अगर आपके घर में भी है तुलसी का पौधा तो जानिए तुलसी पूजा का सही नियम
वैसे तो पौधे के रूप में तुलसी का पौधा हर धर्म के लोग रखते हैं लेकिन हिंदू धर्म में इस पौधे को देवी का स्वरूप माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म के लोगों के घरों में तुलसी का पौधा जरूर पाया जाता है औऱ ये परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. आपने भी इसे हर हिंदू धर्म के घरों में देखा होगा जहां सुबह और शाम तुलसी पूजा करते हैं और इसे देवी का दर्जा देते हैं.
हिंदू धर्म के लगभग सभी घरों में इस पौधे को रखकर इसकी पूजा करते हैं और ये छोटा सा पौधा घर के सभी लोगों को बुरी नजर और रोगी होने से बचाता है. तुलसी का पौधा अगर सही नियम के हिसाब से पूजा जाए तो आपके घरों में इसका फायदा आपको देखने को मिल सकेगा. अगर आपके घर में भी है तुलसी का पौधा, आपको इसके सही नियमों को पता होना चाहिए और इसके साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिए कि तुलसी का पौधा और उसके पत्ते व्यक्ति के स्वास्थ्य को कैसे ठीक रख सकता है.
यह भी पढ़ें : केवल फायदा ही नहीं तुलसी का पौधा पहुँचा सकता है आपको नुकसान भी, जानें इससे जुड़ी कुछ ख़ास बातें
तुलसी पूजा के नियम
कई बड़ी वेबसाइट और कई किताबों में तुलसी के पौधे का वर्णन किया गया है जिसमें उसमें पाए गए गुण ना सिर्फ शास्त्रों के अनुसार बताए गए हैं बल्कि उसे वैज्ञानिक तौर पर भी लाभकारी बताया गया है. तुलसी एक आर्युवेदिक पौधा होने के साथ-साथ शास्त्रों के अनुसार बहुत ही पवित्र और पूजनीय पौधा है, जिसे सभी मां लक्ष्मी का स्वरूप मानते हैं इसलिए हिंदू घरों में इस पौधे का होना अनिवार्य माना गया है और ऐसा बताया जाता है जिस घर तुलसी का वास होता है वहां स्वंय नारायण वास करते हैं. इसलिए आपको इस पौधे की पूजा अवश्य करनी चाहिए जिससे आपके घर में सुख-संपत्ति बनी रहे.
तुलसी पूजा विधि और नियम
अब हम आपको तुलसी पूजा का नियम और विधि बातएंगे जिसे जानने के बाद आपको वैसा ही करना चाहिए और इसकी विधि हर कोई नहीं जानता. तुलसी पूजन के लिए आपको एक साफ बर्तन में और एक कलश या लोटा रखना होगा जिसमें जल भरा हो. इसके बाद अगरबत्ती, धूप, घी का दीपन और सिंदूर इकट्टा करके घर के आंगन में पौधा रखिए.
अब तुलसी मंत्र – “महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्य वर्धनी आधी व्याधि हरा नित्यं तुलसी तुम नमोस्तुते।” पढ़िए और इनका पूजन करने के बाद सिंदूर चढ़ाएं और घी के दीपक से आरती करें.
तुलसी पूजा – तुलसी माँ की आरती
जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।।
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
रुज से रक्षा करके भव त्राता
जय जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित
पतित जनो की तारिणी विख्याता
जय जय तुलसी माता ।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता
जय जय तुलसी माता ।।
जिस दिन तुलसी विवाह हो उस दिन तुलसी जी का श्रृंगार भी करना अच्छा माना जाता है और इस दिन घी के दीपक से उनकी आरती करना बेहद अच्छा माना जाता है. तुलसी जी को भोग में पूड़ी और कुछ भी मीठा चढ़ाना अच्छा होता है, तुलसी विवाह के दिन ऐसा करना अच्छा माना जाता है.
रविवार को तुलसी पूजा
शास्त्रों में बताया गया है कि एकादशी के दिन, रविवार या गुरुवार वाले दिन या सूर्य ढलने के बाद तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. सुबह और शाम तुलसी को पानी के साथ-साथ आरती भी करनी चाहिए, इससे घर में पॉजिटिविटी बनी रहती है और बुरी नजर घर के अंदर नहीं आती. इस बात का खास खयाल रखना चाहिए कि तुलसी का एक भी पत्ता सूखना नहीं चाहिए और ना ही इसे नाली में प्रवाहित करें इसके अलावा झाड़ू में भी इसके पत्तों को नहीं बहाना चाहिए. तुलसी का पत्ता जुखाम, बुखार या फिर खरास होने पर बहुत काम आता है.
आप को तुलसी पूजा के नियम अच्छे लगे हों तो पोस्ट को ज़रूर शेयर करें
यह भी पढ़ें : Basil in hindi