अगर आप भी सर्वाइकल पेन में हैं तो ये 5 आसन कर सकते हैं आपकी मदद, जानिए
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग ना ठीक से खा पाते हैं, ना पी पाते हैं और ना ही आराम कर पाते हैं. ऐसे में लोगों को कमर दर्द, एसिडिटी और सर्वाइकल पेन से गुजरना पड़ता है और यही छोटी बीमारियां आगे चलकर बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है. दिनभर ऑफिस में कुर्सी पर बैठे रहने से कमर के साथ-साथ गर्दन पर भी जो़र पड़ता है और ऐसा सिलसिला हर दिन चलता रहता है और इसरा परिणाम ये होता है कि उन्हें सर्वाइकल पेन से गुजरना पड़ता है. बिजी शेड्युल होने के दौरान भी उसका उपचार करने के बजाए उस बीमारी को बढ़ाने के लिए दावत दी जाती है. ना उसे डॉक्टर को दिखाया जाता है और ना ही उन्हें किसी भी तरह की एक्सरसाइज करने का मौका ही मिल पाता है. अगर आप भी सर्वाइकल पेन में हैं तो ये 5 आसन कर सकते हैं आपकी मदद, आप भी इन आसन को जानिए और नियमित रूप से इसे करिए.
सर्वाइकल पेन में हैं तो ये 5 आसन कर सकते हैं आपकी मदद
जब कोई दिनभर बैठकर काम करता है तो उसका दर्द कमर, गर्दन और रीढ़ की हड्डियों में होने लगता है और आगे चलकर यह एक गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है. जब गर्दन में आपको हल्का-हल्का ही सर्वाइकल का अनुभव होने लगे तो आपको इन 5 आसान से व्यायाम शुरु कर देना चाहिए.
1. इस आसन में आपको सीधे वज्रासन या सुखासन की स्थिति में बैठना होगा और दोनों हाथों की मुट्ठी बांधकर छाती के सामने रखना होगा. इसके बाद फिर धीरे-धीरे सांस भरते हुए मुट्ठी को सामने की तरफ़ खीचें, और ध्यान रखिए कि आपकी हथेली की मुट्ठी आपस में खुलनी नहीं चाहिए. आपको अपनी कलाई को ज्यादा से ज्यादा बार खींचें और ऐसा कुछ सेकेंड तक करते रहिए. इस क्रिया को आप लगातार 10 से 15 बार करिए.
2. इस आसन में आपको सीधे वज्रासन या सुखासन की स्थिति में बैठना होगा. फिर धीरे-धीरे गर्दन को मोड़ते हुए ऊपर की तरफ़ खिंचाव देंकर सांस भरना है. कम से कम 8 से 10 सेकेंड ऐसा करने के बाद विपरित दिशा में भी यही करें. इस व्यायाम को आपने अगर 10 से 15 बार कर किया तो बस आपका सर्वाइकल धीरे-धीरे सही होने लगेगा.
3. इस आसन में आप सबसे पहले अपनी गर्दन को ट्विस्ट करें फिर सांस भरते हुए धीर-धीरे दूसरी तरफ घुमाएं. किसी एक दिशा में गर्दन को ले जाएं, फिर धीरे-धीरे सांस भरते हुए वापस उसी समान्य स्थिति में लाने की कोशिश करें. इसी क्रिया को फिर दूसरी दिशा में सांस भरते हुए करें और ऐसा आपको कम से कम 10 से 15 मिनट तक करना है. ऐसा करने से आपको गर्दन दर्द में आराम मिल जाएगा.
4. इस आसन में सबसे पहले आपको वज्रासन की स्थिति में बैठना होगा. इसके बाद धीरे-धीरे घुटनों के बल खड़े हो जाएं और अपने किसी भी एक हाथ को पूरा गोल घुमाते हुए अपनी एड़ी पर ले जाकर टिका दें. इसके बाद जब आपका एक हाथ पूरी तरह से एड़ी पर टिक जाए, तो उसके बाद दूसरे हाथ को समान स्थिति में ले जाकर दूसरी एड़ी में टिका दें. पूरी तरह से अपने आसन में आने के कुछ देर तक आपको रुकना होगा और जितना हो सके कमर को आगे की तरफ़ झुकाएं और पैरों को खींचें. गर्दन को पीछे की तरफ़ खींच कर ज्यादा से ज्यादा समय के लिए रोकें. इस आसन को कम से कम 10 से 15 सेकंड तक करें.
5. इस आसन में आप सबसे पहले वज्रासन या सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं. फिर एक हाथ को ज्ञानमुद्रा में रखें और दूसरे हाथ की तर्जनी और अनामिका उंगली का इस्तेमाल करते हुए एक-एक नासिका पुट को बंद करें और खोलें. इस क्रिया को आपको 15 से 20 मिनट तक करना है. इसके बाद फिर एक नासिका से आपको सांस लेनी तो दूसरी नासिका से सांस छोड़नी है. इसमें सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात यह है कि दायीं नासिका से शुरुआत करें और दाहिनी नासिका से सांस छोड़ते हुए ही इस प्रायाणाम का अंत करें. 15 से 20 मिनट लगातार इस प्राणायाम को करने से आपकी गर्दन का दर्द सामान्य हो जाएगा.
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