चाईना के टीवी एंकर्स की नौकरी पर गिरी गाज, आ गया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस वाला एंकर
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: चीन हमेशा से ही ऐसी-ऐसी टेक्नॉलाजी लेकर आता है जिसे देखकर हर कोई अचरज में आ जाता है, चीन के द्वारा बनाए गई चीजों ने भारतीय बाजार में भी अपनी धाक जमा रखी है, कम कीमत में ज्यादा फायदे देने वाले इस देश के आर्टिकल्स लोगों को खासा पसंद आते हैं, हाल ही में दीवाली पर घरों में लगाई जाने वाली एलइडी लाइट्स भी चाईना की ही देन है, बच्चों के खिलौंनों से लेकर मोबाइल फोन और मशीनों तक हर किसी क्षेत्र में चाइना के सामान देखने को मिल जाते हैं। यह देखकर ये बात तो साफ हो जाती है कि चाइना दिन बा दिन प्रगति कर के आगे बढ़ता जा रहा है, लेकिन इस बार जो चाइना ने खोज कर निकाला है उसके बाद चीन के एंकर्स की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। और जिस तरह से चीन के सामान दूसरी बाजारों में भी अपनी धाक जमाएं हुए हैं उसे देखकर तो यही लगता है कि आने वाले समय में भारतीय टीवी एंकर्स को भी अपनी नौकरियों की चिंता करनी पड़ सकती है, तो चलिए आपको बताते हैं कि इस बार चीन ने क्या कमाल कर दिखाया है।
बता दें कि चीन ने पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड न्यूज एंकर तैयार किया है, जो असल एंकर्स की तरह टीवी पर न्यूज पढ़ सकता है। पांचवी वर्ल्ड इंटरनेट कांफ्रेंस के मौके पर चीन के शेजियांग प्रांत में चीन के पहले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस वाले न्यूज़ एंकर ने सबके सामने न्यूज़ पढ़कर सुनाई। इस न्यूज एंकर को सुनते हुए ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा था कि यह खबर कोई इंसान नहीं बल्कि एक आर्टिफीशियलएंटेलीजेंस वाला न्यूज एंकर पढ़ रहा हो। बता दें न्यूज़ पढ़ते वक्त इसके चेहरे के भाव भी समाचार के मुताबिक बदलते भी रहते हैं।
चीन की न्यूज एजेंसी Xinhua ने इसके लिए चीन की सर्च इंजन कंपनी सोगू के साथ पार्टनरशिप की है। यह न्यूज एंकर शायद दुनिया का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड एंकर है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह न्यूज एंकर यह 24 घंटों तक लगातार काम कर सकता है. खास बात ये है कि इस वर्चुअल न्यूज एंकर में ब्रेकिंग न्यूज पढ़ने की क्षमता है।
न्यूज एजेंसी का कहना है कि AI बेस्ड न्यूज एंकर्स खास तौर पर ब्रेकिंग न्यूज समय पर देने के लिए यूज किए जा सकते हैं। साथ ही यह कोई रोबोट नहीं है, बल्कि इसे आप वर्चुअल न्यूज एंकर कह सकते हैं।
The 5th World Internet Conference is now underway in China’s Hangzhou city. At a sideline exhibition, the online app — “AR-Museum” — is bringing antiques to life. pic.twitter.com/0Nv7YlZleC
— China Xinhua News (@XHNews) November 8, 2018
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफर्ड के माइकल वूलरिज ने कहा है कि यह न्यूज प्रेजेंटर असली दिखने की कोशिश करता है, लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने बीबीसी को कहा है कि ऐसे न्यूज कुछ मिनट से ज्यादा नहीं देख सकते हैं, क्योंकि ये काफी सपाट हैं और इनमें कोई विविधता नहीं है.
शिह्नुआ न्यूज एजेंसी ने कहा है, ‘यह ग्लोबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिंथेसिस में क्रांति की तरह है. रियल न्यूज एंकर के फेशियल एक्सप्रेशन, लिप मूवमेंट और हाव भाव के लिए मशीन लर्निंग का यूज किया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को यूज करते हुए इमेज और इंसानों की आवाज को मिला कर बिल्कुल असली न्यूज एंकर की तरह एक्सप्रेशन भी दिए गए हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ शेफ़ील्ड में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स के प्रोफ़ेसर नोएल शिर्के का मानना है कि, “इस पहले प्रयास की सराहना की जानी चाहिए, हम इसमें समय के साथ और सुधार करते रहेंगे।”
चीन के द्वारा किए गए इस आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस एंकर की तारीफ करना तो बनता है लेकिन इसके साथ ही एंकर्स को भी अपने प्रोफेशन को बचाने के लिए क्या करना होगा ये भी सोचने वाली बात है।
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