हर 6वाँ भारतीय है डिप्रेशन का शिकार, जानिए क्या है इसके लक्षण और बचाव
मानसिक संतुष्टि का ख्याल रखे बिना ही आज हम मशीनों के दौर में खुद भी मशीन बनते जा रहे हैं। रूपया कमाने के चक्कर में आज हम इतने ज्यादा व्यस्त हो चुके हैं कि हमें अपने लिए बिल्कुल भी समय नहीं है। यकीनन आप हम भौतिक कमाई कर पा रहे हैं, लेकिन मानसिक संतुष्टि को लगातार गंवा रहे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थय संस्था विश्व स्वास्थय संस्था की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया भर में सबसे अधिक अवसादग्रस्त(डिप्रेशन का शिकारग्रस्त) देश है।
आज के दौर में भारत जैसे देश में हर आयु वर्ग के लोगों पर अलग अलग दबाव है, बच्चों पर अपने पढ़ाई लिखाई का दबाव है तो वहीं युवाओं को अच्छी नौकरी पेशे की तलाश है। इन सभी चीजों के बीच आप कहीं गुम से हो गए हैं।
भारत के लिए चिंता की बात डिप्रेशन
ये यकीनन भारत जैसे देश के लिए चिंता की बात है। अधिक दबाव के कारण लोग अवसाद जैसे गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं और इस कारण से आत्महत्या की दर भी बढ़ रही है। इस बीमारी के सबसे ज्यादा पीड़ित 15 से 29 वर्ष आयुवर्ग के युवा हैं। इसके लिए जरूरी है कि अवसाद से संबंधी स्वास्थय सेवाएं मुहयैय्या कराई जाएं और आसानी से लोगों तक पहुंचे।
रिपोर्ट कहता है कि अगर लोग ऐसे ही तनाव भरी जिंदगी जीते रहे। 2020 तक मानसिक रोगियों की संख्या में भारी इजाफा होगा। विश्व स्वास्थय संगठन की रिपोर्ट कहती है कि भारत के बाद दूसरे नंबर पर चीन और अमेरिका जैसे देश हैं। जहां के लोग अवसादग्रस्त हैं।
भारत में बढ़ रही मनोरोगी
भारत में मानसिक रोगियों के चिकित्सा के लिए भारी कमियां हैं। बताया जाता है कि देश में 3500 मनोवैज्ञानिक, 4000 मनोचिकित्सक औऱ 3500 मानसिक स्वास्थय सामाजिक कार्यकर्ता उपलब्ध हैं। भारत के अधिकतर लोग जो मानसिक बीमारियों से गुजर रहे है वो अपना इलाज नहीं कराते हैं। इस वजह से देश में अधिकतर लोगों के सुसाइड का कारण डिप्रेशन ही होता है।
क्या है डिप्रेशन
कोई भी इंसान डिप्रेशन का शिकार तब होता है जब किसी काम को लेकर अधिक दबाव महसूस करता है या उस पर उस काम के लिए ज्यादा दबाव डाला जाता है। ऐसे ही गंभीर मामलों में व्यक्ति अंदर से पूरी तरह टूट जाता है और खुद को दिन दुनिया से पूरी तरह अलग भी कर लेता है। यह स्थिति किसी भी इंसान के लिए गंभीर हो सकती है। अगर समय रहते इस स्थिति से किसी को भी नहीं निकाला गया तो वह इंसान सुसाइड भी कर सकता है और मनोरोगी भी बन सकता है।
डिप्रेशन के लक्षण
डिप्रेशन के लक्षण दूसरे इंसान को बहुत आसानी से पता नहीं लगते हैं। डिप्रेशन के चपेट में आने के बाद इंसान में निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
- हमेशा चुप चुप रहना-
- मन में किसी बात को लेकर हमेशा अपराधबोध सा होना
- अचानक से किसी प्रकार का नशा करना
- घबराहट और बेचैनी होना
- याद्दाश्त कमजोर हो जाना
- जरूरत से ज्यादा खाना
- किसी चीज में ध्यान या मन नहीं लगना
- मन में निगेटीव ख्याल आना
- समाज और घर में मन नहीं लगना बल्कि अलग अलग रहना
- शरीर के साथ साथ सिर में भी दर्द होना
डिप्रेशन से बचाव
डिप्रेशन से बचाव के कुछ उपाय भी आप अपना सकते हैं। अगर आपमें उपरोक्त में से कोई भी संकेत दिखे तो डिप्रेशन के बचाव के इन तरीकों को अपना सकते हैं।।
- हमेशा ये ध्यान रखें कि अपने काम के दबाव में किसी दूसरे को न लाएं। बल्कि अपने काम को खुद ही आराम से साल्व करें।
- डिप्रेशन से बचने का सबसे अच्छा उपाय व्यायाम या कुछ फिजीकल एक्टिविटी करना है। अपने लिए कुछ समय निकालें और व्यायाम करें।
- हार मान कर बैठ मत जाएं, बल्कि अपनी कोशिश निरंतर जारी रखें।
- डिप्रेशन में आने के बाद सबसे अच्छा इलाज यही है कि आप अपनी तुलना किसी और से नहीं करें बल्कि खुद से प्यार करें किसी और के साथ अपने को तौल कर मत देखें।
- कभी भी किसी काम में असफलता मिले तो उसके नकारात्मक पक्ष को अपने उपर हावी होने न दें। बल्कि असफलता से कुछ सीखें और उसी से अगली बार फिर कोशिश करें।
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