बड़ी खुशखबरी : केंद्र सरकार ने दी कामकाजी महिलाओं को बड़ी सौगात, जानिए क्या है पूरा मामला?
केंद्र सरकार मां बनने वाली कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा ऐलान किया है। जी हां, अक्सर गर्भवती होने पर महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी सिलसिले में उन्हें अपने करियर के साथ भी समझौता करना पड़ता है। इसके अलावा जब से मैटरनिटी लीव प्रावधान में आया है, तब से कंपनियां या तो गर्भवती महिलाओं को नौकरी देती नहीं है या फिर उन्हें नौकरी से निकाल देती हैं, जिसकी वजह से गर्भवती महिलाओं का करियर खत्म होने के कगार पर आ जाता है। तो चलिए जानते हैं कि मां बनने वाली कामकाजी महिलाओं के लिए केंद्र सरकार क्या बड़ा ऐलान किया है?
महिला कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि अब मातृत्व अवकाश के 7 हफ्ते का वेतन सरकार नियोक्ता कंपनी को वापस करेगी। जी हां, सरकार के इस फैसले से तमाम कामकाजी महिलाओं को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि अब उनके करियर को सरकार खत्म नहीं होने देगी। सरकार के इस घोषणा से उन तमाम शिकायतों पर रोक लग गई, जिसमें यह कहा जा रहा था कि मैटरनिटी लीव की मियाद 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते किए जाने के बाद गर्भवती महिलाओं को नौकरी नहीं मिल रही है।
प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने वाली महिलाओं को भी मिलेगा ये लाभ
मातृत्व अवकाश की सीमा बढ़ाने के बाद प्राइवेट कंपनी महिलाओं को नौकरी नहीं दे रही है या फिर उन्हें निकाल रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि प्राइवेट या सरकारी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं इसके दायरे में आएंगी। मतलब साफ है कि अब गर्भवती महिलाओं के मातृत्व अवकाश के दौरान सरकार से उन्हें सैलरी मिलेगी। सरकार की इस योजना से महिलाएं काफी ज्यादा खुश हो गई हैं और उन्हें अपनी नौकरी के जाने का डर भी नहीं रहा।
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ये महिलाएं आएंगी दायरे में
बताते चलें कि सरकार के इस घोषणा के अंदर 15 हजार से ज्यादा की सैलरी पाने वाली महिलाएं आएंगी। जी हां, जो कंपनी महिलाओं को 15 हजार से ज्यादा सैलरी देती है, उसे महिला के मातृत्व अवकाश के दौरान दी जाने वाली सैलरी केंद्र सरकार से मिलेगी। फिर चाहे कंपनी सरकारी हो या फिर प्राइवेट हो। याद दिला दें कि सरकार ने इसी साल मातृत्व अवकाश की सीमा 12 से बढ़ाकर 26 हफ्ते किया, जिसके बाद महिलाओं को नौकरी से निकालने की तमाम तरह की शिकायते सामने आने लगी, जिसको रोकने के लिए सरकार ने अब यह कदम उठाया है।