जानें अशोकारिष्ट (Ashokarishta) के उपयोग से होने वाले लाभ, औषधीय गुण और दुष्प्रभाव
आयुर्वेद ने दुनिया को कई ऐसी औषधियां दी हैं जो मनुष्य जाती के लिए काफ लाभकारी साबित हुई हैं और उन्ही में से एक है अशोकारिष्ट, यह एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जो महिलाओं को होने वाले कई प्रकार के रोगों के इलाज के लिए कारगर साबित हुई है। यह औषधि महिला प्रजनन प्रणाली से संबंधित सभी प्रकार के रोगों के लिए प्रभावशाली है, स्त्रियों को होने वाली मासिक धर्म, गर्भाशय संबंधी बीमारी, की समस्याओं, पीरियड्स के समय हैवी ब्लीडिंग, दर्द, भूख की कमी और रक्त अर्श जैसी बीमारियों में काफी लाभप्रद होती है। (Benefits, composition, dosage and side effects of Ashokarishta in hindi)
इन औषधियों से मिलकर बनी है अशोकारिष्ट (Ashokarishta)
अशोकारिष्ट औषधि (Ashokarishta in hindi) का प्रमुख स्त्रोत अशोक की छाल है। अशोक की छाल में ही और तत्व मिलाकर इस औषधि का निर्माण किया जाता है।
अशोक की छाल |
गुड़ |
धातकी के फूल |
नागरमोथा की जड़ |
अदरक प्रकंद |
कलौंजी |
दारूहरिद्र |
उत्पला के फूल |
आमला या अमलाकी |
विभीतकी |
हरितकी |
आम बीज |
अडूसा |
चन्दन |
अशोकारिष्ट के औषधीय गुण
अशोकारष्टि (Ashokarishta) मुख्यत: महिलाओं को होने वाली समस्याओं जैसे गर्भाशय संबंधी परेशानियां, महिला प्रजनन प्रणाली, शरीर में हार्मोंनो के संतुलित करने के लिए लाभकारी होता है, साथ ही स्त्री के शरीर में होने वाली प्राक़तिक क्रियाओं के अनुसार उनके अनुकूल बनाता है। चलिए जानते हैं इससे होने वाले और औषधिय गुणों के बारे में।
मासिक धर्म के दर्द से राहत
पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द का मुख्य कारण गर्भाशय में सिकुड़न होता है, ऐसे में अशोकारष्टि का सेवन करने से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और परेशानियों से निजात मिलता है।
पॉलीसिस्टिक सिंड्रोम में लाभकारी
इस बीमारी में भी ये औषधी लाभकारी होती है, लेकन ध्यान दें की इसकी उपयोग बिना चिक्तिसक की सलाह के ना करें।
ऑस्टियोपोरोसिस
एक उम्र के बाद महिलाओं को मासिक धर्म होना बंद हो जाता है जिसे मेनोपोज़ कहते हैं। जब महिलाओं के पीरियड्स बंद हो जाते हैं तो ऐसे में उनके शरीर में कई बदलाव होते हैं, इनमें से एक होता है हड्डियों में मिनरल्स की मात्रा कम हो जाती है। अशोकाष्टि का सेवन करने से ये मिनरल्स की मात्रा को संतुलित रखता है। साथ ही इसके उपयोग से स्त्रियों की प्रजनन प्रणाली, ओवरी सम्बन्धी रोग और गर्भाशय सम्बन्धी विकारों पर भी ये औषधी काफी लाभदायी होती है।
श्रोणि सूजन की समस्या
अशोकारिष्ट (Ashokarishta in hindi) में पाई जाने वाले औषधियां शरीर में एंटी इंफ्लेमेटरी के प्रभाव को कम करती है और शरीर में सूजन जिससे शरीर में गर्भाशय, अंडाशय और अन्य प्रजनन अंगों को हानि पहुंचाने से बचाती हैं।
अतिरज (पीरियड्स में अधिक रक्त स्त्राव)
मासिक धर्म का ज्यादा होने का अर्थ किसी गर्भाशय रोग का संकेत होता है, ऐसे में अशोकारष्टि का सेवन काफी लाभकारी होता है और ऐसी बीमारी से बचाता है।
