अध्यात्म

दस सिर वाले रावण की कहानी

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: आज देश भर में दशहरा मनाया जाएगा, दशहरा वो दिन जब भगवान राम ने रावण का वध करा था, तभी से यह त्यौहार मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने का एक और कारण ये है कि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी। बचपन से ही रावण के दस सर थे, इस बात को हम मानते आ रहे हैं। दशहरें में घर में रावण बनाते वक्त भी सबसे ज्यादा मुश्किल उसके दस सरों को बनाने में होती थी, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि क्या सच में रावण के दस सर थे? या बचपन से ही बड़ों द्वारा बताई गई उसकी छवी को मन में बनाकर रखा है और हर साल रावण को दस सरों के साथ दहन कर देते हैं। आज हम आपको रावण के दस सर होने के बारे में ऐसी बातें बताएंगे जिन्हें जानकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि इतने सालों से रावण के दस सर वाली कहानी सच में एक सत्य है या वो एक कहानी ही है।

कुछ विद्वानों की मानें तो उनके अनुसार रावण के दस सर नहीं थे, लेकिन वो एक महातपस्वी, परमज्ञानी और शिव का महाभक्त था और कई विद्ओं का ज्ञानी भी। रावण के पास मायावी ताकत भी थी जिसके चलते वो लोगों में भ्रम पैदा कर देता था और लोगों को उसके दस सर होने का आभास होता था, जबकी असल में उसके ये दस सर असली नहीं बल्कि मायावी थे।

जैन शास्त्रों में लिखा है कि रावण के गले में बड़ी-बड़ी गोलाकार नौ मणियां थीं, जिनमें उनका सर दिखता था और अपनी माया से वो उन उक्त नौ मणियों में अपने दस सरों को दिखाता था। जिसे देखकर लोगों के मन में ये भ्रम पैदा हो जाता था कि उसके दस सर हैं।

दशहरे का इतिहास

अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाने वाला ये पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसको मनाने के पीछे भी एक कहानी है। बता दें कि कैकेयी ने राम और सीता को 15 वर्ष के वनवास के लिए भेजा था, तब राम, सीता और लक्ष्मण तीनों जंगलों में भ्रमण करते थे और वहीं पर रहा करते थे। एक बार जंगल में रावण की बहन शूर्पणखा  पहुंची वहां पर वो राम की सुंदरता देखकर मोहित हो गई और उनके सामने विवाह का प्रस्ताव रख दिया, लेकिन राम ने इस प्रस्ताव को मना कर उनको अपने छोटे भाई के पास जाने को कहा था, जब शूर्पणखा लक्ष्मण के पास गई तों उन्होंने उसकी नाक काट दी। जब शूर्पणखा अपनी कटी नाक लेकर अपने भाई रावण के पास पहुंची और पूरी घटना बताई लेकिन शूर्पणखा ने रावण को झूठ बोलकर उसको भ्रमित किया, कि वो मानव रावण पर आक्रमण करने आ रहे हैं। साथ ही सीता माता की सुंदरता का वर्णन किया था। शूर्पणखा की झूठी बातों में आकर रावण उनसे बदला लेने चला गया।

रावण बहरूपिए के रूप में सीता माता की कुटिया पहुंचा और छल से उनका हरण कर लाया। राम ने अपनी पत्नी को वापस पाने के लिए रावण से युद्ध किया और उसे मार कर विजय हासिल की। तभी से इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाने लगा।

बता दें कि रावण अत्यंत विद्वान था, उसको इस बात का आभास था कि यदि वह सीता माता का हरण कर के लाता है तो राम जी के हाथों उसकी मृत्यु होगी, जिससे उसको और उसके पूरे परिवार को मोक्ष की प्राप्ति होगी और राक्षस योनि से छुटकारा मिलेगा।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet https://galaxy77bet-jaya.com/ https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor slot thailand slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://officialstore.it.com/