ब्लैकमनी पर नरम हुई मोदी सरकार! ब्लैकमनी को व्हाइट करने का मिलेगा एक और मौका!
नई दिल्ली – नोटबंदी के ऐलान के बाद एक तरफ जहां लोग बैंकों में पैसे जमा करा रहे हैं वहीं जिन लोगों के पास ब्लैकमनी के रुप में बेहिसाब पैसा हैं उन्हें सरकार एक और मौका दे सकती है। खबर है कि अगले सप्ताह केंद्र सरकार इनकम टैक्स एक्ट में संशोधन भी कर सकती है। इस संबंध में संशोधन विधेयक अगले हफ्ते संसद में पेश हो सकता है। इस संशोधन के जरिए 8 नवंबर के बाद बैंकों में जमा बेहिसाब संपत्ति पर ज्यादा कर लगाने का प्रावधान किया जा सकता है। Black money disclosed.
वित्त मंत्रालय के विशिष्ट सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार रात हुई कैबिनेट की बैठक में आयकर अधिनियम में संशोधन का निर्णय लिया गया। इसे सरकार अगले सप्ताह वित्त विधेयक के तौर पर संसद में पेश करेगी।
काले धन पर सरकार ने निकाला बीच का रास्ता –
एक टैक्स एक्सपर्ट ने बताया कि मोदी सरकार ने काले धन पर अपना रूख नरम करने पर विचार कर रही है। इसके लिए सरकार इनकम टैक्स कानून में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। सरकार संशोधित बिल के तहत बैंक खाते में ढाई लाख रुपये से ज्यादा धन जमा होने की स्थिति में किसी व्यक्ति की ओर से अघोषित आय की घोषणा पर 50 फीसदी कर वसूला जाएगा और संपत्ति के प्रयोग पर चार साल की रोक लगा दी जाएगी। इस स्थिति में कोई अन्य कानूनी कार्रवाई भी सरकार की ओर से नहीं की जाएगी। जबकि अघोषित आय की घोषणा नहीं होने पर 60 फीसदी टैक्स के अलावा जुर्माना भी लगाया जाएगा।
काले धन को सरकारी खजाने में लाना चाहती है सरकार –
दरअसल, केंद्र सरकार चाहती है कि देश में कैश में मौजूद समुचा पैसा सरकारी खजाने में जमा हो और इस पर टैक्स वसूला जाए। इसके लिए ही सरकार मौजूदा इनकम टैकस कानून में संशोधन करना चाहती है। सरकार नोट बैन के बाद खाते में जमा किए गए काले धन पर 200 फीसदी पेनल्टी लगाने की बात पहले ही कह चुकी है।
सरकार की नजर आगामी बजट के लिए धन जुटाने पर –
इस संबंध में एक प्रसिद्ध अर्थशाष्त्री का कहना है कि इस तरह की योजना के माध्यम से सरकार बजट के लिए पैसा भी जुटा सकती है। सरकार 2017-18 के लिए बजट की तैयारी कर रही है। इस योजना से आने वाले राजस्व से सरकार सामाजिक कल्याण की योजनाओं के लिए अधिक राशि का आवंटन कर सकेगी।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक उम्मीद है कि राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी अगले सप्ताह से पहले मिल जाएगी और संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश कर दिया जाएगा। जहां संबंधित संशोधन को वित्त विधेयक के तौर पर स्वीकार करने या न करने का फैसला लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन करेगीं।