करवाचौथ पर सुहागिन महिलाएं भूलकर भी नहीं करें ये काम, हो सकता है व्रत से खिलवाड़
27 अक्टूबर के दिन हर भारतीय शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी के लिए करवाचौथ का व्रत रखने वाली हैं. इस बार के व्रत में बहुत सारी चीजें खास है और जिसे विधिपूर्वक हर पत्नी को करना चाहिए. इसी दिन संकष्टी गणेश चतुर्थी होने से ये पर्व और भी शुभ माना जा रहा है. इसके बाद शाम को चांद की पूजा करने के बाद ही महिलाएं पति के हाथ से जल ग्रहण करने के बाद अपना व्रत खोलती हैं. मगर हर व्रत-त्योहार की तरह इस व्रत में भी कई तरह के नियम शास्त्रों में बताए गए हैं और इन्ही नियमों के अधीन सुहागिन महिलाओं को ये व्रत रखना चाहिए वरना इसका उल्टा प्रभाव उनके जीवन पर पड़ता है. करवाचौथ पर सुहागिन महिलाएं भूलकर भी नहीं करें ये काम, वरना जिस अनुष्ठान को मानकर आप व्रत कर रही हैं वो उल्टा भी हो सकता है.
करवाचौथ पर सुहागिन महिलाएं भूलकर भी नहीं करें ये काम
आज के समय में करवाचौथ सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी कन्याएं भी करने लगी हैं, ऐसे में इसके नियमों को अच्छे से जानने के बाद ही इस व्रत को करें जिससे आपको इसका फल और भी अच्छा मिल सके. ये व्रत सुहाग से जुड़ा है, इसलिए इससे जुड़ी हर भूल-चूक पर ध्यान देना जरूरी है और इसे कई ज्योतिषाटचार्य भी मानते हैं. आज के इस आर्टिकल में हम आपको उन्हीं चूकों के बारे में बताएंगे जिससे आप इन्हें करने से बच जाएं. (और पढ़ें – करवा चौथ व्रत की कहानी)
1. व्रत के दौरान काले कपड़े भी नहीं पहने और ना ही इस रंग के कपड़े का उपयोग करें. एकदम सफेद साड़ी भी नहीं पहननी चाहिए, काला रंग सुहागिन महिलाओं के लिए अशुभ माना जाता है और सफेद किसी और काम में पहना जाता है इसलिए ऐसा नहीं करें.
2. व्रत के दौरान कैंची का उपयोग नहीं करें. अक्सर महिलाएं कपड़े काटने में कैंची का प्रयोग करती हैं लेकिन इस दिन इस चीज को भूलकर भी नहीं उठाएं.
3. व्रत के दौरान सिलाई-कढ़ाई भी नहीं करें. खाली समय को बिताने के लिए व्रत के दिन अक्सर महिलाएं सिलाई कढ़ाई या स्वेटर बुनने का काम करने लगती हैं लेकिन इस दिन सब प्रतिबंधित है.
4. इस दिन समय बिताने के लिए ताश के पत्ते बिल्कुल नहीं खेले और जुआ तो बिल्कुल निषेद है. अपने समय को संगीत और भजन करने में बिताएं.
5. इस व्रत के दौरान किसी की भी निंदा करने से बचें और किसी की चुगली या बुराई नहीं करें.
6. इस व्रत के दौरान दूध, दही, चावल या उजला वस्त्र जैसी चीजों का दान बिल्कुल नहीं करें.
7. अपने घर के किसी भी बड़े का अनादर नहीं करें, वरना जिस देवी की आप पूजा करेंगी वो नाराज हो जाएंगी.
8. पति के अलावा किसी की भी चिंता करने से बचें क्योंकि इस दिन पति ही सबकुछ माना जाता है.
9. सुहाग की किसी भी चीजों को कूड़े में नहीं फेकें और ना ही उन्हें झाड़ू लगाने में प्रवाहित करें.
10. श्रृंगार करते समय जो भी चूड़ियां टूट जाये उनको बहते जल में प्रवाहित कर दें. घर में बिल्कुल भी नहीं रखें.
11. इस दिन धुम्रपान करने से बचें, किसी भी प्रकार का नशा या फिर मांस-मच्छी खाने से बचें. ये पूजा-पाठ का पर्व है तो सब अच्छा रखने के लिए इस नियम को अवश्य मानें.
12. पति से प्यार से बाते करें, उनसे कोई भी विवाद करने से बचें. अगर कोई विवाहित महिला सभी नियमों के पालन से निराजल व्रत भी रहती है और पति को डांटती या अपमान करती है तो उसे उसके व्रत का फल नहीं मिल पाएगा.
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