मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में विकास की बात दूर दूर तक नहीं दिखाई दे रही है। इस बार मुद्दा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को बैन कराने पर आ टिकी है। जी हां, जहां एक तरफ कांग्रेस ने सीना ठोक के कहा कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार आई तो आरएसएस की शाखाओं को बंद करा देंगे, तो वहीं दूसरी तरफ शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकारी दफ्तर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा ज़रूर बनी रहेगी, इसे कोई नहीं रोक सकता है। मतलब साफ है कि इन दिनों मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव का मुद्दा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) बन चुका है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में वादा किया है कि वह सरकारी स्थानों में आरएसएस की शाखाओं पर बैन लगाएगी, तो वहीं अब इस पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को खुलेआम चुनौती दे डाली है। जी हां, मुख्यमंत्री शिवराज ने कांग्रेस पर हमला करते हुए खरगोन में कहा कि संघ की शाखाएं सरकारी कार्यालयों में भी लगेगी और सरकारी कर्मचारी भी आरएसएस की शाखा में हिस्सा लेंगे और इस पर रोक नहीं लगा सकता है। फिर चाहे सूबे में किसी की भी सरकार क्यों न आए।
कांग्रेस की उम्मीदों पर शिवराज ने फेरा पानी
कांग्रेस पार्टी इस ऐलान के ज़रिए विधानसभा चुनाव जीतने का ख्वाब देख रही है, लेकिन शिवराज के इस बयान के बाद कांग्रेस की नींद ज़रूर उड़ गई होगी। दरअसल, कांग्रेस इसे मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव का सबसे बड़ा वादा बता रही है, लेकिन शिवराज ने ललकारते हुए राहुल को चुनौती दे डाली। शिवराज के बयान के बाद कांग्रेस ने कहा कि सीएम संविधान की मर्यादा भंग कर रहे हैं। बता दें कि शिवराज सिंह ने संघ को देशभक्तों का संगठन बताया और कहा कि सरकारी कर्मचारी ही नहीं, हर देशभक्त संघ की शाखा में जा सकता है।
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बताते चलें कि शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि कांग्रेस आज पूरे अंहकार में जी रही है, जिसे खत्म करना ज़रूरी है। हालांकि, कांग्रेस के लिए मध्यप्रदेश जितना उसी तरह ज़रूरी हो गया है, जैसे डूबती नैया को तिनके का सहारा ही मिल जाना। जी हां, कांग्रेस लगातार हार का सामना कर रही है, इसके बावजूद वह उठने की कोशिश कर रही है, लेकिन बार बार उसे हार ही मिल रही है।