांकि जो सीरीयल्स में दिखाया जाता हैं उसमें मूमन हर हिस्से को दर्शकों के सामने बखूबी पेश किया जाता है लेकिन उसके बावजूद भी कुछ ऐसी बातें हैं जो लाख पर टीवी पर महाभारत देखकर भी आपको पता नहीं लगेंगी, लेकिन उन बातों का असर इतना है कि हजारों साल बाद भी पृथ्वी पर उनका असर बखूबी देखने को मिलता है।
क्यों नहीं पचती स्त्रियों के पेट में कोई बात
बता दें कि जब महाभारत के युद्ध में कर्ण की मृत्यु हुई और युद्ध खत्म हुआ तब माता कुंती कर्ण के शरीर के पास गई और विलाप करने लगीं। अपनी माता को शत्रु के प्रति इतना दुखी और विलाप करते देख पांडवों को काफी आश्चर्य हुआ और उन्होंनें कुंती से इस विलाप करने का कारण जानना चाहा, क्योंकि अगर कर्ण की मृत्यु नहीं होती तो पांडवों में से किसी की मृत्यु होती। कुंती नें तब पांडवों को बताया कि कर्ण कोई सूद पुर्त्र नहीं बल्कि उनका अपना बेटा और पांडवों का बड़ा भाई है। कुंती द्वारा बताई गई ये बात सुनते ही पांचो भाई आशचर्यचकित हो गए और उन सभी के होश उड़ गए। जिसके बाद पूरी विधि-विधान पूर्वक कर्ण का अंतिम संस्कार किया गया। अपने भाई की मृत्यु और मां के इतना बड़ा झूठ बोलने का युधिष्ठिर को इतना दुख हुआ कि उन्होंने समस्त स्त्रियों को श्राप दिया कि आज के बाद से किसी भी स्त्री के पेट में कोई बात नहीं छुपेगी।
इस तरह हुआ कलयुग का आगमन
युद्ध समाप्त होने के बाद पांडव जब स्वर्गलोक की ओर जब प्रस्थान करने लगे तो उन्होंने अपना सारा राज-काज अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित के हाथों में सौंप दिया था। और वो सब कुछ अच्छे से संभाल रहे थे लेकिन परिक्षिच के द्वारा हुई एक गलती की सजा उनको मिली। दरअसल राजा परीक्षित ने एक बार शमीक ऋषि के गले में एक मरा हुआ सांप डाल दिया। ये बात जब ऋषि के पुत्र को पता चली तो उन्होंने परीक्षित को श्राप दिया िक आज से सात दिन बाद राजा की मृत्यु तक्षक नाग के डसने से हो जाएगी। और श्राप के अनुसार परिक्षित को सात दिन बाद नाग ने डस लिया और उनकी मृत्यु हो गई, और तभी से कलयुग के आगमन की शुरूआत हुई। क्योंकि राजा परीक्षितके रहते कलयुग की पृथ्वी पर आने की हिम्मत नहीं थी, और उनके मरते ही पृथ्वी पर कलयुग हावी हो गया।
अश्वत्थामा को मिला श्राप
जब महाभारत युद्ध हो रहा था तब अश्वत्थामा ने एक ऐसी हरकत की थी जिस वजह से उसकों हजारों वर्ष तक पृथ्वी में रहने का श्राप मिला था, दरअसल युद्ध के वक्त अश्वत्थामा ने अपने अस्त्र की दिशा बदलकर अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ की ओर कर दी थी। अश्वत्थामा की इस नीचच हरकत से श्रीकृष्ण को इतना गुस्सा आया कि उन्होनें अश्वत्थामा को श्राप दिया कि तुम तीन हजार वर्ष तक इस पृथ्वी पर रहोगे, लेकिन ना तो तुम किसी से बात कर पाओगे और ना ही तुम्हें कोई देख पाएगा।
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