करवा चौथ : चांद की पूजा के बाद छलनी से पति का चेहरा इस वजह से देखा जाता है, जानिए
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवाचौथ का पर्व भारत की सुहागिन मनाती हैं. इस बार महिलाओं का यह खास त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है और फिल्मों में इस पर्व को जितने उत्साह के साथ दिखाया जाने लगा है इसलिए महिलाएं खासतौर पर इसे उत्साह के साथ मनाती हैं. इस बार करवाचौथ का त्योहार 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा और इस दिन भारतीय महिलाएं अपने-अपने पति की लंबी आयू के लिए व्रत रखती हैं. फिल्मों में देखने के बाद अब कई पति भी अपनी पत्नी के लिए व्रत रखते हैं औऱ एक तरफ से यह सब सही भी है. आपने कई बार फिल्मों या सीरियल में पत्नी को छलनी के पीछे से देखती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यो होता है ? चांद की पूजा के बाद छलनी से पति का चेहरा इस वजह से देखा जाता है, इसके पीछे का दिलचस्प किस्सा आज हम आपको बताएंगे.
छलनी से पति का चेहरा इस वजह से देखा जाता है
करवा चौथ में व्रत रखने वाली हर महिलाएं चांद की पूजा करने के बाद छलनी से अपने पति का चेहरा देखती हैं और इसके पीछे की एक मनौवैज्ञानिक वजह भी है, जिसे खास माना जाता है. जब पत्नी अपने पति को छलनी के पीछे से देखती है तो पति-पत्नी के सभी विचार और भावनाएं छनकर शुद्ध हो जाते इसके साथ ही उनका प्यार और विश्वास भी बढ़ जाता है. दिनभर का व्रत फिर चांद की पूजा करना और अंत में छलनी से जब महिलाएं अपने पति का चेहरा देखती हैं तो उनका चेहरा खुशी से खिल जाता है. छलनी से चेहरा देखना हर महिलाओं को जितना प्रसन्न करता है उतना ही उनके पति भी खुद को उतने ही खुशनसीब मानते हैं और इसी वजह से उनका प्यार अपनी पत्नी के लिए बढ़ता है. करवा चौथ का पर्व एक महिला के लिए बहुत ज्यादा खास होता है और उससे भी ज्यादा खास होता है उसका व्रत, व्रत में की हुई पूजा. इसलिए महिलाओं को छलनी में अपने पति का चेहरा देखकर ही अपना भूखा-प्यासा रहना भूल जाती हैं.
क्या है इस व्रत की कथा ?
इस कथा में एक स्त्री के बारे में खास बताया गया है. एक स्त्री थी, जिसका नाम वीरवती था, ऐसा बताया जाता है कि वीरवती ने विवाह के पहले साल करवा चौथ का व्रत रखा. दिनभर कुछ न खाने व पीने की वजह से उसकी तबीयत खराब होने लगी. उसकी यह हालत उसके भाई देख रहे थे और उसे ये देखी नहीं जा रही थी इसलिए उन्होंने एक पेड़ के पीछे जलता दिया रख दिया. इसके बाद वीरवती से कहा कि चंद्रमा निकल आया है, वीरवती ने जलता दिया देखकर अपना व्रत तोड़ दिया. ऐसी मान्यता है कि इसके कुछ दिनों बाद पति की मौत हो गई. वीरवती को पूरी कहानी पता चली तो उसने फिर से व्रत रखा और छलनी से चंद्रमा की पूजा की. इसके बाद उसका पति वापस जीवित हो गया.
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