चुनावी माहौल में एक बार फिर से राम मंदिर का मुद्दा अपने चरम पर आ चुका है। जी हां, विरोधी पार्टियां ही नहीं, बल्कि बीजेपी की सहयोगी पार्टियां भी राम मंदिर को लेकर हमलावर हो रही है। राम मंदिर का मुद्दा अब एक बार फिर से देश में गरम हो रहा है। जहां एक तरफ विपक्ष सरकार पर राम के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगा रही है तो वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी इस पूरे मामले से यह कहकर पल्ला झाड़ रही है कि मामला कोर्ट में है। इन सबके बीच केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने बड़ा हमला बोला है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने देश की जनता से वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बहुमत से आती है तो केंअयोध्या में राम मंदिर बनेगा, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार का कार्यकाल पूरा होने में अब कुछ ही महीने बचे हैं। इसलिए विरोधी दल अब इस वादे को लेकर आगामी चुनावों में बीजेपी पर हल्ला बोल की तैयारी कर रही है। इस बीच शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या 15 लाख रूपयों की तरह, राम मंदिर भी एक जुमला ही है।
शिवसेना का वार, जुमला है राम मंदिर
शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने बीजेपी से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या राम मंदिर भी सिर्फ आपके चुनावी वादों का एक जुमला है? इसके अलावा बता दें कि शिवसेना ने महाराष्ट्र को अयोध्या के रंग में रंगने की तैयारियां शुरू कर दी है, जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे 24 नवंबर को अयोध्या जाएंगे और वहां से बीजेपी के खिलाफ जंग की ऐलान करेंगे। याद दिला दें कि शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का ऐलान बहुत पहले ही कर दिया है, जिसकी वजह से बीजेपी महाराष्ट्र में थोड़ी कमजोर नजर आ रही है।
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अयोध्या दौरे से पहले शिवसेना ने ‘हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार’ का नारा दिया है, जिसके तहत देश की जनता को जागरूक करने का काम किया जाएगा। शिवसेना ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि बीजेपी जनता की भावनाओं के साथ खेल रही है और अपना एक भी वादा पूरा करने में नाकाम रही है, जिसकी वजह से अब पहले वादा पूरे करें या फिर सत्ता से हाथ धोएं। शिवसेना ही नहीं, आरएसएस भी राम मंदिर को लेकर काफी सख्त हो चुका है, जिसकी वजह से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है।