देवउठनी एकादशी : इस दिन होगा तुलसी का विवाह, जानिए ऐसे में क्या करें और क्या नहीं
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ, धर्म-कर्म और त्योहारों का कोई अंत नहीं है. दीपावली अभी बीत ही रही थी कि छठ पूजा आ गई और अब देवउठनी यानी देव प्रबोधिनी एकादशी आने वाली 19 नवंबर यानी सोमवार के दिन पड़ रही है. इस तिथि में भगवान विष्णु, महालक्ष्मी और तुलसी की एक खास पूजा की जाती है जिसमें शालिग्राम (जो कि भगवान विष्णु का ही एक स्वरूप हैं) का विवाह तुलसी के साथ करवाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि देवउठनी एकादशी(devutthana ekadashi 2018) पर श्रीहरि को जगाया जगाया जाता है और देव के जागने की इस तिथि को ही देवउठनी एकादशी कहते हैं. ज्योतिषों के अनुसार, अगर आप भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो बहुत फायदा होता है. इस दिन होगा तुलसी का विवाह, और अगर आप ऐसा अपने घर में करवाते हैं तो फिर आपके जीवन में कठिनाईयां आकर चली जाएंगी.
देवउठनी एकादशी (devutthana ekadashi) दिन होगा तुलसी का विवाह
देवउठनी एकादशी में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है और ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि भगवान विष्णु का भोग तुलसी के पत्ते के बिना अधूरा माना जाता है. कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी प्रबोधिनी एकादशी की तिथि आती है. इस दिन भगवान विष्णु अपनी लंबी निद्रा से जागते हैं और इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि क्या करना है और क्या नहीं.
1. सोमवार की शाम को तुलसी के पास एक दीपक जलाएं और उनके पौधे को एक चुनरी उढ़ा देनी चाहिए र यही ओढ़नी उन्हें अर्पित की जाती है. इसके साथ ही, सुहाग का सारा सामान भी माता तुलसी पर चढ़ाए जाते हैं. फिर अगले दिन इन सभी चीजों को किसी सुहागिन महिला को दान में दे देना चाहिए.
2. सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते को कभी नहीं तोडें क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, शाम के बाद तुलसी से पत्ते तोड़ना वर्जित माना गया है. अमावस्या, चतुर्दशी तिथि पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए और रविवार, शुक्रवार या सप्तमी तिथि पर भी तुलसी के पत्ते तोड़ना सही नहीं माना जाता. देव उठावनी के दिन तो तुलसी के पत्ते बिल्कुल नहीं तोड़ने चाहिए.
3. अगर तुलसी का पौधा आपके घर में है तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तुलसी का पत्ता बेवजह कभी नहीं तोड़ें. जिन दिनों में पत्ते तोड़ना वर्जित किया गया है और आपको उन पत्तों की जरूरत है तो तुलसी के पौधे के पास झड़े हुए पत्तों का उपयोग आप कर सकते हैं. वर्जित की गई तिथियों से एक दिन पहले तुलसी के पत्ते तोड़कर आप अपने पास रख सकते हैं.
4. देवउठनी एकादशी(devutthana ekadashi 2018) यानी 19 नवंबर 2018 दिन सोमवार को सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं. जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना अच्छा माना जाता है. जल में लाल फूल और चावल भी डाल लेना चाहिए. इस दौरान सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम:। ऊँ भास्कराय नम:। का जाप करना अच्छा माना जाता है.
5. सोमवार की शाम भगवान विष्णु के साथ ही लक्ष्मी की पूजा करें और पूजा में दक्षिणावर्ती शंख, कमल गट्टे, गोमती चक्र, पीली कौड़ी के अलावा सामान्य पूजा का सभी सामान शामिल कर सकते हैं.
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