ये हैं हमारे 5 सबसे बड़े अंधविश्वास, लेकिन इनके पीछे छिपे वैज्ञानिक तथ्य से अंजान है हम
वैसे तो दुनिया के कई देशों में अंधविश्वास पनपता है लेकिन भारत में सबसे ज्यादा अंधविश्वास फैला हुआ है. यहां दिन, चीज समान और जानवरों में भी अंधविश्वास गढ़ दिया गया है. ये अंधविश्वास प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति का हिस्सा बना हुआ है और लोग इसका पालन किसी भी कीमत पर करते हैं. इन अंधविश्वासों के पीछे की वजह दो है एक जीवन की सुरक्षा और भय है, हालांकि आज के समय भारत में मौजूद कुछ लोग अंधविश्वास अब नहीं मानते लेकिन उनकी गिनती कुछ ही है. भारत में कुछ ऐसे भी अंधविश्वास मौजूद हैं जो सिर्फ लोगों का डर है असल में उनका कोई मतलब नहीं है. आज हम आपको उन्हीं अंधविश्वासों के पीछे की सच्चाई चौंकाने वाली है. ये हैं हमारे 5 सबसे बड़े अंधविश्वास, इन सभी के पीछे कोई ना कोई वजह जरूर है जो हैरान करने वाली है.
ये हैं हमारे 5 सबसे बड़े अंधविश्वास
प्राचीन समय से भारत में चलने वाले कुछ अंधविश्वास भ्रमित करने वाले हैं जिसे लोग सदियों से मानते आ रहे हैं लेकिन असल में ये लोगों द्वारा फैलाया गया एक भ्रम है.
1. काली बिल्ली का रास्ता काटना
बहुत से लोग जब घर से निकलते हैं और रास्ते में बिल्ली गुजर जाती है तो आगे नहीं जाते क्योंकि उन्हें अपशकुन होने का डर रहता है. मगर इसके पीछे की सच्चाई ये है कि प्राचीन काल में जब लोग बैलगाड़ियों से कहीं जाते थे तो रास्ते में अक्सर तेंदुए, लोमड़ी या बड़ा जानवर आ जाता था और उसकी चमकती आंखों की वजह से बैल डरता और आगे नहीं जाता था. इसलिए किसी भी नुकसान से बचने के लिए लंबी यात्रा को रोक दिया जाता था लेकिन समय के साथ ये अवधारणा बिल्ली तक आ गई और लोग इसे ही अपशकुन मानने लगे जबकि ऐसा कुछ नहीं होता.
2. मंगलवार के दिन बाल नहीं कटवाना
पुराने दिनों में ज्यादातर लोग किसानी का काम करते थे. अपने खेतों में मेहनत करने के बाद सोमवार को वे आराम करते ते और इसी दिन वे अपने घर की सफाई करते और बाल भी कटवाते ते. इसलिए नाई को मंगलवाल को ज्यादा काम नहीं मिलता था और दुकाने बंद रहती हैं. धीरे-धीरे ये अवधारणा बनी और लोगों में अंधविश्वास आ गया कि मंगलवार को बाल नहीं कटवाया जाता है.
3. दुकानों में नींबू और हरी मिर्च का लटकाना
कपास के धागे में 7 मिर्च और नींबू को लटकाने का रिवाज बन गया है लेकिन इसके लटकाने के पीछे की वजह से ये है कि अगर ये ताजा लटकाया जाता है को इसमें से एसिड अवशोषित होता है. ये सरल कीटनाशक के रूप में प्रयोग किया जाता था और इससे दुकानों को कीटों को दूर रखने के लिए प्रयोग किया जाता था बाद में इसके पीछे अवधारणा प्रचलित हो गई कि ये दुकान को बुरी नजर से बचाता है.
4. मासिक धर्म को अशुद्ध मानना
महिलाओं में जब मासिक धर्म होता है तो लोग पूजा नहीं करने देते, कुछ भी नहीं छूने की सलाह देते हैं, मगर इसके पीछे का कारण ये रहा है कि पहले के जमाने में लोग महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान आराम करने की सलाह देते थे और मेहनत वाले कामों को नहीं करवाते थे. मगर आज इसे लेकर बहुत सी प्रथाएं बना दी गई है.
5. मृत्यु के बाद आंखों को बंद करना
हमने अक्सर फिल्मों में देखा है कि जब कोई मर जाता है तो उसकी आंखें बंद कर दी जाती हैं. फिर लोग मानने लगते हैं कि ये एक प्रथा है लेकिन असल बात ये होती है कि मृत लोगों की आंखे इसलिए बंद की जाती है जिससे उसके परिजन को लगे कि वो शांति से सो रहा है और उन्हें तकलीफ थोड़ी कम हो.