अगर आप महिलाओं की इन अदाओं से बच गए तो आप भी पूज्यनीय कहलायेंगे
प्राचीन काल से ही कहा जाता है कि महिलाओं के पास ऐसी सम्मोहन शक्ति होती है कि वह किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकती हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है ऋषि विश्वामित्र। विश्वामित्र एक बार स्वर्ग पर अधिपत्य जमाने के चक्कर में कड़ी तपस्या में लीन हो गए। जब यह बात इन्द्र को पता चली तो उन्होंने विश्वामित्र का ध्यान भंग करने के लिए स्वर्ग की सुंदरी मेनका को भेजा। मेनका की अदाओं को देखने के बाद विश्वामित्र खुद को रोक ही नहीं पाए और अपनी तपस्या बीच में ही छोड़ दी।
ठीक इसी तरह से महिलाओं के इस आकर्षण के बारे में एक और कहानी है। राजा भर्तृहरि अपनी पत्नी रानी पिंगला के मोह जाल में इस कदर फँसे हुए थे कि उन्हें कुछ सूझता ही नहीं था। एक बार किसी कारण से उन्हें रानी पिंगला के धोखे का पता चल जाता है। रानी पिंगला राजा से नहीं बल्कि किसी और पुरुष से प्रेम करती थी। जब यह बात राजा भर्तृहरि को पता चली तो उन्होंने सारे मोह को त्यागकर अपना सारा राज-पाठ अपने भाई को दे दिया और सन्यासी हो गए। उन्होंने भर्तृहरि शतक ग्रन्थ की रचना भी की। इसमें उन्होंने महिलाओं की खूबसूरती के सम्बन्ध में बताया है। उन्होंने यह भी बताया है कि इससे कोई भी व्यक्ति बच नहीं सकता है। आइये जानते हैं क्या है वो?
महिलाओं की खूबसूरती:
*- किसी भी महिला का धीरे-धीरे मुस्कुराना, दिल पर वार करते हुए नज़रों को फेर लेना, मीठा बोलना, शरमाना, घायल कर देने वाली भाव-भंगिमा को देखने के बाद कोई भी व्यक्ति उनके मोह जाल में बंधे बिना नहीं रह सकता है।
*- महिलाओं के पास प्राकृतिक रूप से दिए हुए गहने होते हैं जैसे चाँद सा दमकता चेहरा, सोने जैसा तन, हिरानी जैसी आँखे, भौरों से भी ज्यादा काले लहराते हुए बाल और गुलाब से नाजुक होठ किसी को भी अपना दीवाना बना सकता है। महिला अगर श्रृंगार ना भी करे तो वह खुबसूरत दिखती है।
*- महिलाओं के पायल की छन-छन, चूड़ियों की खन-खन और विशेष अदाएं राजहंसिनियों को भी पीछे छोड़ देती हैं। यह सब देखने के बाद कोई भी पुरुष उनका दीवाना बने बिना रह ही नहीं सकता है।
*- जब तक हिरन की तरह आँखों वाली किसी महिला के आंचल की हवा किसी विद्वान को नहीं लगती है तभी तक वह विद्वान बना रहता है, जैसे ही उसे किसी महिला के प्रति आकर्षण हो जाता है उसकी सारी विद्वता धरी की धरी रह जाती है।
कुल मिला-जुलाकर सिर्फ यही कहना है कि महिलाओं की खूबसूरती देखकर जिस पुरुष का ईमान डंवाडोल नहीं होता है वह सही मायनों में एक पूज्यनीय इंसान होता है।