Best Motivational Story in Hindi | प्रेरणादायक कहानियाँ
वैसे तो हम सभी ने बचपन में कई सारी कहानियाँ सुनी होंगी मगर इन्ही कहानियों में से कुछ कहानियाँ ऐसी भी होती है जो हमारे सोच और जिंदगी को बदल को रख देती हैं। कई बार जीवन में परेशानियों का बोझ इतना बढ़ा जाता है की लगता है की अब अजिंदगी ही समाप्त हो गयी है लेकिन इस चीज़ से उभरने के लिए और जीवन में नई दिशा दिखने के लिए जो कहानियाँ हमारा साथ देती है उसे प्रेरणदायक कहानी कहते है, इन कहानियों की मदद से हमे जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है बल्कि समसायाओं से झुझने की ताकत भी मिलती है इसेलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसी ही Motivational Story in Hindi यानी की प्रेरणादायक कहानियाँ(Moral stories in hindi) लेकर आए है।
Top Motivational Story in Hindi
जीवन मे किसी बेसहारा की मदद करके देखो (Motivational story in hindi)
ऑफिस से निकल कर शर्माजी ने स्कूटर स्टार्ट किया ही था कि उन्हें याद आया, पत्नी ने कहा था 1 दर्ज़न केले लेते आना। तभी उन्हें सड़क किनारे बड़े और ताज़ा केले बेचते हुए एक बीमार सी दिखने वाली बुढ़िया दिख गयी। वैसे तो वह फल हमेशा “राम आसरे फ्रूट भण्डार” से ही लेते थे, पर आज उन्हें लगा कि क्यों न बुढ़िया से ही खरीद लूँ ? उन्होंने बुढ़िया से पूछा, “माई, केले कैसे दिए” बुढ़िया बोली, बाबूजी 20 रूपये दर्जन, शर्माजी बोले, माई 15 रूपये दूंगा। बुढ़िया ने कहा, 18 रूपये दे देना, दो पैसे मै भी कमा लूंगी। शर्मा जी बोले, 15 रूपये लेने हैं तो बोल, बुझे चेहरे से बुढ़िया ने,”न” मे गर्दन हिला दी।
शर्माजी बिना कुछ कहे चल पड़े और राम आसरे फ्रूट भण्डार पर आकर केले का भाव पूछा तो वह बोला 28 रूपये दर्जन हैं बाबूजी, कितने दर्जन दूँ ? शर्माजी बोले, 5 साल से फल तुमसे ही ले रहा हूँ, ठीक भाव लगाओ। तो उसने सामने लगे बोर्ड की ओर इशारा कर दिया। बोर्ड पर लिखा था- “मोल भाव करने वाले माफ़ करें” शर्माजी को उसका यह व्यवहार बहुत बुरा लगा, उन्होंने कुछ सोचकर स्कूटर को वापस ऑफिस की ओर मोड़ दिया। सोचते सोचते वह बुढ़िया के पास पहुँच गए। बुढ़िया ने उन्हें पहचान लिया और बोली, “बाबूजी केले दे दूँ, पर भाव 18 रूपये से कम नही लगाउंगी। शर्माजी ने मुस्कराकर कहा, माई एक नही दो दर्जन दे दो और भाव की चिंता मत करो।
बुढ़िया का चेहरा ख़ुशी से दमकने लगा। केले देते हुए बोली। बाबूजी मेरे पास थैली नही है। फिर बोली, एक टाइम था जब मेरा आदमी जिन्दा था तो मेरी भी छोटी सी दुकान थी। सब्ज़ी, फल सब बिकता था उस पर। आदमी की बीमारी मे दुकान चली गयी, आदमी भी नही रहा। अब खाने के भी लाले पड़े हैं। किसी तरह पेट पाल रही हूँ। कोई औलाद भी नही है जिसकी ओर मदद के लिए देखूं। इतना कहते कहते बुढ़िया रुआंसी हो गयी, और उसकी आंखों मे आंसू आ गए। शर्माजी ने 50 रूपये का नोट बुढ़िया को दिया तो वो बोली “बाबूजी मेरे पास छुट्टे नही हैं। शर्माजी बोले “माई चिंता मत करो, रख लो, अब मै तुमसे ही फल खरीदूंगा, और कल मै तुम्हें 500 रूपये दूंगा। धीरे धीरे चुका देना और परसों से बेचने के लिए मंडी से दूसरे फल भी ले आना।
