मोदी सरकार का बड़ा कदम, स्विस बैंकों में कालाधन रखने वालों पर होगी अगली सर्जिकल स्ट्राइक!
नई दिल्ली – 8 नवम्बर को देश में कालाधन रखने वालों पर बड़ा हमला करते हुए पीएम मोदी ने 500 और 1000 के नोटों को बैन कर दिया था। जिसके बाद से कई विरोधी दल ये कह रहे थे कि इससे कही ज्यादा कालाधन तो स्विस बैंकों में जमा है और उसके मालिक पर सरकार कोई कदम नहीं उठा रही। Swiss bank black money.
कालेधन की सूचनाएं सीधे एक्सचेंज करेंगे भारत-स्विट्जरलैंड –
स्विस बैंकों में काला धन रखकर चैन की नींद सोने वालो की खैर नहीं रही। दरअसल, मोदी सरकार ने स्विट्जरलैंड में काले धन रखने वालों को लेकर वहां की सरकार से एक बड़ा समझौता किया है। इस समझौते के तहत दोनों देश अब कालेधन से संबंधित सूचनाएं सीधे एक्सचेंज कर सकेंगे।
सूत्रों के मुताबिक भारत-स्विट्जरलैंड का कालेधन पर यह समझौता काफी सोच विचार करने के बाद लिया गया है। इस समझौते के लागू होने से दोनों देशों के बीच सूचनाओं का स्वतः एक्सचेंज होगा और इस कदम से दोनों देशों को ब्लैक मनी के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।
काला धन वालों की सूची तैयार, स्विस सरकार बताएगी नाम –
आकड़ों के अनुसार, 2006 के अंत तक स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा धन रिकॉर्ड ऊंचाई 6.5 अरब स्विस फ्रैंक (23,000 करोड़ रुपए) पर था। हालांकि, तभी से इस जमा धन में लगातार गिरावट आ रही है, केवल 2011 और 2013 को छोड़कर जब भारतीयों के धन में क्रमश: 12 फीसदी और 42 फीसदी की वृद्धि हुई थी। 2015 के अंत तक स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा सीधे जमा किया गया धन 120.671 करोड़ स्विस फ्रैंक (एक साल पहले के जमा से 177.6 करोड़ स्विस फ्रैंक) रह गया।
स्विट्जरलैंड में रखे गए ब्लैक मनी को लेकर भारत में इससे पहले काफी सवाल उठते रहे हैं। केंद्र सरकार भी विदेश में मौजूद कालेधन को भारत लाने के लिए प्रयास करने का आश्वासन देती रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस नए समझौते से दोनों देशों को काफी फायदा होगा और इस कदम से दोनों देशों को ब्लैक मनी के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।