विशेष

कामाख्या मंदिर: इस मंदिर में छिपे हैं गहरे रहस्य, जानिए क्या है सच

कामाख्या मंदिर: इस दुनिया में ऐसी कईं जगह हैं, जो अपने आप में हजारों राज़ और रहस्य लिए बैठी हैं. ऐसी जगहों को कुछ लोग भूतिया जगह भी कहते हैं इसलिए इन जगह पर आने जाने से लोग कन्नी कतराते हैं. दरअसल, इंसान का डर उसे रहस्मयी चीज़ों से दूर रहने को मजबूर करता है. आपने कईं भूतिया महलों या किलों के बारे में सुना या पढ़ा होगा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान का घर भी रहस्मयी हो सकता है? जी हाँ, आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे लोग कामाख्या मंदिर के नाम से जानते हैं. कामाख्या मंदिर ऐसा मंदिर है जो सदियों से नजाने कितने राज अपने सीने में दफन किए बैठा है. कहते हैं इस मंदिर में कईं तरह की तांत्रिक शक्तियों का अनुभव किया गया है जो आज भी इस मंदिर को एक अनसुलझी पहेली बनाता है. गौरतलब है कि मंदिर में मौजूद ब्रह्मपुत्र नदी अपने आप लाल हो जाती है. आज हम आपको कामाख्या मंदिर रहस्य और मंदिर से जुडी कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं.

परंतु इससे पहले आपको बता दें कि कामाख्या  एक जगह है जो कि असम की राजधानी दिसपुर के पास मौजूद गुवाहटी से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है. इसी मंदिर से 10 किलोमीटर पर नीलांचल पर्वत है जिसके ऊपर देवी सती का कामाख्या मंदिर बना हुआ है. यह मंदिर अपने आप में कईं रहस्य समोए हुए है जिसके कारण इसे तंत्र सिद्धि मंदिर भी कहा जाता है. कामाख्या मंदिर रहस्य से जुडी कथाएँ निम्नलिखित हैं.

कामाख्या मंदिर- मंदिर है शक्तिपीठ

गुवहाटी के नीलांचल पर्वत पर बसा कामाख्या मंदिर रहस्य से भरा मंदिर है. इस मंदिर की प्रसिद्धि के चलते इससे 108 कामाख्या मंदिर है शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. मंदिर को 16वीं सदी में नष्ट कर दिया गया था लेकिन इसका पुन: निर्माण 17वीं शताब्दी में राजा नर नरायण ने करवाया. मंदिर को लेकर एक कथा काफी प्रचलित है. कहा जाता है कि पिता द्वारा किए जा रहे यज्ञ की अग्नि में कूदकर जब सटी ने आत्मदाह किया तो भगवान शिव क्रोध में तांडव कर रहे थे. उस समय उन्होंने क्रोध शांत करने के लिए सती के शरीर के टुकड़े कर दिए थे. तांडव के दौरान सती का गर्भ और योनी भाग नीलांचल पर्वत पर जा गिरा था जिसके बाद वहां कामाख्या मंदिर बनवाया गया.

कामाख्या मंदिर- कामदेव का पौरुष

इस मंदिर के निर्माण को लेकर एक और कथा काफी प्रचलित है. कहा जाता है कि एक बार कामदेव ने अपना पुरुषत्व खो दिया था. उस समय उन्हें इस स्थान पर सती का गर्भ और योनी भाग मिला जिसके बाद उन्हें उनका पुरुषत्व वापिस मिल गया. वहीँ कुछ लोगों के अनुसार इसी स्थान पर भगवान शिव और सती के प्रेम की शुरुआत हुई थी. उनके प्रेम प्रसंग के चलते मंदिर का नाम कामाख्या रखा गया. संस्कृत भाषा में प्रेम को ‘काम’ कहा जाता है.

