अध्यात्म

9 नवंबर 2018 भाईदूज पूजा विधि, शुभ मुहुर्त और पौराणिक कथा

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: दीपावली एक दिन का त्यौहार नहीं हैं बल्कि पांच दिन तक यह त्यौहार मनाया जाता है, धनतेरस के दिन से शुरू यह त्यौहार पूरे पांच दिनों तक चलता है और भाई-दूज के दिन तक चलता है। और इस बार भाईदूज कल यानी की  9 नवंबर को है। भाई दूज भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है जो कल के दिन पूरे देश में मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं । तो चलिए आपको बताते हैं भाई दूज पर्व का महत्व, शुभ मुहूर्त और विधि।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानी दीपावली के एक दिन के बाद भाई दूज मनाया जाता हैं।

भाई दूज

ऐसे मनाएं भाई दूज

इस दिन सबसे पहले सुबह उठकार स्नान करें और जिस पर स्थान पर भाई को टीका लगाना है उस जगह पर आटे का चौक बना लें और उसके ऊपर पटा या चौकी रखें। शुभ मुहुर्त के हिसाब से चौकी के ऊपर भाई को बिठाएं और उनके हाथों की पूजा करें, हाथों की पूजा के लिए सबसे पहले भाई की हथेली पर चावल का घोल लगाएं, फिर उसके ऊपर सिंदूर लगाएं और पानी, सुपारी और फूल रखकर हाथों पर जल छिड़कें और मन में गायत्री मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसेक हाथों में कलावा भी बांधे और उसका मुंह मीठा करायें। उसके बीद भाई की आरती उतारें। शाम के समय यमराज के नाम से एक चौमुखा दीया जलाकर, घर के बाहर दक्षिण दिशा में रख दें।

भाई का तिलक करते समय करें इस मंत्र का उच्चारण

गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को । सुभद्रा पूजे कृष्ण को गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें फूले फलें।।

भाई दूज पूजा का शुभ मुहूर्त

भाई दूज

सुबह- 9:20 से 10:35 तक
दोपहर-1:20 से 3:15 तक
शाम-4:25 से 5:35 और 7:20 से रात 8:40 तक

बता दें कि इस दिन भाई को अपने बहन के घर पर भोजन करने के लिए जाना चाहिए, ऐसी मान्यता है कि यमुना ने भाई यम को इस दिन अपने घर खाने पर बुलाया था, यही वजह है कि इसे यम द्वितिया भी कहा जाता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन अपनी बहन के यहां भोजन करता है वह साल भर हर तरह की परेशानियों से दूर रहता है।

भाई दूज को लेकर पौराणिक कथा

भगवान सूर्य नारायण की पत्नी का नाम छाया था। उनके दो बच्चे थे यमराज और यमुना। यमुना अपने भाई यमराज से बहुत प्रेम करती थी। वह यमराज से हमेशा निवेदन करती कि वह अपने इष्ट मित्रों के साथ उसके घर भोजन पर आए। लेकिन अपने कार्य में व्यस्त यमराज हमेशा उसकी बात को टालते रहा। फिर कार्तिक शुक्ल के दिन यमुना ने यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया।

यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहेगा लेकिन बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करते हुए उसके घर जाना मेरा धर्म है। यमराज जैसे ही यमुना के घर पहुंचे वो देखकर उनको खुश हो गई। उसने पूजन करने के बाद भाई यमराज को भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने खुश होकर उससे एक वरदान मांगने को कहा।

यमुना ने उनसे वरदान में मांगा कि वो प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो। और मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करें, उसे तुम्हारा भय न रहे। यमराज ने उसको वरदान दे दिया और इसी दिन से इस पर्व की परम्परा बनी। ऐसी मान्यता है कि जो आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता।

इस दिन भूलकर भी न तोड़े तुलसी के पत्ते, वरना हो जाएंगे कंगाल और बर्बाद

Back to top button
?>
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet https://galaxy77bet-jaya.com/ https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/