मरने के साथ ही अधूरे रह गए थे रावण के ये 7 काम, वरना आज धरती कुछ और होती
19 अक्टूबर के दिन पूरा भारत दशहरा के रंग में रंग जाएगा. इस दिन रावण का पुतला जलाकर सभी बुराई पर अच्छाई की जीत की बात करते हैं और इसी दिन को विजयादशमी के रूप में मनाते हैं. धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान राम ने रावण का वध किया था और बुराई पर अच्छाई की जीत दर्ज की थी. ये बात तो सभी जानते हैं कि देवताओं को पराजित करने वाला रावण महापंडित और महाज्ञानी था, लेकिन रावण की सबसे बड़ी कमजोरी उसका अहंकार-बल था जिसके बल पर वो खुद को भगवान मानने लगा था और ईश्वर के बनाए नियमों को भी बदलना चाहता था. इसलिए वो खुद को सबसे बेहतर और अलग मानता था. अगर रावण ने सीता माता का हरण नहीं किया होता और भगवान राम के हाथों मारा नहीं गया होता तो वो अपने जीवित रहने पर ये 7 काम जरूर पूरे करता. मरने के साथ ही अधूरे रह गए थे रावण के ये 7 काम, इन कामों को आप जानिए और देखिए कि अगर ये सारे काम रावण कर पाता तो आज धरती का नक्शा ही अलग होता.
मरने के साथ ही अधूरे रह गए थे रावण के ये 7 काम
1. रावण अपने समय में स्वर्ग में एक सीढ़ी बनाना चाहता था. वो चाहता था कि हर व्यक्ति स्वर्ग जाए इसलिए ही वो धरती से लेकर स्वर्ग तक सीढ़ियों का काम शुरु करवा चुका था. मगर जब तक वो सीढ़ियां बनकर तैयार होती उसका वध हो चुका था.
2. रावण समुद्र के पानी को भी मीठा करना चाहता था. रावण जानता था कि आने वाले समय में धरती पर पानी की समस्या बढ़ेगी और अगर समुद्र का पानी पीने लायक बन जाएगा तो पानी की समस्या कभी आएगी ही नहीं.
3. रावण सोने में सुंगध लाना चाहता था. रावण को स्वर्ण से बहुत प्रेम था तभी उसने अपनी लंका भी सोने की ही बनवाई थी र वो चाहता था कि कहीं भी सुंगध से जान लिया जाए कि यहां सोने की खान है.
4. रावण खुद काला था लेकिन वो रंगभेद को खत्म करना चाहता था इसलिए वो हर किसी को गोरा देखना चाहता था जिससे कोई किसी के काले रंग के लिए मजाक के पात्र ना बने.
5. रावण खून का रंग लाल से सफेद करना चाहता था ऐसा इसलिए जिससे अगर कोई किसी की हत्या करे तो किसी को शक ना हो जाए.
6. रावण चाहता था कि मदिरा गंधहीन बन जाए जिससे हर कोई इसका स्वाद चख सके. वैसे आपको बता दें कि रावण को मदिरा से बहुत प्रेम था लेकिन उसकी गंध उसे पसंद नहीं आती थी.
7. रावण चाहता था कि संसार में सभी भगवान की पूजा बंद कर दी जाए पूरी दुनिया सिर्फ उसी की पूजा करे लेकिन उसका वो सपना उसके वध के साथ ही टूट गया था.