बुढ़िया कुछ कह पाती उसके पहले ही शर्माजी घर की ओर रवाना हो गए। घर पहुंचकर उन्होंने पत्नी से कहा, न जाने क्यों हम हमेशा मुश्किल से पेट पालने वाले, थड़ी लगा कर सामान बेचने वालों से मोल भाव करते हैं किन्तु बड़ी दुकानों पर मुंह मांगे पैसे दे आते हैं। शायद हमारी मानसिकता ही बिगड़ गयी है। गुणवत्ता के स्थान पर हम चकाचौंध पर अधिक ध्यान देने लगे हैं। अगले दिन शर्माजी ने बुढ़िया को 500 रूपये देते हुए कहा,
“माई लौटाने की चिंता मत करना। जो फल खरीदूंगा, उनकी कीमत से ही चुक जाएंगे।
जब शर्माजी ने ऑफिस मे ये किस्सा बताया तो सबने बुढ़िया से ही फल खरीदना प्रारम्भ कर दिया। तीन महीने बाद ऑफिस के लोगों ने स्टाफ क्लब की ओर से बुढ़िया को एक हाथ ठेला भेंट कर दिया। बुढ़िया अब बहुत खुश है। उचित खान पान के कारण उसका स्वास्थ्य भी पहले से बहुत अच्छा है।
हर दिन शर्माजी और ऑफिस के दूसरे लोगों को दुआ देती नही थकती। शर्माजी के मन में भी अपनी बदली सोच और एक असहाय निर्बल महिला की सहायता करने की संतुष्टि का भाव रहता है
जीवन मे किसी बेसहारा की मदद करके देखो यारों, अपनी पूरी जिंदगी मे किये गए सभी कार्यों से ज्यादा संतोष मिलेगा
सोच को बदलो जिंदगी जीने का नजरिया बदल जायेगा।
Best Motivational Story in Hindi
ज़िन्दगी में क्या महत्व रखती है(Motivational story in hindi)
एक बार एक बेटी अपने पिता से शिकायत करती है कि उसका जीवन काफी तकलीफदेह है, उसे नहीं पता उसके जीवन का रुख किस ओर है और कैसे वो आगे अपने जीवन का सफ़र तय करेगी। हर समय के संघर्ष और लड़ाई से वह थक चुकी थी। कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है कि मानो एक समस्या का समाधान हुआ नहीं कि दूसरी मुँह फैलाए खड़ी है। उसके पिता एक रसोइया थे। वे उसे अपने साथ अपने किचन में ले गए। लड़की के पिता ने तीन बर्तन लिए और उनमें पानी भर कर उनको ऊँची आँच पर रख दिया।
जब तीनों बर्तनों में रखा पानी उबलने लगा, तब उन्होंने पहले बर्तन में कुछ आलू, दुसरे बर्तन में कुछ अंडे और तीसरे बर्तन में कॉफ़ी के बीज डाल दिए और उन्हें उबलने के लिए छोड़ते हुए बिना अपनी बेटी से एक शब्द बोले आराम से बैठ गए। बेटी चकित हो जाती है कि आखिर पिताजी ये सब क्या कर रहे हैं और अधीरतापूर्वक प्रतीक्षा करती है। 20 मिनट बाद उसके पिता बर्नर को बंद कर देते हैं। उन्होंने आलू को बर्तन से बाहर निकालकर एक कटोरे में रख दिया। उन्होंने अंडों को बर्तन से निकालते हुए दूसरे कटोरे में रख दिया। और उसके बाद उन्होंने कॉफ़ी को बाहर परसते हुए एक कप में डाल दिया।
Best Motivational Story in Hindi में जानिए आगे क्या हुआ
तब वे अपनी बेटी की ओर मुड़े, और उससे पूछा, “बेटी, तुम क्या देखती हो?”
