शरद पूर्णिमा : इस रात का होता है खास महत्व, भूलकर भी ना करें ये काम
हिंदू धर्म को सनातन धर्म भी कहा जाता है. इस धर्म में कई ऐसे त्यौहार हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं और इसमें शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है. शारदीय नवरात्रों के समाप्त होने पर पांपाकुशा एकादशी आती है और धार्मिक आस्था के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो मनुष्य द्वारा किए गए उसके सभी पापों पर अंकुश लग जाता है. मां लक्ष्मी शरद पूर्णिमा की रात को पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और धर्म-कर्म के काम में लगे लोगों को आशिर्वाद देती हैं. इस दौरान उनके साथ विष्णु भगवान भी होते हैं और शरद पूर्णिमा रात में पूरी रात जागकर मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा करने का खास महत्व बताया गया है. इस पूजा को करने से धन की प्राप्ति होती है और दीपावली की पूजा से भी ज्यादा इस पूजा में फल मिलता है. शरद पूर्णिमा की रात का होता है खास महत्व, जानिए इसके बारे में.
शरद पूर्णिमा की रात का होता है खास महत्व
बिहार और पश्चिम बंगाल में शरद पूर्णिमा को कोजागरा व्रत कहा जाता है, जिसका मतलब ‘कौन जाग रहा है’ होता है. ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी मां यह देखती हैं कि इस रात कौन-कौन जाग रहा है और उन्हीं के घर में मां लक्ष्मी प्रवेश करती है और उसका घर समृद्धि से भर देती हैं. कोजागरा में रात की पूजा करने के बाद मखाने और बताशे का प्रसाद भी बांटा जाता है और इस रात को कौड़ी खेलने की प्रथा भी प्रचलित है. कौड़ी मां लक्ष्मी का प्रिय खेल है और इसे बहुत से लोग दीपावली की रात में भी खेलते हैं. उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में इस दिन कुंवारी कन्याएं सुबह के समय स्नान करके सूर्यदेव की पूजा करती हैं और रात भर जागकर चंद्रमा की पूजा करती हैं तो उन्हें उनकी मान्यता के अनुसार योग्य वर की प्राप्ति भी होती है. शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी का जन्म शरद पूर्णिमा तिथि पर ही हुआ था और इस रात वह अपने वाहन पर सवार होकर भगवान विष्णु के साथ पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं. शरत पूर्णिमा की रात में चंद्रमा सोलह कलाओं में चमकता है और पूरी रात अपनी धवल चांदनी से पृथ्वी को रौशन करता है.
ऐसी भी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की शीतल चांदनी के साथ ही आसमान से अमृत वर्षा होती है. इसलिए इस दिन खीर बनाकर उसे चंद्रमा की रौशनी में रखा जाए और अगले दिन पूरे परिवार में बांट दिया जाए तो इससे किसी को किसी भी प्रकार का रोग नहीं लगता है. साथ ही मिट्टी के कलश या करवे में पानी भरकर छत पर रख दें और अगले दिन इसे पानी में मिलाकर स्नान करने से आयोग्य की प्राप्ति होती है.
शरद पूर्णिमा की रात ना करें ये काम
1. मां लक्ष्मी को कलह बिल्कुल नहीं पसंद है और जैसा कि हमने आपको बताया कि इस रात मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं. तो इस रात और पूरे दिन आप अपने घर में किसी भी बात को लेकर कलह नहीं करें तो ये आपके आने वाले जीवन के लिए अच्छा होगा.
2. अपने विचारों को भी पवित्र रखने की कोशिश करें. किसी के भी प्रति अपने मन में बुरी बातें नहीं लाएं वरना आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. फिर वो आपका दुश्मन ही क्यों ना हो.
3. इस दिन किसी भी इंसान को गुस्से में भी किसी भी तरह का अपशब्द ना बोलें और ना ही अपने मन में उसके लिए कोई गलत भावना लाइए.
4. इस दिन और पूरी रात किसी से भी उधार रुपये ना लें वरना आपको इसकी कई गुना कीमत चुकानी पड़ सकती है लेकिन अगर कोई आपके पास किसी मदद की आशा को लेकर आए तो उसे खाली हाथ नहीं जाने दें.
5. इस दिन अपने घर में अलग-अलग कमरे में समय बिताने से अच्छा है कि सभी साथ में बैठकर बातचीत करें. मां लक्ष्मी ऐसा परिवार पसंद है और ये आपके घर के लिए शुभ संकेत लेकर आ सकता है.
यह भी पढें :
क्या आप जानते हैं? सीता माता के श्रापों की सजा आज भी भुगत रहे हैं यह सब
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण, इन लक्षणों से शुरूआती दौर में पहचाने ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को