पॉलीस्टिक सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
“पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम” एक ऐसी बीमारी है जो रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में होती है जब उनका हॉर्मोनल असंतुलन होता है, इससे महिला के शरीर में “मेल हॉर्मोन” का लेवल बढ़ जाता है जिस कारण ओवरीज़ पर एक से अधिक सिस्ट हो जाते हैं। इस तरह की बीमारी में अशोकारिष्ट एक लाभकारी औषधी है जिसके उपयोग से इस तरह की बीमारी से बचा जा सकता है। लेकिन इसका सेवन चिकित्सक के परामर्श से ही करें।
हार्मोन का स्तर समान रखता है
महिला के शरीर में हार्मोन हमेशा बदलते रहते हैं, जिस वजह से अधिक बालों का निकलना, मुंहासे, वजन बढ़ना जैसी कई परेशानियां होती है, ऐसे में अशोकारष्टि का सेवन आपके शरीर के तंत्र पर भी प्रभाव करता है और शरीर में हार्मोन के स्तर को सामान्य रखता है।
स्तनपान
स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी इसका सेवन कर सकती हैं, इसका प्रभाव बच्चों पर नहीं पड़ता है। इसमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है और यह हड्डियों और जोड़ों के लिए लाभदायी होती है।
कैसे करें अशोकारिष्ट (Ashokarishta) का सेवन : औषधीय मात्रा
नोट-(कभी-कभी ऐसा होता है कि अशोकारिष्ट का उपयोग अकेले किया जाता है, जिस कारण पीरियड्स में देरी हो जाती है। ऐसा होने पर इसकी खुराक को 20 मिलीलीटर से घटाकर 10 मिलीलीटर कर देना चाहिए)
वयस्क | 15 मिलीलीटर से 20 मिलीलीटर |
अधिकतम संभावित खुराक | 60 मिलीलीटर |
अशोकारिष्ट सेवन विधि
दवा लेने का उचित समय |
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दिन में कितनी बार लें? | दो या तीन बार | ||
किस के साथ लें ? | समान मात्रा में पानी के साथ | ||
कब तक करें सेवन ? | चिकित्सक की सलाह लें |
अशोकारिष्ट के साथ कर सकते हैं अन्य औषधियों का सेवन
अशोकारिष्ट का सेवन जल के साथ ही किया जाता है क्योंकि यह एक उत्तम औषधि है, लेकिन अलग अलग तरह की परेशानियों के साथ इस औषधि को अन्य कुछ औषधियों के साथ भी सेवन किया जा सकता है।
रोग | उपचार |
अत्यार्तव | चन्द्रप्रभा वटी |
रक्तप्रदर | चंद्रप्रभा वटी, मुलेठी और आमलकी रसायन |
मेनोमेट्रोरजिया | चंद्रप्रभा वटी, मुलेठी और आमलकी रसायन |
कष्टार्तव | योगराज गुग्गुलु |
कब्ज के साथ कष्टार्तव | दंतयारिष्ट |
रजोनिवृत्ति के लक्षण | सारस्वतारिष्ट |
पॉलीसिस्टिक सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) | चन्द्रप्रभा वटी, सुकुमार कषाय |
अशोकारिष्ट के दुष्प्रभाव
अशोकारिष्ट (Ashokarishta) पूरी तरह से औषधीय है जिससे अमूमन किसी तरह के साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं, लेकिन इसके सेवन से कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- अशोकारिष्ट का सबसे आम दुष्प्रभाव माहवारी में देरी होना है।
- मासिक धर्म के रक्तस्राव में कमी होना
गर्भावस्था
अशोकारिष्ट का सेवन हार्मोन के स्तर पर प्रभाव डालता है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को अशोकारिष्ट का सेवन करने से बचना चाहिए या हो सके तो नहीं करना चाहिए।