“आलू, अंडे और कॉफ़ी..!”, वह शीघ्रता से जवाब देती है।
“ध्यान से देखो”, उन्होंने कहा। “और आलू को छूकर देखो” लड़की ठीक वैसा ही करती है और गौर करती है की वे मुलायम हैं।
तब वे अपनी बेटी को एक अंडा लेने को कहते हैं उसे तोड़ने को बोलते हैं। जब लड़की अंडे को तोड़ते हुए उसके बाहरी कवच को हटाती है, तो उसे अन्दर एक कठोर उबला हुआ अंडा मिलता है। अंत में उसके पिता उसे कॉफ़ी की एक चुस्की लेने को कहते हैं। कॉफ़ी की मीठी सुगंध उसके चेहरे पर मुस्कान ले आती है।
“पिताजी, इन सबका क्या मतलब है?” वह पूछती है। तब उन्होंने उसे समझाया कि आलू, अंडे और कॉफ़ी के बीजों ने एक ही प्रकार की मुसीबत (उबले पानी) का सामना किया। फिर भी, प्रत्येक ने भिन्न व्यवहार प्रदर्शित किया। आलू मजबूत, कठोर एवं सख्त थे, लेकिन जब ये उबलते पानी में गए तो मुलायम और कमज़ोर हो गए। अंडे नाजुक थे तथा इनके अंदर के द्रव्य को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इनके बाहर छिलके की एक पतली परत थी। लेकिन जब ये उबलते पानी में डाले गए तब इनका आंतरिक भाग अर्थात् द्रव्य कठोर बन गया। इन सब से अलग कॉफ़ी के बीज अद्वितीय थे। जब वे उबलते पानी में डाले गए, तब उन्होंने पानी को ही बदल दिया और एक नयी रचना की।
“तुम इनमे से कौन हो?”, वह अपनी बेटी से पूछता है। “जब मुसीबत तुम्हारे दरवाज़े पर आएगी तब तुम किस प्रकार की प्रतिक्रिया दोगी? तुम एक आलू, एक अंडा या एक कॉफ़ी के बीज में से क्या बनना पसंद करोगी??”
मोरल : जीवन में, हमारे चारों ओर व हमारे साथ बहुत सी घटनाए घटित होती हैं, लेकिन इकलौती चीज़ जो वास्तव में महत्त्व रखती है वह यह है कि हम किस प्रकार की प्रतिक्रिया देना पसंद करते हैं और इनसे हम क्या निष्कर्ष निकालते हैं। जिंदगी महज सभी प्रकार के संघर्षों को सकारात्मक रूप में बदलना व उन्हें स्वीकार करना मात्र है।
Inspirational Motivational Story in Hindi
“परिचित”
बस में छूट जाने के कारण,पुलिस ने उसका सामान अपने कब्जे में ले लिया था। अब किसी परिचित आदमी की जमानत के बाद ही, वह सामान उसे वापस मिल सकता था। “मेरी पत्नी बीमार है और एक माह का बच्चा भी है,मेरा जल्दी घर पहुंचना बहुत जरुरी है हवलदार साहब”। उसने बिनती की।
“भई, कह तो दिया, कोई जानकार आदमी ढूंढकर को ले आओ और ले जाओ सामान। “मैं तो परदेशी आदमी हूँ, साहब। दो सौ मील दूर के शहर में कौन मिलेगा मुझे जानने वाला। “ये हम नहीं जानते, देखो ये सब तो कानूनी खाना पूर्ति है,बिना खाना पूर्ति के हम तुम्हे सामान कैसे दे सकते।
वह समझ नहीं पा रहा था की खानापूर्ति कैसे हो। कुछ सोचकर उसने दस रूपये का नोट निकाला, और कांस्टेबल की तरफ चुपके से बढ़ा दिया। नोट को जेब में खिसकाकर,हलकी सी डाँट पिलाते हुये, कांस्टेबल ने कहा, तुम सरीफ आदमी दीखते हो, इसी लिए सामान तुम्हे ले जाने दे रहा हूँ समझे,पर फिर ऐसी गलती मत करना।
10 रूपये के नोट ने, कांस्टेबल को ही परिचित बना दिया था।
आप को ये Motivational Story in Hindi कैसे लगे बताएं, और आप Motivational Story in Hindi पर कमेंट कर के भी अपनी राय दे सकते हैं. ताकि हम आगे आप के लिए ऐसे ही inspiring short motivational story in hindi ला सकें
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