एक ऐसा देश जहां ज्यादा बच्चे पैदा करने पर मिलते हैं रूपए जानिये, साथ में और भी ढेर सारे फायदे
“हम दो हमारे दो”, “छोटा परिवार सुखी परिवार” ये सब स्लोगन आपको भारत में सुनने को मिलते रहते होंगे, लेकिन आपने कभी किसी ऐसे देश के बारे में सुना है जहां पर आपको ज्यादा बच्चों के पैदा होने पर करने पर सैलरी मिले और आप जितने बच्चे पैदा करेंगे उस तरह से आपकी सैलरी में भी इजाफा होता जाए। अगर नहीं सुना है तो अब सुन लीजिए क्योंकि हम आपको अब एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर बच्चे पैदा होने पर पैरेंट्स को खास सहूलियत दी जाती है।
स्वीडन एक ऐसा देश है जहां पर कपल को बच्चे पैदा करने पर कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। यह एक ऐसा देश हैं जहां बच्चा पैदा होने के पहले और बाद में भी पेरेंट्स को कई सुविधाएं दी जाती हैं, अगर आप इस देश में नौकरी भी करते हैं तब भी आपको वो सभी सुविधाएं मिलती हैं जो वहां के नागरिकों को मिलती हैं। बच्चे के पैदा होने से पहले मां को प्रीनैटल केयर फ्री में उपलब्ध कराई जाती है और उन्हें डिलीवरी के लिए तैयार किया जाता है।इस देश के हॉस्पिटल में होटल भी होते हैं. जहां पर बच्चा पैदा होने के दो-तीन तक आप इन होटलों में रूक सकती हैं, इतना ही नहीं आपका पार्टनर भी आपके साथ रूक सकता है। ऐसी सुविधा का मकसद मां को आराम देना होता है ताकि बच्चा पैदा होने के कुछ दिन बाद तक मां और बच्चे की देखभास नर्स कर सकें।
मिलती है लंबी पैटरनल लीव
इस देश में बच्चा पैदा होने के बाद मां को 15-16 महीने (480 दिन) की मैटरनिटी लीव (मां-बाप दोनों को मिलाकर) लेने का अधिकार होता है, बता दें या छुट्टी उन कपल्स को भी मिलती हैं जिन्होंने बच्चे को गोद भी लिया होता है। यह संख्या अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी बहुत ऊपर है। बता दें कि बच्चा पैदा होने के 2 महीने पहले यानि 60 दिन पहले भी मां को पैरेंटल लीव मिल जाती है, हालांकि ये छुट्टियां 480 दिनों की कुल पैरेंटल लीव से ही दी जाती हैं।
पैरेंटल लीव की छुट्टी में यानि की 390 दिन की छुट्टी में पैरेंट्स को उनकी सैलरी का 80 फीसदी भुगतान किया जाता है, जबकि बाकी बचे 90 दिनों में 90 फीसदी भुगतान किया जाता है। यहीं नहीं जो लोग नौकरीपेशा नहीं होते हैं उनकों भी पैरेंटल लीव के लिए भुगतान किया जाता है।
इस देश में पेरेंट्स तब तक मैटरनिटी लीव ले सकते हैं जब तक उनका बच्चा 8 साल का नहीं हो जाता, इसके साथ ही पेरेंट्स हर बच्चे के पैदा होने के बाद पैरेंटल लीव ले सकता है। इसके साथ ही अगर आपका बच्चा 8 साल का नहीं हुआ है तो आप अपने काम के घंटो को 25 फीसदी तक घटा सकते हैं। हालांकि सैलरी तब आपके काम किए गए घंटो पर निर्भर करता है।
लैंगिक समानता का एजेंडा
इस देश में ऐसा नहीं है कि बच्चे को सिर्फ मां ही संभालेगी आप किसी भी स्वीडिश शहर या कस्बे में चले जाइए वहां पर आपको कई पुरूष बच्चों को गोद में लिए टहलते नजर आ जाएंगे।जिस कारण यहां माता और पिता दोनों को पैंरेटल लीव दी जाती है।
बच्चे के लिए मासिक खर्च
सिर्फ पेड लीव ही नहीं बल्कि यहां पर सरकार बच्चे के लालन-पालन के लिए चाइल्ड एलाउंस भी देती है। यह एलाउंस पेरेंट्स को तब तक दिया जाता है जब तक बच्चा 16 साल का नहीं हो जाता। एक बच्चे को एलाउंस के रूप में 1050 SEK देती है। इतना ही नहीं अगर आपके एक से ज्यादा बच्चे हैं तो आपको मिलने वाला एलाउंस बढ़ जाता है। यानी 6 बच्चे वाले परिवार को हर महीने ना केवल SEK 6,300 (50400 रुपए) मिलते हैं बल्कि 4,114 SEK भी मिलते हैं
फ्री स्कूलिंग
इतना ही नहीं यहां पर बच्चों का पढ़ाई पर भी सरकार ही खर्चा करती है। यदि आप स्वीडन के निवासी हैं तो यहां पर 6 साल से लेकर 19 साल तक की स्कूलिंग फ्री होती है, यहां तक की बच्चों को लंच भी स्कूल की तरह से ही मिलता है।
हेल्थकेयर फ्री
20 साल की उम्र तक स्वीडन में हेल्थकेयर भी लगभग फ्री है।2 साल की उम्र तक बच्चों को फ्री में विटामिन डी ड्रॉप पिलाई जाती है