राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने राम मंदिर के मुद्दे पर शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है। जी हां, आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की 3 दिवसीय बैठक खत्म होने के बाद संघ के सरकार्यवाहक भैय्याजी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट पर जमकर निशाना साधा है। भैय्याजी ने राम मंदिर की सुनवाई में होने वाली देरी को हिंदू समाज के अपमान से जोड़ते हुए फिर से आंदोलन करने का ऐलान किया है। आरएसएस और बीजेपी नेता राम मंदिर की सुनवाई में होने वाली देरी को लेकर काफी ज्यादा नाराज़ चल रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
संघ के सरकार्यवाहक भैय्याजी जोशी ने कहा कि कोर्ट राम मंदिर के निर्माण के फैसले में देरी कर रहा है। माना कि यह उसका अधिकार क्षेत्र है, लेकिन जब कोर्ट से इस पर पूछा गया तो कोर्ट ने जवाब दिया कि उनके पास और भी प्राथमिकताएं हैं, जिसके बाद से ही आरएसएस और बीजेपी नेता सुप्रीम कोर्ट से पूरी तरह से नाराज दिख रहे हैं। अब आरएसएस ने यह साफ कर दिया है कि अगर इस मुद्दे पर समय रहते सुनवाई नहीं की गई, तो वह एक बार फिर से आंदोलन करने के लिए मजबूर हो सकते हैं। बता दें कि राम मंदिर को लेकर पिछले 30 सालों से आंदोलन चल रहा है।
मंदिर बनाने में बहुत हो चुकी देरी, अब कानूनी रास्ता ही बचा
आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के बाद जोशी ने कहा कि मंदिर बनने में बहुत देरी हो चुकी है और अब सुप्रीम कोर्ट इसे लटका रहा, लेकिन अब हम शांत रहने वाले नहीं है। इसलिए हमारे पास एक आखिरी रास्ता कानून का बचा है। हम कानून के सहारे अयोध्या में राम मंदिर बनवाएंगे। जोशी ने कहा कि राम मंदिर पर अध्यादेश लाना चाहते हैं, तो एक साथ मिलकर लाएं, उसे पारित करना या नहीं करना सरकार का अपना फैसला होगा।
जब जोशी से यह पूछा गया कि क्या आप लोग राम मंदिर को लेकर बीजेपी की सरकार पर दवाब बना रहे हैं, तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि हम बीजेपी पर कोई दवाब नहीं बना रहे हैं। सरकार अपना काम करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है, लेकिन राम मंदिर के लिए जनादेश का होना ज़रूरी है और सबको साथ आकर इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए। बताते चलें कि आरएसएस की इस बैठक में शुक्रवार को अमित शाह ने शिरकत की। ऐसे में माना जा रहा है कि राम मंदिर को लेकर कुछ चर्चा हुई होगी।