अपने हर कार्य को बनाना हो सफल तो चौघड़िया से जानें शुभ मुहुर्त
आज का शुभ मुहूर्त (aaj ka shubh muhurt) , हिंदू धर्म में हर चीज करने के लिए एक शुभ मुहुर्त का विशेष महत्व होता है, कोई भी शुभ कार्य या नया कार्य प्रारंभ करने के लिए शुभ मुहुर्त देखा जाता है। यदि किन्हीं कारणों से शुभ मुहुर्त देखना संभव नहीं हो पाता या कोई शुभ मुहुर्त नहीं निकलता है तो ऐसे में हिंदू वैदिक कैलेंडर चौघड़िया की सहायता ली जाती है और चौघड़िया की मदद से शुभ मुहुर्त निकाला जाता है। ।
इसका महत्व आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि एक बार बिना पंडित से मुहुर्त निकलवाए किसी शुभ कार्य को पूरा कर लिया जाता है लेकिन अगर वो समय चौघड़िया के अनुसार गलत समय पर हुआ तो वह निष्फल हो जाता है। वैसे तो इसका प्रयोग शुभ यात्रा के मुहुर्त को देखने के लिए किया जाता है, लेकिन इसकी सरलता की वजह से इसे हर मुहुर्त के उपयोग में लाया जाता है। चौघड़िया देखना बहुत सरल है और यह कैलेण्डरों के साथ ही पंचांग में रहता है।
आज का शुभ मुहूर्त
चौघड़िया एक संस्कृत शब्द है जो चौ और घड़िया से मिलकर बना है। चौ का अर्थ होता है चार और घड़िया का अर्थ होता है समय। घड़िया को घटी भी कहा जाता है। अतः चौघड़िया का अर्थ घटी होता है।
आपको बता दें, दिन और रात का एक चौघड़िया होता है, 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात में हर डेढ मिनट पर एक चौघड़िया होता है। खास बात तो यह है कि विदेशी कैलेंडरों के मुताबिक 12 बजने के बाद दूसरा दिन लगता है तो वहीं चौघड़िया समयानुसार नया दिन सूर्योदय से प्रारंभ होता है और सूर्यास्त के साथ समाप्त होता है। सात वारों के चौघड़िया अलग-अलग होते हैं।
चौघड़िया के प्रकार
चौघड़िया मूलत: दो प्रकार की होती है: दिन चौघड़िया और रात्रि चौघड़िया लेकिन इन्हें सात रूपो में बांटा गया ैहै।
चौघड़िया सात प्रकार की होती हैं-
उद्वेग चौघडिया
अमृत चौघडिया
रोग चौघडिया
लाभ चौघडिया
शुभ चौघडिया
चल चौघडिया
काल चौघडिया
इन सात चौघडियों में कुछ चौघड़िया शुभ होते हैं, तो कुछ सामान्य होते हैं वहीं कुछ बहुत ही अशुभ माने जाते हैं।
बता दें कि हर चौघड़िया का अपना ही एक खास महत्त्व होता है। जिनमें से अमृत, शुभ और लाभ काफी शुभ चौघड़िया माने जाते हैं। वहीं चल सामान्य चौघडिया मुहूर्त होता है। उद्वेग, काल और रोग अशुभ चौघड़िया मुहूर्त होते हैं। ध्यान रखने वाली बात यह है कि जब भी आपको महत्वपूर्ण कामों को करना हो तो उसे अमृत, शुभ और लाभ चौघड़िया के मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए। इस तरह से आप आज का शुभ मुहूर्त देख सकते हैं और शुभ मुहूर्त पर काम कर सकते हैं
दिन और रात के हिस्सों का एक चौघड़िया होता है, मतलब 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात में हर 1:30 घंटे का एक चौघड़िया होता है। सात चौघड़ियों के बाद आने वाला अगला पहला चौघड़िया आठवा चौघड़िया होता है। हफ्ते के सातों दिनों के चौघड़िया अलग अलग होते हैं।
दिन का चौघड़िया
दिन का चौघड़िया सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच का समय होता है। अमृत, शुभ, लाभ और चाल को शुभ चौघड़िया माना जाता है। अमृत को सर्वश्रेष्ठ चौघड़िया में से एक माना जाता है वहीँ चाल को भी अच्छे चौघड़िया के तौर पर देखा जाता है। दूसरी ओर, उदेव, रोग और काल को अशुभ मुहूर्त माना जाता है । इस तरह से आप काम करने से पहले आज का शुभ मुहूर्त देख सकते हैं
रात का चौघड़िया
रात का चौघड़िया सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच का समय होता है। रात में कुल 8 चौघड़िया होते हैं। रात और दिन दोनों के चौघडिया एक समान परिणाम देते हैं। इस तरह से आपआज का शुभ मुहूर्त देख सकते हैं
कैंसे करें चौघड़िया की गणना?
जानें आज का शुभ मुहूर्त । जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि चौघड़िया हर दिन के लिए अलग होता है। दिन के लिए चौघड़िया, सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच का समय माना जाता है और फिर इसे 8 से विभाजित करते है, जिससे लगभग 90 मिनट मिलते हैं। जब हम सूर्योदय के समय को इस समय में जोड़ते हैं, तो पहले दिन का चौघड़िया प्राप्त होता है।
उदाहरण के लिए, अगर सूर्योदय का समय 5:00 बजे लिया जाता है, फिर उसमें 90 मिनट जोड़ते हैं,तो 6:30 बजे आता है। इस प्रकार पहला चौघड़िया 5:00 पूर्वाह्न से शुरू होता है और 6:30 बजे समाप्त होता है। दोबारा, यदि हम पहले चौघड़िया का समय लेते हैं, अर्थात 6:30 बजे, उसमें 90 मिनट जोड़ते हैं, 8:00 बजे आते हैं, इसका मतलब दूसरी बार चौघड़िया 6:30 बजे से शुरू होता है और 8:00 बजे समाप्त होता है। इसी तरह से रात के चौघड़िया की भी गणना की जाती है।
तो इस तरह से आप भी किसी शुभ कार्य या यात्रा में निकलने से पहले चौघड़ियामें आज का शुभ मुहूर्त देखकर अपने कार्य को को सफल और यात्रा को मंगलमय बनाएं।
यह भी पढ़ें
- जानें क्यों मनाई जाती है गुरू पूर्णिमा, उसके महत्व, कविताएं और निबंध
- Intresting and Amazing Facts in Hindi | दिमाग हिला देने वाले रोचक तथ्य