कामाख्या मंदिर- अधूरी सीढियां

कामाख्या मंदिर के पास मौजूद सीढियां अधूरी हैं जिसके बारे में एक और कथा प्रचलित है. कहा जाता है कि नरका नाम का एक राक्षस कामाख्या देवी की सुन्दरता देख कर उन पर मोहित हो गया था. ऐसे में उसने देवी को विवाह का प्रस्ताव भिजवाया. कामाख्या देवी ने उसे शादी के लिए शर्त रखी कि यदि वह सुबह होने से पहले मंदिर की सीढियां बना लेता है तो वह उसको पति स्वीकार कर लेंगी. नरका को लगा वह इस शर्त को आसानी से पूरा कर लेगा परंतु देवी कामाख्या ने कौवे को मुर्गा बना कर उससे जल्दी बांग दिलवा दी. शुरुआत में नरका को लगा कि वह शर्त हार गया है लेकिन जब उसे सच्चाई का पता चला तो उसने उस मुर्गे की वहीँ बलि दे दी. उस स्थान को आज कुकुराकता नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि तब से लेकर आज तक उस मंदिर की सीढियां अधूरी हैं.

कामाख्या मंदिर- कामाख्या देवी मंत्र

कामाख्या-मन्त्र’ का विनियोग, ऋष्यादि-न्यास उक्त ‘कामाख्या-मन्त्र’ के विनियोग, ऋष्यादि-न्यासादि इस प्रकार हैं-

।। विनियोग ।।

ॐ अस्य कामाख्या-मन्त्रस्य श्रीअक्षोभ्य
ऋषि:, अनुष्टुप् छन्द: , श्रीकामाख्या देवता, सर्व- सिद्धि-प्राप्त्यर्थे जपे विनियोग:।

।। ऋष्यादि-न्यास ।।

श्रीअक्षोभ्य-ऋषये नम: शिरसि,
अनुष्टुप्-छन्दसे नम: मुखे,
श्रीकामाख्या-देवतायै नम: हृदि,
सर्व- सिद्धि-प्राप्त्यर्थे जपे विनियोगाय नम: सर्वाङ्गे।

।। कर-न्यास ।।

त्रां अंगुष्ठाभ्यां नम:,
त्रीं तर्जनीभ्यां स्वाहा,
त्रूं मध्यमाभ्यां वषट्,
त्रैं अनामिकाभ्यां हुम्,
त्रीं कनिष्ठिकाभ्यां वौषट्,
त्र: करतल-कर-पृष्ठाभ्यां फट्।

।। अङ्ग-न्यास ।।

त्रां हृदयाय नम:,
त्रीं शिरसे स्वाहा,
त्रूं शिखायै वषट्,
त्रैं कवचाय हुम्,
त्रौं नेत्र-त्रयाय वौषट्,
त्र: अस्त्राय फट्।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/ agen slot gacor
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy7bet https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/ dreamplay77 oneplay77 monte77
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor jp slot gacor slot thailand https://www.lanuovaguida.it/ slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://repdtrackingsystem.basc.edu.ph/ https://qread.basc.edu.ph/ https://confirms.basc.edu.ph/ https://officialstore.it.com/ https://ecourse-lpug.gunadarma.ac.id/data/ https://unilinkindia.com/ https://161.35.239.72/ https://64.23.174.29/ https://rosalindwilliams.com/ https://zygmarketing.site/ https://leaderships.la/ http://www.oyo-hotel-ciater.epizy.com/data/ https://akuview.com/ https://www.akarta.es/ https://www.jamesjoyceristopub.it/ https://banarasiniketan.com/index.php
https://biolinku.co/galaxy77bet https://biolinku.co/agen77bet https://biolinku.co/marvel77 https://biolinku.co/taipan77 https://biolinku.co/republik77 https://biolinku.co/pegasusplay77 https://biolinku.co/playwin77 https://biolinku.co/darumaplay77 https://biolinku.co/asiaplay17 https://heylink.me/galaxy77bet+/ https://duniabiru.lol/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy77bet