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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव : बुंदेलखंड में आसान नहीं है बीजेपी की डगर, अखिलेश-माया देंगे टक्कर

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की मुसीबते कम होने का नाम नहीं ले रही है। पिछले कई बार से सत्ता पर काबिज होने के बावजूद इस बार बीजेपी की हालत पस्त होती नजर आ रही है। बीजेपी को इस बार सत्ता पर काबिज होने के लिए कांग्रेस समेत कई अन्य विरोधी पार्टियों का सामना करना पड़ रहा है। जी हां, मध्यप्रदेश भले ही बीजेपी का गढ़ है, लेकिन इस बार सत्ता का डगर आसान नहीं है। इस बार कांग्रेस नहीं मध्यप्रदेश में बीजेपी के लिए मुसीबत अखिलेश और माया बनते हुए नजर आ रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

मध्यप्रदेश में जहां बीजेपी को किसानों और युवाओं से चुनौती मिल रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने भी मुसीबतें बढ़ा दी है। मध्यप्रदेश में बीजेपी को बीएसपी और सपा से कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है। जी हां, बुंदेलखंड की दो दर्जन सीटों पर बीजेपी की राह आसान नहीं है, क्योंकि वहां पड़ोसी राज्य यूपी की क्षेत्रीय पार्टियों ने अपना दबदबा बना लिया है। सपा और बीएसपी के साथ हो जाने पर यूपी के उपचुनाव में बीजेपी की धज्जियां उड़ गई थी, ऐसे में पार्टी हाईकमान में टेंशन की लहर है।

सपा और बसपा का ये है बड़ा दांव

बताते चलें कि सपा ने स्थानीय परिस्थितियों की अनुकूलता को देखते हुये इन छह जिलों पर ध्यान केंद्रित किया है, जबकि बसपा ने  अनुसूचित जाति की बहुलता वाली चंबल संभाग की मुरैना और विंध्य क्षेत्र में सतना जिले की सभी विधानसभा सीटों पर मजबूती से ताल ठोंक दी है। ऐसे में सपा और बसपा के इस गणित के आगे बीजेपी पूरी तरह से झुकती हुई नजर आ रही है। बुंदेलखंड में बीजेपी की फिलहाल स्थिति ठीक नहीं मानी जा सकती है, क्योंकि वहां के लोगों में बीजेपी के खूब नाराज़गी है।

राजनीतिक जानकारों की माने तो यह कांग्रेस, सपा और बसपा की मिली भगत है, क्योंकि चुनाव से पहले अगर इन तीनों ने गठबंधन कर लिया तो शायद नतीज़े पलट सकते हैं, ऐसे में यह बीजेपी को अपनी चाल में फंसाने के लिए बड़ी रणनीति है। वहीं बीजेपी ने भी इस चुनौती को स्वीकार करते हुए प्लान बनाया है। बुंदलेखंड की जनता के बीच खुद पीएम मोदी शिरकत कर सकते हैं और उनसे बीजेपी को वोट देने की अपील कर सकते हैं। बहरहाल, देखने वाली बात यह है कि बीजेपी विरोधियों की चाल में फसती है या फिर सत्ता में फिर से परचम लहराएगी।

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