क्या आप भी गिफ्ट में देते हैं भगवान की मूर्ती? तो पढ़े ले ये नियम नहीं तो हो जाएंगे कंगाल
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: यदि आप किसी को प्यार करते हो तो आप उसे अलग-अलग तरीकों से अपने प्यार को दर्शाते हो। कभी उसकी केयर करके तो कभी उसके लिए कुछ खास करके और उन्हीं में से एक होता है उपहार यानि गिफ्ट देना। आप अपने पसंदीदा इसांन को गिफ्ट के जरिए उसे अपना प्यार प्रकट करते हैं। किसी की खुशी में शामिल होने पर भी हम उनको गिफ्ट देते हैं। खासकर बात जब गृह प्रवेश जैसे किसी कार्यक्रम की हो तो लोगों को सबसे बेहतर तोहफा लगता है भगवान की मूर्ती देना, लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी को गिफ्ट में भगवान की मूर्ती देने के कुछ नुकसान भी हैं जो आपको हो सकते हैं। वास्तु शास्त्र के मुताबिक भगवान की मूर्ती गिफ्ट करने के अलग-अलग महत्व हैं। तो चलिए आपको बताते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान की मूर्ती को उपहार देने के बारे में-
वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान की मूर्ती गिफ्ट करना
वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी को भी भगवान की मूर्ती तोहफे में देना अच्छा नहीं माना जाता है, भगवान की मूर्ती को सिर्फ खुद के लिए ही खरीदना चाहिए। इसके पीछे की जो वजह है वो है भगवान की मूर्ती की सही से विधि-विधान पूर्वक की जाने वाली देखभाल, क्योंकि भगवान को घर में स्थापित किया जाता है और उसकी देखभाल के लिए कई नियमों का पालन किया जाता है ऐसे में अगर आप किसी को भगवान की मूर्ती गिफ्ट के तौर पर देते हैं तो आपको नहीं पता होता कि वह व्यक्ति कैसे उस मूर्ती की देखभाल करता है और नियम और विधि-विधान से उसकी देखभाल कर रहा है कि नहीं।
किसी को गिफ्ट कर रहे हैं गणेश की मूर्ति
शादी-विवाह और गृह प्रवेश जैसे मौकों पर लोग गिफ्ट में गणेश जी की मूर्ती गिफ्ट करते हैं क्योंकि किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत गणेश जी की उपासना से ही होती है। वास्तु शास्त्र में गणेश की मूर्ती को घर में स्थापित करने के भी कई नियम हैं। जिनमें से एक है कि बेटी की शादी में गणेश की मूर्ती नहीं देनी चाहिए ऐसा करने से दुल्हन के परिवार से आर्थिक समृद्धि खत्म होती है, इसके साथ ही शास्त्रों में ये भी माना गया है कि गणेश को शुभ और लक्ष्मी जी को लाभ के लिए घर में स्थापित किया जाता है तो ऐसे में यदि आप किसी को गणेश और लक्ष्मी की मूर्ती गिफ्ट में देते हैं तो इससे आप के घर की समृद्धी आप उसे गिफ्ट के तौर पर दे देते हो।
कहां करें गणेश की मूर्ति को स्थापित
बता दें कि वास्तु शास्त्र में दिशा को भी विशेष महत्व दिया गया है जिसके अनुसार गणेश भगवान की मूर्ती को सदैव घर के उत्तर पूर्व कोने में ही स्थापित करना चाहिए। क्योंकि गणेश जी की दृष्टि को शुभ माना जाता है और उनकी पीठ के पीछे निगेटिव किरणें होती हैं। कई लोग अपने घर के मुख्य द्वार पर गणेश की मूर्ती स्थापित करते हैं तो इससे गणेश भगवान की अच्छी दृष्टि तो सामने वाले घरों में चली जाती है।
गणेश की मूर्ति खरीदते समय दें इन बातों का ध्यान
बता दें कि गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय एक बात है जिसका अवश्य ध्यान रखना चाहिए और वो है उनकी सूंड की दिशा, ध्यान रखें कि गणेश जी की मूर्ती में उनकी सूंड हमेशा बाएं तरफ होनी चाहिए क्योंकि शास्त्रों के हिसाब से उनका रख रखाव आसान होता है। ऐसा नहीं है कि दाई तरफ सूंड वाले गणपति को घर में नहीं लाया जाता है उनको मूर्ती भी आप खरीद सकते हैं लेकिन दाई तरह सूंड वाले मूर्ती की पूजा-पाठ का विधि-विधान बिल्कुल अलग होता है।
इसके साथ ही गणेश जी की उस मूर्ती को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता हैं जिसमें उनके हाथ में मोदक हो और बगल में चूहा हो। इसके साथ ही बता दे कि बैठे हुए गणेश,खड़े हुए, सोते हुए, नाचते हुए गणेश की मूर्ती के पूजा के नियम अलग हैं।
इसके साथ ही अगर आप गणेश जी की मूर्ती ना देकर सिर्फ गणेश जी की फोटो गिफ्ट कर रहे हैं तो ध्यान रखें की उसकी लंबाई 18 इंच से कम न हो। अगर गणपति की मूर्ती खंडित हो गई है या उसे सिर्फ सजावट के लिए रखा है तो उसकी पूजा कभी न करें। घर में सुख, शांति बनाए रखने के लिए घर में सफेद गणेश रखना शुभ होता है।
क्या कृष्ण और राधा, की मूर्ती गिफ्ट करनी चाहिए?
राधा और कृष्ण को प्यार का प्रतीक माना जाता है लेकिन उनकी मूर्ती को कभी भी किसी नवदंपत्ति को तोहफे के तौर पर नहीं देना चाहिए, इसके पीछे मान्यता है कि भले ही राधा-कृष्ण एक-दूसरे को प्यार करते हों लेकिन वो कभी एक नहीं हो पाए आर्थात उनकी शादी नहीं हो पाई।
इसकी जगह आप विष्णु-लक्ष्मी की मूर्ती को उपहार के तौर पर दे सकते हैं लेकिन तब जब जिसे आप वो गिफ्ट के तौर पर दे रहे हैं वो उनके रख-रखाव का सही ध्यान रखे।
घर में भगवान की मूर्तियां रखने के नियम
हिंदू धर्म में हर परिवार में मंदिर होता है लेकिन घर में मंदिर होना और उसमें भगवान की मूर्तियां स्थापित करने के भी कई नियम होते हैं। जैसे मंदिर को घर के किस स्थान पर बनाना चाहिए उसमें भगवान की मूर्तियों को किस तरह से स्थापित किया जाना चाहिए आदि।
शास्त्रों के अनुसार यदि आप किसी मूर्ती की पूजा नहीं कर रहे हैं तो उसे मंदिर में नहीं रखना चाहिए। ये नियम खास तौर से शिवलिंग पर लागू होता है। इसके साथ ही घर में एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं स्थापित किए जाने चाहिए।
अगर आप घर के मंदिर में ब्रह्मा-विष्णु-महेश की मूर्ती रख रहें हैं तो ध्यान दें कि इन देवताओं की मूर्ती बाकी देवताओं से ऊपर ही रखें।
किसी को उपहार (गिफ्ट) देने को लेकर क्या कहते हैं शास्त्र
बता दें कि ये सभी नियम वास्तु शास्त्र के अनुरूप बनाए गए है। अगर गीता की बात करें तो उसमें किसी को भी उपहार के तौर पर भगवान की मूर्ती देने का कोई वर्णन नहीं हैं। गीता के हिसाब से दान या उपहार केवल तीन प्रकार के होते हैं सात्विक, राजसिक और तामसिक।