दीपावली पर सुबह से शाम तक करें इन नियमों का पालन, लक्ष्मी जी हो जाएंगी प्रसन्न
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: दीवाली पर गणेश-लक्ष्मी का पूजन किया जाता है, ऐसा माना जाता है कि इन दिनों मां लक्ष्मी जी अर्धरात्रि के समय घरों में विचरण करती हैं। इसलिए इन दिनों घर की साफ-सफाई का खासा ध्यान रखा जाता है, और घरों को अच्छे से सजाया-संवारा जाता है। जिससे लक्ष्मी जी प्रसन्न होकर स्थायी रूप से घर में वास कर लेती है। दीपावली सिर्फ एक दिन का त्यौहार नहीं हैं बल्कि यह त्यौहार धनतेरस से शुरू होता है उसके बाद नरक चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजन यानि दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज वाले दिन तक मनाया जाता है। बता दें कि दीवाली के दिन में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है, सुबह से लेकर शाम तक आपको अपने द्वारा की जाने वाली हर क्रिया को ध्यान में रखना चाहिए। ताकि मां लक्ष्मी आपके घर में स्थायी निवास कर सकें। तो चलिए आपको बताते हैं क्या हैं वो नियम जिनका आपको पालन करना है।
- सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- अब नीचे दिए गए संकल्प से दिनभर उपवास रहें-
मम सर्वापच्छांतिपूर्वकदीर्घायुष्यबलपुष्टिनैरुज्यादि–सकलशुभफल प्राप्त्यर्थं
गजतुरगरथराज्यैश्वर्यादिसकलसम्पदामुत्तरोत्तराभिवृद्ध्यर्थं इंद्रकुबेरसहितश्रीलक्ष्मीपूजनं करिष्ये।
- दिन में घरों में पकवान बनाएं व घरों को रंगोली और दियों से सजाएं और बड़ों का आशीर्वाद लें।
- शाम के वक्त पुन: स्नान करें।
- लक्ष्मीजी की पूजा के लिए उनके स्थान की अच्छे से साफ-सफाई कर वहां पर चौकी स्थापित करें और वहां पर लक्ष्मी-गणेश का चित्र या मूर्ती स्थापित करें।
- खाने में स्वादिष्ट व्यंजन, कदली फल, पापड़ तथा अनेक प्रकार की मिठाइयां बनाएं।
- लक्ष्मी-गणेश जी को जिस चौकी पर विराजमान किया हो उसमें मौली बांधें।
- इसके बाद भगवान का तिलक करें।
- अब चौकी पर छः चौमुखे और 26 छोटे दीपक जलाकर रखें।
- फिर लक्ष्मी-गणेश का विधिवत पूजन करें।
- एक छोटा तथा एक चौमुखा दीपक रखकर लक्ष्मीजी का पूजन निम्न मंत्रों का जाप कर के करें-
” नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरेः प्रिया।
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात्वदर्चनात॥”
साथ ही निम्न मंत्र से इंद्र का ध्यान करें-
“ऐरावतसमारूढो वज्रहस्तो महाबलः।
शतयज्ञाधिपो देवस्तमा इंद्राय ते नमः॥”
पश्चात निम्न मंत्र से कुबेर का ध्यान करें–
“धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च।
भवंतु त्वत्प्रसादान्मे धनधान्यादिसम्पदः॥”
- इस पूजन के पश्चात तिजोरी में गणेशजी तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर विधिवत पूजा करें।
- व्यावसायिक प्रतिष्ठान, गद्दी की भी विधिपूर्वक पूजा करें।
- पूजा के बाद चौकी पर जलाएं गए दीपकों को घर के हर एक कोने पर जलाएं।
- इसके बाद घर की बहू-बेटियों को रुपए का दान करें।
- दीपावली की रात घर में दीपक से काजल पार कर लगाने की प्रथा है, अत: घर के सभी लोग दीपकों का काजल आंखों में लगाएं।
- फिर रात्रि जागरण कर गोपाल सहस्रनाम पाठ करें।
- रात को बारह बजे दीपावली पूजन के उपरान्त चूने या गेरू में रुई भिगोकर चक्की, चूल्हा, सिल तथा छाज (सूप) पर तिलक करें।
- दूसरे दिन सुबह चार बजे उठकर पुराने छाज में कूड़ा रखकर उसे दूर फेंकने के लिए ले जाते समय कहें ‘लक्ष्मी-लक्ष्मी आओ, दरिद्र-दरिद्र जाओ’।
इस दिवाली रखें इन बातों का विशेष ध्यान वरना माँ लक्ष्मी जा सकती हैं आपसे दूर